Friday, November 29, 2024

Bageshwar Dham: आज जान लीजिए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितना कमाते हैं, एक कथा का करते हैं इतना चार्ज

 

 

 

 

 

Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इनदिनों अपनी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Ekta Padyatra) के लिए चर्चा में हैं। देश-विदेश तक चर्चाओं में रहने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री न सिर्फ अपनी कथा बल्कि बयानों की वजह से भी सुर्ख़ियों में रहते हैं। आज हम आपको पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी वो अनसुनी बातें बताएंगे, जो आप शायद नहीं जानते होंगे।

आख़िर कौन हैं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( who is Pandit Dhirendra Krishna Shastri?)


उनका जन्म गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश के गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि उनका बचपन बेहद अभावों में गुजरा। एक समय वे मिट्टी के कच्चे घर में रहा करते थे, जिसमें बारिश के दिनों अक्सर पानी टपकता था। वहीं, घर में खाने तक का अभाव था। उनके इसी गांव में बागेश्वर धाम का अति प्राचीन मंदिर है। गढ़ागंज गांव में ही उनका पैतृक घर है, जिसमें उनके दादा पंडित भगवान दास गर्ग (सेतु लाल) रहा करते थे।

क्यों इतने पॉपुलर हैं बागेश्वर धाम? (Why is Bageshwar Dham so popular?)

उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान पर्ची के माध्यम से करते हैं। भक्त बागेश्वर सरकार के दरबार में अपने दुखों की अर्जी लगाते हैं और वे एक कागज में लिखकर उनकी सारी तकलीफों का समाधान बता देते हैं। उनके दरबार में न सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि वीवीआईपी, नेता, अभिनेता और बड़े उद्योगपति तक हाजरी लगाते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि देश की सबसे अमीर शख़्सियत मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) और राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) की शादी में उन्हें ऑस्ट्रेलिया से ख़ास विमान के जरिए बुलाया गया था।

इस शख़्स की वजह से हो गए थे लोकप्रिय?


श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली थी। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र के दो कानूनों की वजह से चर्चा में आ गए थे। दरअसल, महाराष्ट्र में औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और दूसरा कानून मानव बलिदान और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथा व काला जादू रोकथान और उन्मूलन ऐक्ट, 2013 लागू हैं। इन्हीं कानूनों के चलते बागेश्वर सरकार को मुसीबत का सामना भी करना पड़ा। दूसरी और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई। दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री कुछ साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम में गए थे। उस समय वे लोगों का दिमाग़ रीड करने का दावा करते थे। यही वजह हैं कि महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली। समिति ने बागेश्वर सरकार को चुनौती दी कि अगर वे लोगों के दिमाग को पढ़ लेने के दावे को साबित करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये का ईनाम भी दिया जाएगा। लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया और वे नागपुर का प्रोग्राम छोड़कर आ गए। इसके बाद अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव को जान से मारने की धमकियां भी मिली।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता थे नशे के आदि

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पुरानी फोटो। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महज 12 साल की उम्र से प्रवचन देना शुरू कर दिया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव गढ़ा के एक सरकारी स्कूल में हुई। कुछ लोगों का दावा हैं कि बागेश्वर सरकार ने बीए की डिग्री हासिल की हैं, वहीं कुछ लोग दावा करते हैं कि वे केवल 8वीं तक पढ़े हैं। उनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग, माता का नाम सरोज गर्ग और छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग हैं। कहा जाता कि उनके पिता रामकृपाल गर्ग नशे के बेहद आदि थे। इस वजह से वे बागेश्वर धाम का कामकाज नहीं देखते थे। ऐसा कहा जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने दादाजी भगवान दास गर्ग के सानिध्य में बागेशर धाम में कथा करते थे। इसी वजह से उन्हें बालाजी हनुमान की कृपा से कई सिद्धियां प्राप्त हुई।

करोड़ों में है धीरेंद्र शास्त्री की नेट वर्थ (Dhirendra Shastri’s net worth is in crore)

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बागेश्वर सरकार एक कथा के लिए करीब 3.5 लाख रुपये चार्ज करते हैं। हालांकि, उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते उनकी फीस में भी इजाफा हो गया होगा। वे महीने में करीब तीन कथाएं करते हैं और एक कथा में 10-15 दिन का समय लगाते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागेश्वर सरकार की नेट वर्थ करीब 20 करोड़ के आसपास हैं। दरअसल, कथा के दौरान भक्तों से दान के तौर पर खूब पैसा मिलता है। बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर दावा किया गया कि वे कथा और चढ़ावे के पैसों से चैरिटी के काम करते हैं। उनका ज्यादातर पैसा भूखों को भोजन कराने, गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह करवाने, गौ रक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैदिक गुरुकुल संचालन करने में खर्च होता है।

  • हाइलाइट्स-

  1. धीरेंद्र शास्त्री सनातन हिंदू एकता पदयात्रा से चर्चा में हैं।
  2. उनका बचपन काफी अभावों में बीता।
  3. उनकी नेटवर्थ करोड़ों में आंकी गई हैं।
  4. उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं।
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