Friday, April 18, 2025

Digital Arrest: 16 साल की बेटी ने पिता को ‘डिजिटल अरेस्ट’ से बचाया, ठगों की चाल हुई नाकाम

मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है, जिसमें 16 साल की मृणाल करड़ेकर ने शातिर ठगों की चालाकी को समझते हुए अपने पिता को 'डिजिटल अरेस्ट' से बचा लिया।

DIGITAL ARREST NEWS: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है, जिसमें 16 साल की मृणाल करड़ेकर ने शातिर ठगों की चालाकी को समझते हुए अपने पिता को ‘डिजिटल अरेस्ट’ से बचा लिया। यह घटना डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता का एक बेहतरीन उदाहरण है।

क्या है डिजिटल अरेस्ट की कहानी

ग्वालियर के तारागंज क्षेत्र के निवासी प्रकाश करड़ेकर, जो दवा कारोबारी हैं, को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनका मोबाइल नंबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और अवांछित मैसेजिंग में शामिल है।

– कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और बाद में सीबीआई अधिकारी बताया।
– ठगों ने प्रकाश को धमकी दी कि मुंबई क्राइम ब्रांच उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम भेज रही है।
– उनके पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें एक वर्दीधारी व्यक्ति उन्हें नोटिस दिखाते हुए धमकाने लगा।
– प्रकाश घबरा गए और डेढ़ घंटे तक ठगों के ‘डिजिटल अरेस्ट’ में फंसे रहे।

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कैसे किया बेटी मृणाल ने ठगों का सामना

जब मृणाल स्कूल से घर पहुंची, तो उसने अपने पिता को परेशान और सहमे हुए देखा।
– पहले तो उन्होंने पिता से बात करने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ बताने को तैयार नहीं थे।
– मृणाल ने तुरंत मोबाइल फोन अपने हाथ में लिया और कॉल काट दिया।
– ठगों के दोबारा कॉल करने पर मृणाल ने खुद उनसे बात की और उनके हर सवाल का जवाब दिया।
– मृणाल ने ठगों से उल्टा सवाल करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें समझ आ गया कि उनकी चाल अब काम नहीं करेगी।

कैसे समझें ‘डिजिटल अरेस्ट’ की चाल

मुंबई पुलिस का यह फेक डॉक्यूमेंट दिखाकर डराने की कोशिश की गई। चित्र:सोशल मीडिया

– ठग पहले डराते हैं कि आपका मोबाइल आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है।
– वे सरकारी अधिकारी, जैसे CBI या पुलिस बनकर गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
– वीडियो कॉल में फर्जी वर्दीधारी अधिकारी दिखाकर विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं।
– ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर आपको घेरने और डराने का प्रयास करते हैं।

इस घटना से सबक

सतर्क रहें किसी भी अनजान कॉलर की बातों पर तुरंत भरोसा न करें। जानकारी जांचें किसी भी सरकारी कार्यवाही की पुष्टि संबंधित विभाग से करें। डिजिटल सुरक्षा फर्जी कॉल और मैसेजिंग के जाल से बचने के लिए जागरूक रहें । मृणाल करड़ेकर की सतर्कता और साहस ने न केवल उनके पिता को ठगों से बचाया,बल्कि पूरे देश को डिजिटल ठगी से बचने का एक बेहतरीन उदाहरण भी दिया है।

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