दिल्ली। आखिरकार वो दिन आ गया है जब भारत, जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। समिट के पहले दिन दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दिग्गज नेता एक साथ बैठे और वैश्विक मसलों पर मंथन किया। दिल्ली में भारत मंडपम में कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बता दें कि यह समिट दो दिन चलेगा। इसमें जलवायु परिवर्तन, ऋण, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और जियोपॉलिटिकल तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत ने शिखर सम्मेलन की थीम ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ रखी है।
पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी यूनियन का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इससे जी-20 मज़बूत होगा और ग्लोबल साउथ की आवाज भी मजबूत होगी। बता दें कि वैश्विक दक्षिण का प्रमुख समूह अफ्रीकीन यूनियन भी जी-20 में शामिल हो गया है। सभी सदस्य देशों ने पीएम मोदी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मोदी ने कहा कि आप सभी के समर्थन से, मैं अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। बता दें कि अफ्रीकी संघ एक प्रभावशाली संगठन है, जिसमें 55 सदस्य देश शामिल हैं।
पीएम मोदी ने विश्व में विश्वास का संकट बताकर सबका साथ, सबका विकास वाला मंत्र दिया। मोदी ने कहा, ये वो समय है, जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं। इसलिए हमें मानव शांति दृष्टिकोण के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना है। कोरोना के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते है। आज जी-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले वैश्विक तौर पर इस संकट को एक विश्वास और भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है. इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ पथप्रर्दशक बन सकता है।