Mahakumbh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे ने हर किसी का दिल दहला दिया। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। इस दौरान देर रात अमृत स्नान के कुछ घंटे पहले मची भगदड़ में सैकड़ों लोग घायल हुए तो कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। इस पूरी घटना के बाद अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे है।

वहीं, शासन प्रशासन के लिए एक चुनौती भी सामने है जब बसंत पंचमी का पर्व नज़दीक आ चुका है। ऐसे में एक बार फिर यहां करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद होगी। ऐसी स्थिति में आगे इस तरह की घटना ना हो इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल, 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ में प्रतिदिन लाखों करोड़ों श्रद्धालु देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने से पहुंच रहे हैं।

मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में प्रशासनिक आंकड़ों की बात करें तो 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। बात दें कि उस वक्त हुई जब दूसरी अमृत स्नान के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे थे। ऐसे में स्नान के कुछ समय पूर्व क्षेत्र में भगदड़ मच गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं का अभाव और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त प्रयास न किए जाने का आरोप लगे। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या मार्ग दर्शन नहीं दिए गए थे जिससे यह हादसा हुआ।

हादसे के बाद कई तरह के सवाल भी खड़े हुए। कुछ लोगों का मानना है कि इस भगदड़ के लिए मुख्य रूप से प्रशासन ज़िम्मेदार है। आयोजन स्थल पर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे। सुरक्षा इंतज़ामों की कमी के कारण यह दुर्घटना हुई। प्रशासन ने पहले से इस बारे में कोई ठोस योजना नहीं बनाई थी। जिससे लोग एक साथ बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए। वहीं, प्रशासन की तरफ से जारी की गई केवल चेतावनी का भी सही ठंग से पालन नहीं हुआ। ऐसे में भगदड़ के चलते हज़ारो श्रद्धालु तितर बितर हो गए।

इस पूरे हादसे में कुछ ऐसे भी लोग है तो सरकार की नीतियों को इसका दोषी मान रहे हैं। जो इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त संसाधनों और तैयारियों का सही तरीके से प्रबंधन नहीं कर पाए। कुंभ जैसे विशाल आयोजन के लिए राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी होती है कि हर पहलू पर निगरानी रखें और उचित व्यवस्था तैयार करें, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते इस हादसे ने इतना बड़ा रूप लिया।

प्रयागराज में हाल ही में हुए कुंभ मेले के दौरान भगदड़एक दिल दहलाने वाला हादसा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए संगम क्षेत्र में उमड़े थे और इसी दौरान हुई भगदड़ में कई लोग घायल हो गए और कई की जान भी चली गई। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और व्यवस्था की कमी को लेकर सवाल उठाती है। खासतौर पर, जब बसंत पंचमी का पर्व नजदीक है, और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ फिर से उमड़ने की संभावना है, तो प्रशासन और सरकार के सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचें?

Mahakumbh: महाकुंभ 2025 से एक बड़ी खबर सामने आई है। किन्नर अखाड़े ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। यह निर्णय किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने लिया है। उनके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया और अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।

वहीं, अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और नए महामंडलेश्वर का चयन किया जाएगा। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सन्यास ग्रहण किया था। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनका पट्टाभिषेक (सन्यास दीक्षा) किया गया। इसके बाद, उन्हें नया आध्यात्मिक नाम “यमाई ममतानंद गिरी” दिया गया।

ममता कुलकर्णी लगभग 25 वर्षों के बाद भारत लौटीं थीं और सीधे महाकुंभ में शामिल हुईं। बताया जाता है कि उन्होंने 12 वर्षों की कठोर तपस्या की थी और पहले 2012 के कुंभ मेले में भी भाग लिया था। महामंडलेश्वर बनने के दौरान, उन्होंने अपना पिंडदान भी किया था, जो सन्यास प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होता है।

साधु-संतों में विरोध और विवाद

ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही अखाड़े के भीतर और अन्य साधु-संतों में नाराजगी देखने को मिली। वैष्णव किन्नर अखाड़े ने इस पट्टाभिषेक को फर्जी और अवैध करार दिया। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया। अखाड़े के कई अन्य संतों ने भी इस नियुक्ति का विरोध किया और इसे अखाड़े की परंपरा के खिलाफ बताया। लगातार बढ़ते विवाद और बगावत के कारण किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने यह कड़ा फैसला लिया और ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया। अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा, जिसमें नए महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर का चयन होगा।

Viral Girl Monalisa: प्रयागराज महाकुंभ से लाइमलाइट में आई कजरारे नैनों वाली मोनालिसा की किस्मत अब बदल गई है। वो रातों रात स्टार बन चुकी हैं। मोनालिसा को अब बॉलीवुड मूवी में काम भी मिल चुका है। जी हां, आपने सही सुना। माला बेचकर गुज़ारा करने वाली मोनालिसा का एक्टिंग डेब्यू होने वाला है। आखिर मोनालिसा को कौन सी मूवी मिली है और उन्हें किसने मूवी ऑफर की है? आइए जानते हैं।

निमाड़ की माटी में जन्मी कल-कल बहती मां नर्मदा के जल को पीकर उसके आंचल में खेलकर बड़ी हुई बंजारा समाज की खूबसूरत कजरारी आंखों वाली लड़की मोनालिसा का अब जल्द ही फिल्मी सफर शुरू होने वाला है। प्रयागराज महाकुंभ से वायरल हुई मोनालिसा अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। एक समय में नर्मदा तट स्थित किला घाट पर माला मोती बेचकर अपने परिवार और घर को चलने वाली मोनालिसा का समय अब बदलता नज़र आ रहा है। फिल्मों के लेखक और निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा उन्हें ‘‘द डायरी ऑफ मणिपुर‘‘ के लिए चुना गया है। आपकों बता दें कि सनोज मिश्रा द्वारा कई ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बनाई गई हैं और कई अवार्ड भी जीते हैं। उनके द्वारा मोनालिसा के परिवार से मुलाकात की गई है, लेकिन फिल्म को लेकर किस प्रकार की सहमति बनी है, अभी इस पर से पर्दा नहीं उठा है।

द डायरी ऑफ मणिपुर के डायरेक्टर सनोज मिश्रा। चित्र: सोशल मीडिया

फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा मोनालिसा का इंटरव्यू देखने के बाद उसे तलाशते हुए प्रयागराज महाकुंभ आ पहुंचे। यहां उनकी परिवार के सदस्यों से उनकी मुलाकात हुई। इसी के साथ परिवार के सदस्यों ने मोनालिसा और उनके पिता से डायरेक्टर सनोज मिश्रा की मोबाइल फोन पर बातचीत कराई। फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा के मुताबिक, फिल्म में काम मिलने का ऑफर सुनकर मोनालिसा और उसका परिवार बेहद खुश व उत्साहित हैं। इस फिल्म में काम मिलने के बाद मोनालिसा के परिवार की गरीबी खत्म होगी और आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर होगी। मोनालिसा की दादी का कहना है, फिल्मों में काम मिलने से उनकी पोती की वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो जाएगी।

बता दें कि कुछ दूसरे लोग भी उसे जल्द ही अपनी फिल्मों में मौका दे सकते हैं। इस बीच मोनालिसा की सोशल मीडिया आईडी हैक कर ली गई है। किसी ने उनकी आईडी को हैक कर उसे ब्लॉक कर दिया है। फिल्मकार सनोज मिश्रा अब तक एक दर्जन फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके हैं। उनकी फिल्मों में काशी टू कश्मीर, डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल, लफंगे नवाब, गांधीगिरी, शशांक, गजनवी और राम की जन्मभूमि प्रमुख हैं।

प्रयागराज महाकुंभ वायरल गर्ल मोनालिसा की किस्मत को आखिरकार पंख लग ही गए। माला बेचने वाली को बॉलीवुड में एंट्री मिल ही गई। डायरेक्टर सनोज मिश्रा खुद मोनालिसा के परिवार से मिल चुके है और अपनी अपकमिंग मूवी के लिए साइन कर लिया। बहरहाल, देखना होगी कि बड़े पर्दे पर भी कजरारी आंखों वाली मोनालिया का जादू कितना चलता है।

Religious Conversion: इन दिनों मध्यप्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। बीती रात दमोह में भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिली, जहां पुलिस ने एक घर पर दबिश देकर बारह बच्चों का रेस्क्यू किया। इस पूरी छापामार कार्रवाई से पूरे दमोह में हड़कंप मच गया है। बता दें कि उक्त घर में बच्चों को रखकर क्रिश्चियनिटी की शिक्षा दी जा रही थी। आखिर क्या है पूरा मामला आइये पढ़िए यह रिपोर्ट में……..

दरअसल देर रात अचानक पुलिस टीम दमोह की क्रिश्चियन कॉलोनी में रहने वाले प्रवीण शुक्ला नाम के शख़्स के घर पहुंची और पुलिस ने घर की तलाशी लेना चाही, लेकिन घर मालिक ने तलाशी देने से पहले अपने एडवोकेट को बुला लिया। इस बीच पुलिस और एडवोकेट के बीच जमकर बहसबाज़ी हुई, लेकिन पुलिस नहीं रुकी और आखिरकार सर्चिंग शुरू हुई।

पुलिस ने जैसे ही घर की तलाशी लेना शुरू की तो इस घर से बारह स्कूली बच्चे बरामद हुए, जिन्हें इस घर मे हॉस्टल जैसे माहौल में रखा गया था। पुलिस अफ़सरों ने रात में ही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और साथ ही बाल कल्याण समिति व मानव अधिकार आयोग से जुड़े लोगों को भी इसकी जानकारी देकर जांच पड़ताल शुरू की।

प्राथमिक जाँच में पता चला कि इन बारह बच्चों में कुछ दमोह जिले के हैं, जबकि कुछ छत्तीसगढ़ राज्य के बताए जा रहे हैं। इन तमाम बच्चों को रेस्क्यू कर रात 4 बजे पुलिस ने शहर के एक सरकारी हॉस्टल में शिफ्ट किया है। इस तरह से अपने घर मे इन बच्चों को रखने वाले प्रवीण शुक्ला को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।


पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी प्रवीण शुक्ला।
चित्र : एसीएन भारत

आरोपी प्रवीण शुक्ला के मुताबिक, ये तमाम बच्चे शहर के नव जागृति स्कूल के छात्र हैं और उनके यहां किराए से रहते हैं। इनके मां बाप ने इन्हें यहाँ रखा है और सबका किरायानामा भी है। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना नही दी है।

वहीं, शिकायतकर्ता बाल कल्याण समिति के सदस्य दीपक तिवारी के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि इस घर मे अनाधिकृत रूप से बच्चों को रखकर उन्हें क्रिश्चियनटी की शिक्षा दी जा रही है और धर्मान्तरण का बड़ा खेल चल रहा है, जिस पर पुलिस को सूचना दी गई और रेड की कार्रवाई हुई है।

इधर, कोतवाली थाना प्रभारी और रेड इंचार्ज आनंद राज के मुताबिक, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पत्र के बाद यहां छापा मारा गया है। मौके से बारह बच्चे बरामद हुए हैं और मामला संदेहास्पद है। लिहाजा, महिला बाल विकास की टीम के साथ जांच पड़ताल की जा रही है और जांच के बाद स्थिति साफ होगी। ग़ौरतलब है कि प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही है। वहीं, इस मामले में पुलिस और बाल विकास की टीम बच्चों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

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Damoh News : दमोह जिले में पूरे गाँव के लोगों को मारने की साजिश रची गई, फिर क्या हुआ?

Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के गुबरा गांव में एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक, यहाँ पूरे गांव को जान से मारने की साजिश रची गई। दरअसल, गांव के सरकारी बोरवेल में जहरीला पदार्थ मिलाए जाने के कारण इलाके में हड़कम्प और दहशत का माहौल बन गया है।

जानकारी के अनुसार, सुबह-सुबह जब ग्रामीणों ने बोरवेल के हैंडपम्प से पानी निकाला और उसका इस्तेमाल किया, तो चार लोग अचानक बेहोश हो गए। इस पर गांववालों में दहशत फैल गई और तुरंत ही उन्हें अस्पताल भेजा गया। जब ग्रामीणों ने मौके पर जांच कि तो पाया कि हैंडपम्प के पास एक खाली ज़हर का डिब्बा पड़ा था और पानी से झाग निकल रहा था, जिससे यह साफ हो गया कि बोरवेल में ज़हर मिलाया गया है।

इस घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद मौके पर जांच के लिए पीएचई विभाग के अधिकारियों को भेजा गया। इलाके के एसडीएम के मुताबिक, बोरवेल में ज़हर डालने की शिकायत मिली है और कुछ लोग इसके शिकार भी हुए हैं।

फिलहाल, लोगों को उस पानी का उपयोग करने से मना कर दिया गया है और हर पहलू पर जांच की जा रही है। पुलिस इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार कौन है जो पूरे गांव के लोगों की जिंदगी से खेलना चाहता था?

Chhatarpur News: बड़ामलहरा अनुभाग के ग्राम सुनवाहा से प्रयागराज महाकुंभ मेले में गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु भगदड़ की चपेट में आ गए, जिसमें सुनवाहा निवासी हुकुम बाई लोधी की मौत हो गई।

यह घटना प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई, जब हुकुम बाई अपने परिवार के साथ गंगा में डुबकी लगाने पहुंची थीं।आपको बीटा दे हुकुम बाई लोधी अपने परिवार के साथ प्रयागराज महाकुंभ मेले में गंगा स्नान के लिए पहुंची थी।

जैसे ही वे और अन्य श्रद्धालु गंगा में स्नान करने पहुंचे, अचानक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस भगदड़ के कारण हुकुम बाई लोधी अपनी बेटी के साथ गिर गईं और उनके ऊपर से सैकड़ों लोग कुचलते हुए निकल गए।हुकुम बाई की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी और अन्य परिजनों को मामूली चोटें आई हैं।

घटना के तुरंत बाद जिला प्रशासन और प्रयागराज प्रशासन से संपर्क किया गया और मृतक महिला के शव को एंबुलेंस की मदद से सुनवाहा भेजने की व्यवस्था की गई। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हुकुम बाई लोधी के परिजनों को सहायता देने की घोषणा की गई है। सरकार ने मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे इस दुख की घड़ी में परिजनों को कुछ राहत मिल सके।

Bhopal News: इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल में भिक्षावृत्ति मांगने वालों की खैर नहीं है। भोपाल के एमपी नगर थाने में भिक्षावृत्ति अधिनियम के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, फरियादी जब नर्मदापुरम रोड से एमपी नगर की ओर आ रहे थे, तभी बोर्ड ऑफिस चौराहे पर भिखारी ने उनसे भीख मांगी।

जब उन्होंने उसे समझाइश दी के आप विकलांग नही है तो और पैसे की डिमांड कर रहे हैं। परेशान फरियादी ने एमपी नगर थाने में पहुंचकर संबंधित मामले से पुलिस को अवगत कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया है। एमपी नगर पुलिस ने बताया कि फरियादी योगेंद्र मरावी ने शिकायत की थी कि बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक भिखारी ने उनसे भीख मांगने के एवज में गलत व्यवहार किया है।

उसने फरियादी का हाथ पकड़ के पैसे की डिमांड की। उसके बाद जब भिखारी को उन्होंने समझाईश देने की कोशिश की तो वह उल्टा उनसे ही उलझने लगा और कहा कि उसको पैसे की आवश्यकता है और वह अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए रोज इस तरह से ही भीख मांगता है। पुलिस ने योगेंद्र मरावी की शिकायत पर भिक्षावृत्ति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

गौरतलब है कि शहर के हर चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल पर भिखारियों का बोलबाला हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने इस मामले में सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए हैं। बता दें कि अभी तक राजधानी भोपाल में भिखारी पर किसी थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। विगत दस वर्षों में यह पहला मामला है जो दर्ज हुआ है।

Akash Kanaujia: 31 वर्षीय आकाश कनौजिया मुंबई पुलिस ने 18 जनवरी को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से सैफ अली खान पर हमले के आरोप में संदिग्ध मानकर गिरफ्तार किया था। आकाश की गिरफ़्तारी के अगले दिन मुंबई पुलिस ने हमले के आरोपी शरीफुल मोहम्मद को अरेस्ट कर लिया और आरपीएफ ने आकाश को रिहा कर दिया।

लेकिन इस एक दिन की हिरासत में आकाश ने अपना सबकुछ खो दिया। उसकी नौकरी चली गई, उसकी शादी टूट गई, उसके परिजनों को अपमान का घूट पीना पड़ा, उसे पुलिस की मार खानी पड़ी। आकाश रुंधे स्वर में कहता हैं कि जिस दिन उसे अरेस्ट किया उस दिन वह अपनी मंगेतर से मिलने जा रहा था। लेकिन पुलिस ने उसे दुर्ग में हिरासत में ले लिया और फिर रायपुर ले जाया गया। उसने अपना प्यार खो दिया।

अब आकाश सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना बना रहा है। उसकी आँखें भर आती है कि उनके (सैफ) साथ जो हुआ, उसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ी, मैंने अपना सब कुछ गंवा दिया है।

Saif Ali Khan: सैफ अली खान पर हमला करने वाला निकला बांग्लादेशी घुसपैठ, मुस्लिम से हिंदू बन कर दिया हमला

Indore News: कौन हैं इंदौर का वो पार्षद? जिसे पीएम मोदी की नाराजगी के चलते बीजेपी ने बाहर किया

Indore News: इंदौर में कर्मचारियों को जिस कंपनी ने काम दिया उसी कंपनी का डाटा कर्मचारी ने अन्य कंपनी को 10 प्रतिशत कमिशन की राशि पर बेच दिया। इस मामले में पुलिस द्वारा कर्मचारियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है।

विजयनगर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल ने बताया कि कंपनी संचालक राहुल द्वारा कैपिटल वाया फिटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी संचालित की जाती है। कंपनी में अगस्त 2024 से हिमांशु मालवी नामक युवक को रखा गया था जो कि कंपनी का डाटा जिसमें ग्राहकों के नंबर होते हैं वह अन्य किसी कंपनी को 10% कमिशन की राशि पर उपलब्ध कराता था। इसके कारण कंपनी को इससे नुकसान होने की संभावना बनी हुई थी।

जांच पड़ताल के बाद मोबाइल की चैटिंग और अन्य तत्वों के आधार पर शिकायत की गई है। फिलहाल पुलिस युवक से पूछताछ कर रही कि उसने कंपनी का डाटा किस-किस को बेचा है।

Ujjain news: उज्जैन में सिद्ध श्री मेडिकल स्टोर का लायसेंस रद्द, ये रही वजह

Ujjain News: उज्जैन में फ्रीगंज के लोट्स अस्पताल परिसर स्थित सिद्ध श्री मेडिकल स्टोर के औषधि लायसेंस को ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा निलंबित किया गया है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देशन में और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक पटेल के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई ।

मेडिकल स्टोर की जांच के लिए दल गठित किया गया था ।4 जनवरी को मेडिकल स्टोर का निरीक्षण ड्रग इंस्पेक्टर धर्म सिंह कुशवाह द्वारा किया गया था । शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत में अवमानक स्तर की दवाईयों के विक्रय से संबंधित उल्लेख किया गया है। निरीक्षण में मेडिकल स्टोर से 05 औषधियों के नमूनें जांच के लिए औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये और दुकान संचालक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।

दुकान संचालक द्वारा अपना स्पष्टीकरण 16 जनवरी को कार्यालय उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला उज्जैन में प्रस्तुत किया गया,जो कि संतोषजनक नहीं पाया गया। जिसके बाद सिद्धश्री मेडिकल स्टोर के औषधि विक्रय लायसेंस को 7 दिनों के लिए निलंबित किया गया।

 

Saif Ali Khan: मुंबई पुलिस ने अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाले शख्स में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि अभिनेता पर हमला करने वाला शख्स भारत का नहीं, बल्कि बांग्लादेश का निकला। वह भारत में हिंदू बनकर रह रहा था।

मुंबई पुलिस ने बताया कि आरोपी भारत में अलग-अलग जगहों पर हिंदू बनकर रह रहा था और उसके पास से कोई दस्तावेज भी नहीं निकला। आरोपी का असली नाम मोहम्मद शरिफुल इस्लाम शहजाद है और वह भारत में बिजॉय दास और विजय दास बनकर रह रहा था। साथ ही उसके पास से कोई ऐसा दस्तावेज नहीं मिला जिससे यह साबित हो सकें कि वह भारत का नागरिक है। मुंबई पुलिस ने कहा कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। उससे अधिक पूछताछ का पुलिस को समय नहीं मिला है। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस उसकी कस्टडी मांगेगी।

साथ ही पुलिस ने दावा कि वह 6 महीने पहले ही मुंबई और एक हाउस कीपिंग एजेंसी में काम करता था। वहीं ठाणे के बार में भी काम कर चुका है। डीसीपी दीक्षित गेदम का दावा हैं कि वह हमले की दिन सैफ के घर पहली बार घुसा था।