Friday, April 11, 2025

इंदौर में महिला भिखारी के पास से मिले 75 हजार रुपये, एक हफ्ते की कमाई बताई

मध्यप्रदेश के इंदौर में भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल के दौरान एक महिला भिखारी के पास से 75,748 रुपये कैश मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना प्रशासन और आम जनता के लिए चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि महिला ने बताया कि यह उसकी महज एक हफ्ते की भीख मांगने से हुई कमाई है।

INDORE NEWS: मध्यप्रदेश के इंदौर में भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल के दौरान एक महिला भिखारी के पास से 75,748 रुपये कैश मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना प्रशासन और आम जनता के लिए चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि महिला ने बताया कि यह उसकी महज एक हफ्ते की भीख मांगने से हुई कमाई है।

कैसे हुआ खुलासा

रेस्क्यू अभियान इंदौर जिला प्रशासन द्वारा भिखारी मुक्त शहर अभियान के तहत महिला का रेस्क्यू किया गया। जब अधिकारियों ने महिला की तलाशी ली, तो उसकी साड़ी के पल्लू में 500, 200, और 100 रुपये के कई नोट मिले जिसमे छोटे नोट और सिक्के भी शामिल थे।

महिला का दावा

महिला ने अधिकारियों को बताया कि वह इंदौर के बड़ा गणपति के पास स्थित शनि मंदिर के बाहर भीख मांगती है और आमतौर पर हर 10-15 दिनों में इतनी रकम इकट्ठा कर लेती है। उसने कहा कि यह उसके एक हफ्ते की कमाई है। महिला को रेस्क्यू के बाद सेवाधाम आश्रम भेज दिया गया है, जहां उसकी देखरेख की जाएगी।

भिखारी मुक्त अभियान

फरवरी 2024 से चल रहे इस अभियान के तहत सात विभागों की संयुक्त टीम ने इंदौर के भिखारियों को पुनर्वास का विकल्प दिया है। उन्हें आश्रमों में भेजा जा रहा है और भिक्षावृत्ति छोड़ने के लिए समझाइश दी जा रही है। प्रशासन का लक्ष्य शहर को भिक्षावृत्ति से पूरी तरह मुक्त करना है।

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सवाल जो उठते हैं

1. भीख मांगने की व्यवस्था : महिला के दावों से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक स्थलों पर भीख मांगना एक संगठित गतिविधि हो सकती है।
2. पुनर्वास का प्रभाव: प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि इस तरह के भिक्षुकों को बेहतर रोजगार या जीवनयापन के साधन मुहैया कराए जाएं।
3. आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण: यह घटना समाज में भिक्षावृत्ति के पीछे की जटिलताओं और इसके आर्थिक पहलुओं की ओर ध्यान दिलाती है।

महिला के पास से इतनी बड़ी रकम मिलना और उसकी नियमित आय का दावा इस बात को उजागर करता है कि भीख मांगने की प्रथा,खासकर धार्मिक स्थलों के पास,एक गंभीर मुद्दा है। प्रशासन की भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल सराहनीय है, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए भिक्षुकों के लिए दीर्घकालिक समाधान और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है।

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