कुणाल कामरा के इस विवादित वीडियो पर शिवसैनिकों ने खार में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की थी. इस क्लब में कुणाल कामरा का यह विवादित शो हुआ था  इस बीच सोमवार को बीएमसी के अधिकारियों की टीम ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो के एक हिस्से को ढहा दिया था. इसी स्टूडियो में कामरा ने वह विवादित शो किया था, जिसमें शिंदे पर टिप्पणी की गई थी

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की विवादित टिप्पणी पर हंगामा जारी है. शिंदे पर की गई टिप्पणी से भड़के शिवसैनिकों ने हैबिटेट स्टूडियो में जमकर तोड़फोड़ की. कामरा ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है. लेकिन सवाल ये बना हुआ है कि कुणाल कामरा आखिर कहां है

इस मामले में कुणाल कामरा को खार पुलिस ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. इस बीच कामरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने एक स्टैंडअप एक्ट का एडिटेड वीडियो पोस्ट किया है. यह दरअसल एक पैरोडी सॉन्ग ही है, जिसमें हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ करते शिवसैनिकों और मौजूदा विवाद पर कटाक्ष किया है इस वीडियो में कामरा की तस्वीरों और उनके पुतलों को जलाते दिखाया गया है,

कुणाल कामरा के इंस्टाग्राम बायो के मुताबिक, वह फिलहाल पुडुचेरी में है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X की हेडर फोटो पर एक डिस्क्लेमर लगाया है, जिसमें कहा गया है कि इस प्रोग्राम में अशिष्ट भाषा, आपत्तिजनक कंटेंट शामिल है और यह उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जिनकी भावनाएं और संवेदनाएं आहत हो सकती हैं. लेकिन अगर फिर भी आप इससे आहत होते हैं तो यह स्वेच्छा से आपके द्वारा देखे जाने की वजह से होगा

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के छठे मुकाबले में आज राजस्थान रॉयल्स (RR) का सामना कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) से होगा। मैच राजस्थान के सेकेंड होमग्राउंड गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में शाम 7:30 बजे से खेला जाएगा।

दोनों टीमों का यह सीजन में दूसरा मैच होगा। कोलकाता को अपने पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और राजस्थान को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।

हेड टु हेड में दोनों बराबर राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच IPL में अब तक 30 मैच खेले गए। 14 में राजस्थान और 14 में ही कोलकाता को जीत मिली। एक मुकाबला बेनतीजा रहा और एक बारिश की वजह से रद्द हो गया था। गुवाहाटी में दोनों टीमों का दूसरी बार सामना होगा।

सैमसन-जुरेल ने हैदराबाद के खिलाफ अर्धशतक लगाया था RR के टॉप ऑर्डर में संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल, शिमरोन हेटमायर, रियान पराग का एक्सपीरिएंस मौजूद है। सैमसन और ध्रुव जुरेल ने पिछले मैच में हैदराबाद के खिलाफ अर्धशतक लगाया था। जुरेल ने 70 और सैमसन ने 66 रन की पारी खेली थी। नीतीश राणा और शुभम दुबे बैटिंग को और भी मजबूत कर रहे हैं। वहीं, बॉलिंग में तुषार देशपांडे ने 3 और महीश तीक्षणा ने 2 विकेट लिए थे।

बेंगलुरु के खिलाफ कप्तान रहाणे ने 56 रन की पारी खेली थी कोलकाता के पास 4 से 7 नंबर तक वर्ल्ड क्लास फिनिशर्स हैं। पिछले मैच में बेंगलुरु के खिलाफ टीम के लिए कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 56 रन की पारी खेली थी। वहीं, सुनील नरेन ने 44 रन बनाए थे। चक्रवर्ती, नरेन, हर्षित और वैभव अरोड़ा गेंदबाजी को मजबूत कर रहे हैं।

पॉसिबल प्लेइंग-12 राजस्थान रॉयल्स: रियान पराग (कप्तान), संजू सैमसन, यशस्वी जयसवाल, शुभम दुबे, नीतीश राणा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), शिमरोन हेटमायर, जोफ्रा आर्चर, महीश तीक्षणा, तुषार देशपांडे, संदीप शर्मा और फजलहक फारूकी।

कोलकाता नाइट राइडर्स: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), वेंकटेश अय्यर, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), अंगकृष रघुवंशी, रिंकू सिंह, सुनील नरेन, आंद्रे रसेल, रमनदीप सिंह, हर्षित राणा, वरुण वक्रवर्ती, स्पेंसर जॉनसन, वैभव अरोड़ा।

सोशल मीडिया सेलिब्रिटी और कंटेंट क्रिएटर ऑरी, जिन्हें ओरहान अवतरमणि के नाम से भी जाना जाता है, और सात अन्य लोगों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वैष्णो देवी मंदिर के पास शराब पीने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एएनआई की सोमवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, कटरा में प्रतिबंधित क्षेत्र में शराब पीने के आरोप में राज्य पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया है।

ऑरी कई जनरेशन जेड बॉलीवुड सेलेब्स के करीबी होने के लिए जाने जाते हैं। वह जाह्नवी कपूर, अनन्या पांडे, उर्वशी रौतेला और भूमि पेडनेकर सहित अन्य लोगों के करीबी हैं।

पुलिस के अनुसार, सोशलाइट इन्फ्लुएंसर ओरहान उर्फ ऑरी सहित आठ लोगों के खिलाफ कटरा स्थित एक होटल में शराब पीने का मामला दर्ज किया गया है।   ऑरी पर अनास्तासिला अर्ज़ामास्कीना नामक एक रूसी नागरिक और अन्य दोस्तों के साथ आरोप लगाया गया है।

कटरा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक औपचारिक शिकायत (एफआईआर नंबर 72/25) में मुख्य आरोपी ऑरी, दर्शन सिंह, पार्थ रैना, रितिक सिंह, राशी दत्ता, रक्षिता भोगल, शगुन कोहली और अर्ज़ामास्कीना हैं। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है।

कटरा के कॉटेज सूट इलाके में, जहां इन पर शराब पीने का आरोप लगाया गया है, गैर-शाकाहारी भोजन और शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले सख्त नियमों का पालन किया जाता है, क्योंकि यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक, वैष्णो देवी मंदिर के पास है।

सोशल मीडिया यूजर्स वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा के दौरान ऑरी के शराब पीने से नाराज हैं। कई लोगों ने मांग की कि इन्फ्लुएंसर को शहर से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

एक यूजर ने लिखा, उन्हें बाधा डालने, अपवित्र करने, अपमान करने और प्रकाशित करने के लिए भेजा जाता है ताकि यह फैल सके और दूसरों को कहीं और ऐसा करने के लिए गुमराह कर सके।

यूजर ने ऑरी की आलोचना करते हुए लिखा, यह सनातन के खिलाफ बेहद निंदनीय, असंस्कृत बॉलीवुड प्रभाव है।

दूसरों ने कमेंट सेक्शन में ऑरी का बचाव किया और लिखा, प्रसिद्धि के नकारात्मक प्रभाव। हर बार नैतिक और नैतिक रूप से सही कार्य करने का अनावश्यक दबाव। अगर यह कोई और होता, तो किसी को परवाह नहीं होती, लेकिन चूंकि यह ऑरी है – यह खबर है।

Budhani News: बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का लंबे समेत तक विधानसभा क्षेत्र रहा है। लेकिन अब बुधनी में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश की बेटियों में मामा के नाम से प्रसिद्ध शिवराज सिंह भांजियां उनके ही क्षेत्र में असुरक्षित महसूस कर रही है।

हाल ही में बुधनी के शाहगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक युवती से सरेराह छेड़छाड़ की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गाँव के नितेश और कल्लू नमक दो युवकों ने ने बुरी नियत से अपने पड़ोस में रहने वाली 27 वर्षीय युवती से सरेराह छेड़छाड़ की।

युवती और उसका घायल पिता। चित्र : एसीएन भारत

जब युवती ने इसका विरोध किया और मदद के लिए अपने माता पिता को बुलाया तो युवकों मारपीट की। इस हमले में युवती सहित माता पिता घायल हो गए। फिलहाल युवती और उसके माता पिता का इलाज बुधनी अस्पताल में चल रहा है।

इधर युवती की शिकायत पर शाहगंज पुलिस ने दोनों आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

ENTERTAINMENT DESK:  आज हम बात करेंगे हास्य के बदलते स्वरूप की । वह हास्य जो कभी समाज का आईना हुआ करता था, लेकिन आज डबल मीनिंग, फूहड़ता और अश्लीलता में उलझकर रह गया है ।

क्या हंसाने के लिए अब सिर्फ अश्लील मजाक ही बचा है ?

एक दौर था जब हास्य सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि यह समाज को एक नई दिशा देने वाला माध्यम भी था। हरिशंकर परसाई, शरद जोशी जैसे व्यंग्यकारों की लेखनी, जसपाल भट्टी की व्यंग्यात्मक कॉमेडी, और राजू श्रीवास्तव की सहज हास्य कला, लोगों को सिर्फ हंसाती नहीं थी, बल्कि उन्हें सोचने पर मजबूर भी करती थी। लेकिन समय बदला, सिनेमा और कॉमेडी के मायने बदले, और इसके साथ ही हास्य की परिभाषा भी बदल गई।

90 के दशक में कॉमेडी का नया चेहरा

90 के दशक में गोविंदा, मिथुन चक्रवर्ती और कई अन्य सितारों की फिल्मों ने शॉर्टकट एंटरटेनमेंट का रास्ता अपनाया। अश्लील गानों और डबल मीनिंग डायलॉग्स से भरपूर फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई।

“चोली के पीछे क्या है?”
“सारे लड़के कर रहे हैं छोरी…”
“खुद को क्या समझती है… बहुत तेज है…”

ऐसे गानों और संवादों ने मनोरंजन को हल्के स्तर पर पहुंचा दिया। सिनेमा और हास्य का एक नया रूप सामने आया, जिसमें हंसी का मतलब केवल मसालेदार संवादों और भद्दे मजाकों से हंसाना बन गया।

स्टैंड-अप कॉमेडी का दौर

इसके बाद स्टैंड-अप कॉमेडी का दौर आया। राजू श्रीवास्तव, सुनील पाल, एहसान कुरैशी जैसे कॉमेडियन्स ने मंच पर अपनी कला दिखाई। लेकिन यहां भी धीरे-धीरे हल्की अश्लीलता घुलने लगी।

2014 के बाद कपिल शर्मा ने इस फॉर्मेट को पूरी तरह से मेनस्ट्रीम बना दिया। उनके शो में दादी, बुआ, साली-जीजा जैसे रिश्तों पर भद्दे जोक्स को खूब तवज्जो मिली।

सोशल मीडिया और OTT ने बदला ट्रेंड

तकनीक बदली, और सोशल मीडिया, OTT और पॉडकास्ट के दौर में हास्य और भी ज्यादा बदल गया।

आज के कई नए कॉमेडियन्स डबल मीनिंग कंटेंट को “ट्रेंडी” और “कूल” मानते हैं। हर वाक्य में हल्की फुहड़ता डालकर वह खुद को मॉडर्न कॉमेडियन मानने लगे हैं।

तो असली सवाल यह है—क्या यही असली हास्य है?
क्या हमने हास्य का असली उद्देश्य खो दिया है?

क्या हमें जसपाल भट्टी, परसाई और शरद जोशी जैसे महान कलाकारों की वो कला नहीं याद करनी चाहिए, जो न सिर्फ हंसाती थी, बल्कि समाज की विसंगतियों को उजागर भी करती थी?

क्या हंसी का मतलब सिर्फ अश्लील मजाक और द्विअर्थी संवाद रह गया है?

सोचिएगा जरूर !

 

NEW DELHI: दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए लोकसभा चुनाव 2024 किसी बड़े झटके से कम नहीं रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली इस पार्टी के लगभग सभी बड़े चेहरे चुनाव हार गए, लेकिन एकमात्र आतिशी मार्लेना ही जीतने में सफल रहीं। उनके जीतते ही उनका डांस वीडियो वायरल हो गया, जिससे सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं।

क्या आतिशी जीत गईं या जिताई गईं

इस चुनाव में AAP के कई दिग्गजों को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में सिर्फ आतिशी की जीत पर सवाल उठना लाजमी है। क्या ये महज़ संयोग है कि पार्टी के सारे बड़े नेता हारे, लेकिन आतिशी जीत गईं? या फिर उन्हें किसी खास रणनीति के तहत जिताया गया?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी जीत के पीछे कई कारक हो सकते हैं—चुनावी गणित, विपक्षी रणनीति की कमजोरी या फिर कुछ अंदरूनी समीकरण।

डांस पर सियासत क्यों ?

आतिशी की जीत के बाद उनका जश्न मनाना स्वाभाविक था, लेकिन जैसे ही उनका डांस वीडियो सामने आया, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे उनकी खुशी का इजहार बताया, तो कुछ ने इसे AAP के अंदरूनी समीकरणों से जोड़ दिया। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब पूरी पार्टी हार से जूझ रही है, तो क्या एक वरिष्ठ नेता का इस तरह से जश्न मनाना सही था? क्या ये संकेत है कि पार्टी में नया नेतृत्व उभर रहा है?

क्या AAP का हाल शिवसेना और NCP जैसा होगा ?

शिवसेना और NCP में हाल ही में जो कुछ हुआ, उसे देखकर कई लोग AAP के भविष्य को लेकर भी आशंका जता रहे हैं। दोनों पार्टियां नेतृत्व संघर्ष और बगावत का शिकार हुईं, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ कमजोर हो गई।
अब सवाल उठता है कि क्या AAP भी इसी रास्ते पर जा रही है?

– आतिशी जैसी नई पीढ़ी के नेता उभर रहे हैं।
– पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर मतभेद बढ़ सकते हैं।

अगर आतिशी जैसी नेता पार्टी में मजबूत होती हैं और पुराने नेताओं को पीछे छोड़ती हैं, तो पार्टी में अंदरूनी कलह हो सकती है। अगर पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा, तो इसका असर AAP के भविष्य पर पड़ सकता है।

AAP के सामने क्या हैं चुनौतियां

1. आंतरिक कलह: हार के बाद पार्टी के भीतर गुटबाजी बढ़ सकती है।
2. विश्वसनीयता का संकट: जनता में यह संदेश जा सकता है कि पार्टी कमजोर हो रही है।
3. भविष्य की रणनीति: क्या पार्टी अब अपनी रणनीति बदलेगी या पुराने तरीकों पर ही चलेगी?

आतिशी की जीत AAP के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन यह पार्टी के अंदर एक नई राजनीतिक लड़ाई की शुरुआत भी कर सकती है। क्या AAP शिवसेना और NCP की तरह अंदरूनी कलह का शिकार होगी या फिर एक नए नेतृत्व के साथ मजबूती से उभरेगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल आतिशी की जीत और उनका डांस, दोनों ही दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने के लिए काफी हैं।

Prayagraj: महाकुंभ में लगातार VIP, VVIP लोग पहुंचकर संगम में स्नान कर रहे हैं। आस्था की डुबकी लगाने नेता और राजनेताओं का हूजुम देखने को मिल रहा है। वहीं, सभी को देश के सबसे महत्वपूर्ण और खास शख्श का बेसब्री से इंतजार था कि वो कब आएंगे और संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे।

जी हां, हम बात कर रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। 5 फरवरी को पीएम ने महाकुंभ पहुंचकर संगम स्नान किया और आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ की शुरूआत से ही देश की कई नामी हस्तियों ने शिरकत कर महाकुंभ का लाभ लिया और संगम स्नान किया। नेता हो, अभिनेता हो, विदेशी मेहमान हो या कोई महत्वपूर्ण शख्सियत सभी ने पहुंचकर अवसर का लाभ लिया। लेकिन सभी को इंतजार था देश के प्रधानमंत्री का कि वो कब महाकुंभ जा कर डुबकी लगाएंगे। पीएम ने महाकुंभ पहुंचकर संगम स्नान किया और सूर्य देव को जल भी अर्पण किया। इस मौके पर उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

5 मिनट तक मंत्र का जाप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाई। उन्होंने भगवा रंग के वस्त्र पहन रखे थे। हाथ और गले में रुद्राक्ष की मालाएं थीं। मंत्रोच्चार के बीच मोदी ने अकेले ही संगम में डुबकी लगाई। स्नान के बाद पीएम ने सूर्य को अर्घ्य दिया। करीब 5 मिनट तक मंत्र का जाप करते हुए सूर्य पूजा की। मोदी गंगा पूजन के बाद सीधे बोट से अरैल घाट पहुंचे। इससे पहले, मोदी का विमान बमरौली एयरपोर्ट पहुंचा। यहां CM योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से पीएम डीपीएस के हेलिपैड पहुंचे। यहां से उनका काफिला अरैल के VIP घाट पहुंचा। वहां से सीएम योगी के साथ बोट से संगम पहुंचे।

एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से अरैल पहुंचे

इधर, श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसलिए पीएम मोदी बमरौली एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से अरैल पहुंचे थे। वहां से वे बोट से संगम आए। PM के दौरे को देखते हुए मेले की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है। महाकुंभ में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को संगम स्नान किया, पीएम ने महाकुंभ पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। वहीं दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव भी चल रहे है और इसी मौके पर पीएम ने महाकुंभ में दर्शन लाभ लिया, इसके कई सियासी मायने निकाले जा सकते है।

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MP News: मध्यप्रदेश में बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द हो सकती है। नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सियासी हलचलें तेज़ होती दिख रही है। प्रदेश के सभी ज़िलाध्यक्षों की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि अब बीजेपी अपने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आयोजित करेगी।

बीजेपी के चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) के जल्द ही मध्यप्रदेश दौरे में आने की अटकलें लगाई जा रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ दावेदार नेता पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चयन में 2003 से एक ही फॉर्म्युला चला आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पुराने फॉर्म्युले से पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है।

पूरा हो चुका है वीडी शर्मा का कार्यकाल। चित्र: सोशल मीडिया

गौरतलब हैं कि मध्यप्रदेश की सत्ता में बीजेपी 2003 में आई थी। उसके बाद से यहां बीजेपी की सरकार है। दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कांग्रेस की सरकार बनीं थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के कारण यह सरकार गिर गई थी। 2003 से बीजेपी ओबीसी चेहरे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाती आ रही है, वहीं सर्वण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी यही फॉर्म्युला लागू हो सकता है।

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2003 में बीजेपी ने ये फार्मूला अपनाया था

2003 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी ने एक फॉर्मूला मध्यप्रदेश में अपनाया है। 2003 के बाद से उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव राज्य के मुख्यमंत्री बनें। यह चारों नेता ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, इन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में बीजेपी के संगठन की ज़िम्मेदारी सवर्ण नेताओं को सौंपी है। 2003 के बाद बीजेपी ने कैलाश जोशी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह और अभी वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। यह सभी नेता सवर्ण से आते हैं।

ज़िलाध्यक्षों के चयन में भी जातिगत समीकरण

बीजेपी ने मध्यप्रदेश के 62 ज़िलाध्यक्षों के चयन में भी जातिगत समीकरण देखने को मिला है। बीजेपी ने ज़िला अध्यक्षों की घोषणा में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। 62 में से 29 ज़िला अध्यक्ष सवर्ण वर्ग के हैं। इसके बाद ओबीसी, एससी और एसटी और महिलाओं को भी पद दिए गए हैं।

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ये 3 नाम हैं सबसे आगे

इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा का नाम भी इस रेस में है। चित्र: सोशल मीडिया

 

अगर बीजेपी 2003 के चले आ रहे फॉर्म्युले के हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करती है तो सबसे आगे नाम है, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का। इसके अलावा पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया का भी नाम रेस में है। ऐसे में देखना होगा कि इस बार पार्टी किसको प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंपती है।

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Mahakumbh: ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया गया, कौन होगा नया महामंडलेश्वर?

MP Budget 2025: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार के बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन यादव सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि बजट बनाने से पहले हर विभाग विपक्ष के नेता से पूछता था, लेकिन मध्य प्रदेश में बजट को लेकर विपक्ष से कोई राय नहीं ली गई। सरकार चाहती ही नहीं कि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य हो। यह भेदभाव की राजनीति है। इसको लेकर हम कई बार आवाज उठा चुके है।

कांग्रेस विधायकों और उनके क्षेत्र की जनता के साथ भी ये अन्याय हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा की जनता से बजट को लेकर जो राय ली गई लेकर वो सिर्फ दिखावा है । गांव में जाकर देखें असलियत क्या है? किसानों को खाद पानी मिल रहा है या नहीं।

Ujjain News: उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र बड़नगर मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग पर बनाए जा रहे एलसी-23 रेलवे ओवरब्रिज के अधूरे निर्माण को पूरा करने का काम ग्वालियर की फर्म ने शुरू कर दिया है । सेतु निगम ने 6 माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब इस पूल के निर्माण का टेंडर दिया गया हो। इससे पूर्व में तीन बार इसके निर्माण के टेंडर दिए जा चुके हैं। पांच माह पहले भी इसके निर्माण का टेंडर दिया गया था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बड़नगर रोड के अधूरे रेलवे ओवर ब्रिज के लिए सेतु निगम ने नया टेंडर जारी किया था। इस टेंडर को ग्वालियर की फर्म श्याम गृह ने 4.86 करोड़ रुपए मैं लिया है। इसमें ठेका कंपनी ब्रिज के बचे हुए काम को 6 माह में पूरा करेगी। दरअसल, निर्माण कार्यों के इतिहास में यह पहला ब्रिज है, जिसका निर्माण 8 साल के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। अब ब्रिज के अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए दुबारा काम शुरू किया गया है। सिंहस्थ को मद्देनजर रखते हुए और बढ़ते ट्रैफिक लोड के चलते सेतु निगम ने वर्ष 2016-17 में अजय इंफोटेक प्रालि गुजरात को करीब 23 करोड़ रुपए में ब्रिज निर्माण का ठेका दिया था, जो कि ब्रिज का निर्माण पूरा किए बगैर ही काम छोड़कर चली गई।

बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 2016 में उस समय शुरू हुआ था जब उज्जैन में सिंहस्थ मेला चल रहा था। लेकिन 9 सालों के बाद भी इस पुल का निर्माण नहीं हो सका। वर्ष 2016-17 में सेतु निगम ने इस ब्रिज का टेंडर निकाला था। उस समय गुजरात की अजय इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड को इसका ठेका 23 करोड़ रुपये में दिया था। सेतु निगम ने कंपनी को बार-बार मौका दिया, इसके बावजूद कंपनी ने काम पूरा नहीं किया।

इसके सेतु निगम ने गुजरात कंपनी के खिलाफ मुकदमा कर दिया। इस वजह से दूसरी कंपनी को इसके निर्माण का जिम्मा सौंपा है। बता दें कि इस ब्रिज से रोजाना 50 से अधिक यात्री ट्रेनें और कई मालगाड़ियां गुजरती है। इसके निर्माण से 70 गाँवों के लोगों को सुविधा होगी।