Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरू के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड ने हर किसी को अंदर तक झकझोर कर दिया। सोशल मीडिया पर उनके जस्टिस की मांग हो रही है। 24 पन्नों के सुसाइड नोट और 84 मिनट के वीडियो में अपनी वाइफ निकिता सिंघानियां और ससुराल के 3 अन्य लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं। इसके अलावा अतुल ने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर जज रीता कौशिक कौन हैं?
जज रीता कौशिक पर लगाया 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप
अतुल सुभाष ने जज पर आरोप लगाया कि जब अदालत में उनकी पत्नी पूछा कि तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया। तब जज रीता कौशिक हंसने लगी थीं। साथ अतुल ने आरोप लगाया कि उनके मामले को सेटल करने के लिए जज रीता कौशिक ने उनसे 5 लाख रूपये की रिश्वत की डिमांड की थी। उन्होंने यह आरोप लगा कि उनकी अदालत में पेशी के लिए पेशकार को 50 रुपये से लेकर 1000 रूपए की रिश्वत देना पड़ती है। इससे पहले साल 2022 में भी जज रीता कौशिक ने अपने पेशकार से मामला सेटल करवाने के लिए 3 लाख रूपये की डिमांड की थीं।
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अतुल के माता-पिता और छोटा भाई। चित्र:सोशल मीडिया
कौन हैं जज रीता कौशिक?
जौनपुर में प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक का जन्म 1 जुलाई 1968 को मुजफ्फरनगर ( उत्तर प्रदेश ) में हुआ था। साल 1996 में उन्होंने बतौर मुंसिफ ज्वाइन किया था। इसके बाद कौशिक वर्ष 1999 में सहारनपुर में जूडिशल मैजिस्ट्रेट बनीं। इसके बाद वे वर्ष 2000 से 2002 तक मथुरा में बतौर अडिशनल सिविल जज कार्यरत रही थीं। इसके बाद वे मथुरा में सिविल जज बन गईं। वर्ष 2003 में उनका ट्रांसफर मथुरा से अमरोहा हो गया। जहां वे बतौर जूनियर सिविल जज तैनात रहीं थी। साल 2003 से 2004 तक वे लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं थी। रीता कौशिक को 2004 प्रमोशन मिला और वे अडिशनल चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट बनीं। इसके अलावा कौशिक आयोध्या में डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज तैनात रहीं। वर्ष 2018-2022 तक वे फैमिली कोर्ट (अयोध्या) में प्रिंसिपल जज रहीं। इसके उनका ट्रांसफर जौनपुर हो गया और तब से वे फैमिली कोर्ट में बतौर प्रिंसिपल जज हैं।