Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुरीद उनकी पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी के लोग भी थे। उनके बारे में विपक्ष के नेता अक्सर कहा करते थे कि ‘अटलजी बेहद अच्छे आदमी थे, लेकिन ग़लत पार्टी में थे। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। अटल जी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ। वे देश के तीन बार प्रधानमंत्री बनें। पहली बार उन्होंने 1996 में महज 13 दिनों की सरकार चलाई। इसके बाद वे 1998 देश के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनें। इस बार उनकी सरकार 13 महीनों तक चलीं। साल 1999 में वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें और उन्होंने 2004 तक पूरे पांच सालों तक सरकार चलाई।
मोदी को हटाने का मन बना लिया था
साल 2002 में पूरा गुजरात दंगों की चपेट में था। बता दें कि इन सांप्रदायिक दंगों दोनों समुदाय के हजारों लोग मारे गए थे। गुजरात में हुए दंगों के समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी और राज्य में नरेंद्र मोदी की सरकार थीं। इन दंगों के बाद अप्रैल 2002 में गोवा में पार्टी की बैठक हुई थी। इस बैठक में उन्होंने इच्छा जताई थी कि मोदी सीएम पद से इस्तीफा दें। लेकिन उस समय लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी और पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं ने उनकी इन कोशिशों को असफल कर दिया था। बताते हैं कि उस समय बैठक में मोदी ने अभिनयात्मक तरीके से इस्तीफा देने की इच्छा प्रकट की। लेकिन बैठक के अन्य सहभागियों ने उनके प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया।
विमान में हटाने का मन बना लिया था
कहा जाता हैं कि उस वक्त गुजरात के दंगों से वाजपेयी जी बेहद हतोत्साहित थे और उन्होंने दिल्ली से गोवा जाते समय ही विमान में गुजरात मुक्यमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने का मन बना लिया था। कहा यह भी जाता है कि गठबंधन में अपने सहभागियों की नाराजगी दूर करने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया था। कुछ लोग मानते हैं कि अटलजी अपनी अपनी उदारवादी छवि को बचाना चाहते थे। लेकिन पार्टी बैठक में मोदी को काफी समर्थन मिला और उनका यह इरादा ख़त्म हो गया। यहां तक अटल जी ने पार्टी के आक्रामक सहयोगियों को खुश करने के लिए वाजपेयी ने इस बैठक में मुसलमानों को काफी भला बुरा कहा और यहां तक कह दिया कि मुस्लमान दूसरे समुदाय के लोगों के साथ नहीं रह सकते हैं।https://www.youtube.com/watch?v=VscPgCxOMGQ