काठमांडू| नेपाल लंबे समय तक दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र रहा, लेकिन लोकतंत्र आने के बाद इसे सेकुलर घोषित कर दिया था, अब देश में राजशाही समर्थक आवाजें उठा रहे हैं और उनका कहना है कि लोकतंत्र की व्यवस्था को खत्म करके शाही परिवार को फिर से सत्ता सौंप दी जाए।
वही दूसरी तरफ नेपाल में धर्म को लेकर भी एक बड़ा विवाद बना हुआ है। 2021 के सेंसस के मुताबिक नेपाल में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग 81 प्रतिशत से ज्यादा हैं। इसके बाद बौद्ध धर्म इस्लाम और ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। क्रिश्चियन कम्युनिटी के सर्वे के मुताबिक नेपाल में हाल के कुछ वर्षों में लगभग 7758 चर्च बन गए,
हाल ही में काठमांडू की सड़कों पर राजशाही समर्थकों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस आओ, देश बचाओ” जैसे नारे लगाए। उनका आरोप है कि नेपाल के राजनीतिक दल पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुके हैं और वे दूसरे धर्मों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके कारण नेपाल की पहचान खत्म हो सकती है। उनका कहना है कि जब शाही परिवार सत्ता में था, तब देश खुशहाल हुआ करता था