Friday, April 11, 2025

DELHI ELECTION: आतिशी की जीत: सवाल,सियासत और आम आदमी पार्टी का भविष्य

दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए लोकसभा चुनाव 2024 किसी बड़े झटके से कम नहीं रहा।

NEW DELHI: दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए लोकसभा चुनाव 2024 किसी बड़े झटके से कम नहीं रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली इस पार्टी के लगभग सभी बड़े चेहरे चुनाव हार गए, लेकिन एकमात्र आतिशी मार्लेना ही जीतने में सफल रहीं। उनके जीतते ही उनका डांस वीडियो वायरल हो गया, जिससे सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं।

क्या आतिशी जीत गईं या जिताई गईं

इस चुनाव में AAP के कई दिग्गजों को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में सिर्फ आतिशी की जीत पर सवाल उठना लाजमी है। क्या ये महज़ संयोग है कि पार्टी के सारे बड़े नेता हारे, लेकिन आतिशी जीत गईं? या फिर उन्हें किसी खास रणनीति के तहत जिताया गया?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी जीत के पीछे कई कारक हो सकते हैं—चुनावी गणित, विपक्षी रणनीति की कमजोरी या फिर कुछ अंदरूनी समीकरण।

डांस पर सियासत क्यों ?

आतिशी की जीत के बाद उनका जश्न मनाना स्वाभाविक था, लेकिन जैसे ही उनका डांस वीडियो सामने आया, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे उनकी खुशी का इजहार बताया, तो कुछ ने इसे AAP के अंदरूनी समीकरणों से जोड़ दिया। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब पूरी पार्टी हार से जूझ रही है, तो क्या एक वरिष्ठ नेता का इस तरह से जश्न मनाना सही था? क्या ये संकेत है कि पार्टी में नया नेतृत्व उभर रहा है?

क्या AAP का हाल शिवसेना और NCP जैसा होगा ?

शिवसेना और NCP में हाल ही में जो कुछ हुआ, उसे देखकर कई लोग AAP के भविष्य को लेकर भी आशंका जता रहे हैं। दोनों पार्टियां नेतृत्व संघर्ष और बगावत का शिकार हुईं, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ कमजोर हो गई।
अब सवाल उठता है कि क्या AAP भी इसी रास्ते पर जा रही है?

– आतिशी जैसी नई पीढ़ी के नेता उभर रहे हैं।
– पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर मतभेद बढ़ सकते हैं।

अगर आतिशी जैसी नेता पार्टी में मजबूत होती हैं और पुराने नेताओं को पीछे छोड़ती हैं, तो पार्टी में अंदरूनी कलह हो सकती है। अगर पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा, तो इसका असर AAP के भविष्य पर पड़ सकता है।

AAP के सामने क्या हैं चुनौतियां

1. आंतरिक कलह: हार के बाद पार्टी के भीतर गुटबाजी बढ़ सकती है।
2. विश्वसनीयता का संकट: जनता में यह संदेश जा सकता है कि पार्टी कमजोर हो रही है।
3. भविष्य की रणनीति: क्या पार्टी अब अपनी रणनीति बदलेगी या पुराने तरीकों पर ही चलेगी?

आतिशी की जीत AAP के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन यह पार्टी के अंदर एक नई राजनीतिक लड़ाई की शुरुआत भी कर सकती है। क्या AAP शिवसेना और NCP की तरह अंदरूनी कलह का शिकार होगी या फिर एक नए नेतृत्व के साथ मजबूती से उभरेगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल आतिशी की जीत और उनका डांस, दोनों ही दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने के लिए काफी हैं।

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