इंदौर। देशभर में लगातार बढ़ते सायबर फ्रॉड की घटनाओं के चलते मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में व्यापारियों में इस कदर डर बैठ गया कि उन्होंने डिजिटल पेमेंट लेना ही बंद कर दी। राजवाड़ा के 650 से अधिक दुकानों पर अब यूपीआई से पेमेंट नहीं लिया जा रहा है। दरअसल, राजवाड़ा के रेडिमेड कपड़ों के कारोबारियों के एक संगठन का कहना हैं कि साइबर ठगी के मामलों में बेक़सूर दुकानदारों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। जिसके विरोध में कपड़ा व्यापारियों ने ग्राहकों से UPI पेमेंट की बजाय कैश पेमेंट लेने का निर्णय लिया है।
सरकार का ध्यान खींचने के लिए लगाए पोस्टर
राजवाड़ा में कपड़ों की कुछ दुकानों पर बोर्ड लगाए गए हैं कि ‘साइबर फ्रॉड की आशंकाओं के चलते ऑनलाइन-यूपीआई का पेमेंट नहीं ले पाएंगे।’ इस मामले इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन का कहना हैं कि साइबर ठगी के कारण कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में कारोबारियों की समस्याओं को तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए यह पोस्टर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि साइबर ठगी से धन हड़पने वाले अपराधी दुकानदारों को यूपीआई के जरिए भुगतान करते हैं। इसकी कीमत कारोबारियों को चुकाना पड़ती है। बेक़सूर लोगों के खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं। इससे बिजनेस तो चौपट हो ही रहा है साथ ही व्यापारियों की साख भी बिगड़ रही हैं।
शिकायत मिलने पर कारोबारियों पर कार्रवाई करेंगे
इस मामले में अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया का कहना हैं कि कारोबारियों द्वारा यूपीआई से पेमेंट नहीं लेने और नगद लेन देन को बढ़ाने की घोषणा पूरी तरह गलत है। यदि कोई कस्टमर इसकी शिकायत करता है तो संबंधित कारोबारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होंने कहा कि यदि किसी कारोबारी का साइबर ठगी की शिकायत के बाद खाता फ्रीज हो जाता है तो उचित दस्तावेज दिखाकर लेन देन को बहाल कर दिया जाता है।