11Nov

Digital Arrest: नर्स को बंद कमरे में 21 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, आरोपियों ने पानी तक नहीं पीने दिया

Digital Arrest: मध्य प्रदेश के खंडवा में एक नर्स को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) करने का मामला सामने आया है। महिला खंडवा के जिला अस्पताल में पदस्थ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला को करीब 21 घंटे तक बंद कमरे में डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इस दौरान उसे कुछ खाना तो दूर पानी तक नहीं पीने दिया।

नर्स को आरोपियों ने पहले फोन कॉल किया इसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी उसे तस्करी और ड्रग्स की सप्लाई में नाम आने के नाम पर ठगने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वह कुछ भी रुपये ट्रांसफर कराने में असफल रहे। महिला को यह फोन कॉल पंजाब और ओडिशा के नंबर से आए थे। नर्स का नाम कंचन उइके है।

एसपी मनोज राय ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नर्स 21 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। यहां तक उसे पानी तक नहीं पीने दिया गया। महिला ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में की। इससे पहले भी खंडवा में डिजिटल अरेस्ट के मामले आ चुके हैं। जिसमें नर्स के अलावा डॉक्टर और अफसर शामिल है। महिला को सबसे पहले कॉल शुक्रवार को करीब 2 बजे आया था। इसके बाद उन्हें शनिवार सुबह तक करीब 21 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। महिला यह भी बताया कि डिजिटल अरेस्ट वारंट से डर गई था। इस मामले में एसपी मनोज राय ने बताया कि डिजिटल वारंट जैसी को चीज नहीं होती है। इससे डरने की आवश्यकता नहीं है।

मकान मालिक ने खुलवाया दरवाजा

पुलिस के मुताबिक, नर्स को आरोपियों ने 21 घंटे तक बंद कमरे में डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान उसे खाना तो दूर पानी तक नहीं पीने दिया और न ही किसी से बात करने दी गई। आरोपियों ने सबसे पहले महिला को फोन कॉल किया था। फिर उन्हें व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट रखा गया। महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपी खुद को महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच के अफसर बताते रहे थे और महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी पहनकर ही वीडियो कॉल कर रहे थे। महिला शुक्रवार दोपहर से शनिवार सुबह तक अरेस्ट रही। जब नर्स ने दिनभर दरवाजा नहीं खोला तो एक परिचित और मकान मालिक ने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया। तब जाकर महिला ने हिम्मत जुटाकर दरवाजा खोला। वहीं, ठगों ने नर्स की सहेली से 50 हजार रुपये ठग लिए।

 

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