Gwalior News: सोमवार को ग्वालियर के हजीरा स्थित जेसी मिल का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दौरा किया। जेसी मिल इंदौर की हुकुमचंद मिल की तरह कई सालों से बंद है। मुख्यमंत्री के साथ क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर भी जेसी मिल पहुंचे।
इससे पूर्व सीएम ने मिल के मजदूरों और यूनियन के नेताओं से भेंट करते हुए मिल के ड्राइंग के माध्यम से मिल के ढाँचे को समझा। वहीं, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने मुख्यमंत्री को मिल मजदूरों की देनदारी और मिल की खाली पड़ी जमीन की नीलामी की जानकारी दी। वहीं, मुख्यमंत्री की इस पहल से मजदूरों के चेहरे पर ख़ुशी लौट आई। उन्होंने मुख्यमंत्री की जमकर प्रशंसा की। मजदूर नेताओं ने मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वह प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री है, जिन्होंने मिल मजदूरों के दर्द को समझा है।
जेसी मील मजदूर यूनियन के इंद्रपाल सिंह ने कहा कि उन्हें सीएम के इस कदम से राहत है। इससे पहले वे हुकुमचंद मिल के मजदूरों को भी न्याय दिला चुके हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है जेसी मिल के मजदूरों को भी न्याय मिलेगा। सालों से इंतज़ार कर रहे मजदूरों को उनका पैसा मिलेगा। इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा उनकी सरकार महिलाओं, किसानों, मजदूरों की बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हम मजदूरों को उनका पैसा जरूर दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबध्द है। जेसी मिल के 8 हजार से अधिक मजदूरों को जल्द ही न्याय मिलेगा। वहीं, जो मजदूर अपनी लड़ाई में काल कलवित हो गए हैं। उनके परिवारों को जल्द न्याय मिलेगा।
सीएम आगे कहा कि मजदूरों को उनका पैसा मिलें इसके लिए हम अदालत के सामने मजबूती से अपना पक्ष पेश करेंगे। वहीं, उन्होंने कहा कि आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए बैंकों से बात करेंगे। ताकि कम से कम समय में मजदूरों को न्याय मिल सकें। इधर, मजदूर यूनियन ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।
गौरतलब है कि ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में करोड़ों के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल प्राप्त हुए है। सीएम कहा कि हम सालों से बंद पड़ी जेसी मिल में आईटी सेक्टर लाने के लिए प्रयासरत है। इससे ग्वालियर चंबल अंचल के युवाओं को आसानी से रोजगार मिलेगा।