राम नवमी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। रामायण में भगवान राम के जीवन के आदर्शों को बड़े श्रद्धा के साथ बताया गया है। उनके जीवन से जुड़े प्रत्येक अध्याय में हमें कर्तव्य, धर्म और सत्य के पालन की शिक्षा मिलती है।
हिंदी पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगी और समापन 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि के हिसाब से राम नवमी 6 अप्रैल रविवार के दिन मनाई जाएगी. 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 8 मिनट से 7 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 7 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग रहेंगे. इन दो शुभ योग के चलते राम नवमी बहुत खास हो गई है. पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो अतिशुभ समय 6 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 01 मिनट से 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. वहीं शुभ समय सुबह 9 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.
श्री राम के पूजन के लिए एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर प्रभु श्रीराम की तस्वीर स्थापित करें. इस तस्वीर को ऐसे रखें की पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा में रहे. पंचामृत से प्रभु का अभिषेक करें. उन्हें धूप, दीप, पुष्प, रोली, चंदन, अक्षत, वस्त्र, कलावा, भोग आदि अर्पित करें. उसके बाद आरती करके श्री राम स्तुति का पाठ करे…