Farmer Suicide: बैंकों के कर्ज का बोझ हो या फिर फसल ख़राब कई वजहों से देश में हर साल हजारों किसान मौत को गले लगा लेते हैं। लेकिन गुना से एक बेहद ही चौंकाने वाली ख़बर सामने आ रही है, जब एक किसान ने डीएपी खाद नहीं मिलने की वजह से खुदकुशी कर ली। किसान ने अपनी मौत से पहले एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
मृतक किसान गुना जिले की बमोरी तहसील के झागर गांव का है। किसान का नाम भगवत सिंह किरार (45 ) है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मृतक किसान रविवार को दिन भर खाद के लिए लाइन में खड़ा रहा। लेकिन उसे खाद नहीं मिल पाया। इसके बाद रात को भगवत सिंह किरार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अपनी मौत से पहले किसान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया।
वीडियो में किसान यह कहते नज़र आ रहा है कि ”तहसील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे बड़े नेताओं को कहकर खाद मंगाया गया। लेकिन तहसीलदार और अन्य अफसरों की लापरवाही की वजह से किसानों को खाद नहीं मिल पाया है। साथ ही किसान ने क्षेत्र में खाद बंटवारे में फर्जीवाड़े की बात भी कही। किसान ने कहा कि खाद बंटवारे में लापरवाही की वजह से किसानों में भगदड़ है और उन्हें घंटों लाइन में भूखे -प्यासे खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान कह रहा है कि ऊपर तक (पीएम तक) बात पहुंचाई। इस कारण से क्षेत्र खाद की कई रैक आई। लेकिन प्रशासन द्वारा खाद अनियमित तरीके से बांटा जा रहा है। इस वजह से किसान आपस में ही झगड़ रहे हैं।”
बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार
इधर, किसान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं, सोमवार को किसान भगवत सिंह किरार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस वीडियो में किरार खाद न मिलने और व्यवस्था में गड़बड़ी की बातों जिक्र कर रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि किसान ने डीएपी खाद न मिलने और खाद बंटवारे में हो रही गड़बड़ी के चलते आत्महत्या की हो। हालांकि, पोस्टमार्टम न होने के कारण मौत की असल वजह का पता लगाना अब संभव नहीं हो पाएगा। बहरहाल, इस मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। वहीं, किसान के वीडियो से स्पष्ट हो रहा है कि किसान को भूखे प्यासे दिनभर जब प्रशासन की लापरवाही की वजह से खाद नहीं मिला तो उसने तनाव में आकर यह कदम उठाया हो।
मौत से पहले किसान ने क्या कहा?