Thursday, November 28, 2024

Indore News: गजवा-ए-हिन्द के जवाब में भगवा-ए-हिन्द के पोस्टर लगे, इंदौर की आबोहवा हवा बिगाड़ने की साजिश

फिरकापरस्त ताकतों की इन हरकतों ने लोकमाता अहिल्या देवी की प्रतिष्ठा को भी धूमिल कर दिया। वे समता, सांप्रदायिक सद्भावना, न्याय और वात्सल्य की देवी थीं। उन्होंने देशभर में न सिर्फ तीर्थों, बारह ज्योतिर्लिंगों, चारों धामों, मंदिरों आदि का पुनरुद्धार, अन्न क्षेत्र का आरंभ,नदियों पर बांधों का निर्माण, वृक्षारोपण, धर्मशालाओं, सड़कें व बावड़ियों के निर्माण के साथ मस्जिदों तथा पीर दरगाहों को भी मदद की।

Indore News: मां अहिल्या की समता, संवेदना, न्यायप्रियता और वत्सलता से सराबोर इंदौर देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक विख्यात है। लेकिन अब ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘भगवा-ए-हिन्द’ के नाम पर इसे झुलसाने की पुरजोर साजिश की जा रही है। इंदौर का कभी ‘चूड़ीवाले’ तो कभी ‘चाटवाले’ के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसाये जाने का पुराना इतिहास रहा है।

अब देश के दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘भगवा-ए-हिन्द’ के कथित पोस्टरों के जरिए सांप्रदायिकता की लू से झुलसाने की गहरी साजिश हो रही है। दरअसल, पिछले दिनों इंदौर की एक मस्जिद पर लगे ‘गजवा-ए-हिंद’ के पोस्टर से पूरे शहर में हल्ला मच गया था। बाद में बढ़ते विवाद के चलते इस पोस्टर को मस्जिद हटा लिया गया था।

अब ये विवाद थमा भी नहीं था कि अब शहर के ‘एजुकेशन हब’ कहे जाने वाले भंवरकुआ क्षेत्र में हिंदूवादी संगठन सक्रिय हो गए हैं। यहां उन्होंने यहां ‘बटेंगे तो कटेंगे,एक है तो सेफ है’ जैसे राजनीतिक नारों के साथ ‘भगवा-ए-हिन्द’ के पोस्टर लगाए।

 

 

घर के आंगन तक पहुंच गए पोस्टर


भंवरकुआ क्षेत्र में हिंदूवादी संगठनों ने ‘भगवा-ए-हिन्द’ के पोस्टर लगाए। चित्र: सोशल मीडिया

शहर में यह पोस्टर मंदिर-मस्जिद से होकर घर के आंगन तक पहुंच गए है। ‘भगवा-ए-हिन्द’ के पोस्टर हिन्द राष्ट्र संगठन नामक संस्था ने लगाए है, जिन्हें कई घरों के आंगन की दीवारों पर आसानी से देख सकते है। इस मामले में संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश शिरोडकर का गैर जिम्मेदार बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि ”शहर में गजवा-ए-हिंद नजर आए थे, लिहाजा हिंदू परिवारों को जागरूक और संगठित करने के लिए हमने एक है तो, सेफ के नारों के स्लोगन के साथ यह पोस्टर घर के आंगनों के बाहर चिपकाए हैं।” शिरोडकर आगे कहते हैं ”इन नारों के कारण अब हिंदू परिवार जागृत हो रहा है। अब तक हमने एक कॉलोनी में यह पोस्टर लगाए हैं। शनैः शनैः शहर की अन्य काॅलोनियों के निवासियों को भी इस तरह के पोस्टर बांटे जाएंगे।”

पुलिस गैर जिम्मेदाराना बयान

जब शहर में ‘भगवा-ए-हिन्द’ के पोस्टर लगने की जानकारी पहुंची तो आला अफसरों का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है। अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक, कथित मामले में पुलिस का कहना हैं कि ‘हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। लोगों ने अपनी इच्छा से यह पोस्टर लगाए हैं।’

भाजपा की साजिश

वहीं, उक्त मामले में कांग्रेस ने इसे भाजपा की गहरी साजिश करार दिया है। वेबदुनिया से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेठी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने कहा कि समय समय पर सांप्रदायिक ताकतों द्वारा शहर को झुलसाने की साजिश की जाती रही हैं और अब भी यही कोशिश हैं। इसमें बीजेपी समर्थक संगठन और कुछ संदिग्ध व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और इंदौर की जनता शांति और सांप्रदायिक सद्भावना के साथ रहना चाहती हैं। लेकिन मामले से बीजेपी समर्थक संगठनों के जुड़े होने से यह साबित होता है कि इसमें उसका गहरा षड्यंत्र हैं।

गांधी के विचारों से चलेगा देश

राकेश सिंह ने कहा कि यह देश गांधी का है, इसलिए यह ‘भगवा-गजवा’ के बजाय गांधी के विचारों से चलेगा। शहर में ऐसी फिरकापरस्त ताकतों पर सरकार को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। ऐसे पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके रासूका की कार्यवाही करना चाहिए। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्टर भी शेयर किया हैं, जिसमें लिखा हैं ‘न गजवा-ए-हिंद, न भगवा-ए-हिंद, देश को चाहिए गांधी-ए-हिंद।’ साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस तिरंगे की शान को कम करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी।

लोकमाता अहिल्या की प्रतिष्ठा दांव पर

फिरकापरस्त ताकतों की इन हरकतों ने लोकमाता अहिल्या देवी की प्रतिष्ठा को भी धूमिल कर दिया। वे समता, सांप्रदायिक सद्भावना, न्याय और वात्सल्य की देवी थीं। उन्होंने देशभर में न सिर्फ तीर्थों, बारह ज्योतिर्लिंगों, चारों धामों, मंदिरों आदि का पुनरुद्धार, अन्न क्षेत्र का आरंभ,नदियों पर बांधों का निर्माण, वृक्षारोपण, धर्मशालाओं, सड़कें व बावड़ियों के निर्माण के साथ मस्जिदों तथा पीर दरगाहों को भी मदद की।

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 “आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है, यदि समुद्र की कुछ बूंदें सूख जाती हैं तो            समुद्र मैला नहीं होता।” –महात्मा गांधी

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