Reel Addiction: बच्चे, व्यस्क, बूढ़े, लड़का-लड़की, महिला-पुरुष ये सभी उम्र या जेंडर में भले ही अलग हो, लेकिन इनमें एक चीज कॉमन हैं। जी हां, इन सभी में रील का नशा एक जैसा है। स्मार्टफोन आने के बाद से देश में रील एडिक्शन महामारी तेजी से पहली है। गांव हो या शहर सभी जगहों पर लोगों में इनदिनों रील का नशा बढ़ता जा रहा। दूसरे नशों का खुमार तो एक समय बाद उतर जाता है, लेकिन रील बनाने का नशा लोगों में उतरने को तैयार नहीं है। सोशल मीडिया और ख़बरों के जरिए रोज़ाना पता चलता हैं कि रील के चक्कर फलाने का हाथ टूट गया, पैर कट गया या मौत हो गई। बावजूद लोगों में रील बनाने का नशा नहीं उतर रहा है। रील्स में हर उम्र के लोग पागल हो चुके हैं। हम कोरोना महामारी से निजात पा चुके हैं, लेकिन रील्स बनाने की ‘महामारी’ से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल हैं कि रील’मय’ इंडिया का ये ख़ुमार कब उतरेगा।

रील बनाने के चक्कर में कई रील’वीरों’ की मौत

रील के चक्कर में अब तक कई रील’वीरों’ की मौत हो चुकी हैं। इसके बावजूद यह नशा उतरने को तैयार नहीं हैं। वैसे रील के चक्कर में हजारों लोग जान गंवा चुके हैं, लेकिन कुछ घटनाएं आपको अंदर तक झकझोर कर देगी।

आगरा में गर्दन धड़ से अलग हो गई

20 वर्षीय आसिफ सर्राफा में काम करता था। चित्र: सोशल मीडिया

यूपी के आगरा में एक रील बनाने के चक्कर में अपनी गर्दन ही धड़ से अलग करवा लेता है। इस दुखद घटना में उसकी जान चली जाती है। दरअसल, यहां के कोतवाली थाना स्थित ताजगंज निवासी 20 वर्षीय आसिफ सर्राफा में काम करता था। वह अपने दोस्तों के साथ चौथी मंजिल पर रील बना रहा था। इस दौरान उसने छत पर लगी जाली को उठाया और उसका पैर फिसल गया व नीचे आ गिरा। जिसमें उसकी गर्दन धड़ से अलग हो गई और मौत हो गई।

इटावा में ट्रैन की चपेट में आ गए

दोनों की मौत से गांव हिरणपुर में मातम छा गया। चित्र: सोशल मीडिया

इसी तरह इटावा में दो दोस्त रील बनाने के चक्कर में कानपुर से दिल्ली जा रही चंपारण हमसफर एक्सप्रेस की चपेट में आ गए और जान गंवा बैठे। मृतकों के नाम अनुज कुमार गोयल (20 वर्षीय ) पुत्र भूरे सिंह और उसका दोस्त रंजीत (16 वर्षीय ) पुत्र दशरथ सिंह हैं। इसके बाद उनके गांव हिरणपुर में मातम छा गया।

बदायूं में रिक्शा चालक ने जान गंवाई

बिजली के खंभे से सिर टकराकर रिक्शा चालक की मौत। चित्र: सोशल मीडिया

मोबाइल से रील के चक्कर में बदायूं के उझानी थाना क्षेत्र में एक ऑटो चालक जान गंवा बैठा। दरअसल, ऑटोवाला अपना सिर हाईवे किनारे बाहर निकालकर रील बना रहा था। तभी बिजली के खंभे से सिर टकरा गया। अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

औरंगाबाद में 300 फीट गहरी खाई से कार गिरी 

संभाजीनगर की रहने वाली 23 वर्षीय श्वेता की मौत। चित्र: सोशल मीडिया

यह घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित खुलताबाद तालुका के शूलीभंजन स्थित एक मंदिर के पास का हैं। यहां संभाजीनगर की रहने वाली 23 वर्षीय श्वेता अपने दोस्त के साथ गाड़ी चलाते हुए रील बना रही थी। इसी दौरान उसने ब्रेक की जगह एक्सीलेटर पर पैर रख दिया और कार 300 फीट गहरी खाई में गिर गई और उसकी मौत हो गई।

गुना में युवक ने डैम छलांग लगाई, मौत

गुना में एक युवक ने रील के चक्कर में डैम में छलांग लगा दी। चित्र: सोशल मीडिया

इसी तरह मध्य-प्रदेश के गुना में एक युवक ने रील के चक्कर में डैम में छलांग लगा दी। युवक डैम में तो कूदा लेकिन बाहर नहीं निकला। इसके बाद अगले दिन उसका शव बरामद किया गया। युवक महज एक रील बनाने के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठा।

अलवर में स्टंट के चक्कर गंवाई जान

फ्लाईओवर पर बाइक से स्टंटबाजी में दो युवकों की मौत। चित्र: सोशल मीडिया

राजस्थान के अलवर में दो दोस्तों ने रील बनाने के चक्कर में फ्लाईओवर पर बाइक से स्टंटबाजी की। इस घटना में दोनों की मौत हो गई। मृतक के नाम निशांत और दीपक सैनी हैं, जो कि राजगढ़ से जयपुर जा रहे थे। इसी दौरान रील बनाने लगे और यह हादसा हो गया।

महाराष्ट्र में इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की मौत

इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की मौत। चित्र सोशल मीडिया

यहां के रायगढ़ के पास कुंभे वॉटर फॉल में रील के चक्कर में एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की मौत हो गई। दरअसल, मुंबई की रहने वाली 26 साल की अनवी कामदार अपने दोस्तों से रील बनवा रही थी। इसी दौरान उसका पांव फिसला और वह 300 फीट गहरी खाई में गिर गई। जिसमें उसकी मौत हो गई।

पश्चिम चंपारण दो दोस्तों की मौत

बेतिया में दो दोस्तों की डूबने से मौत हो गई। चित्र: सोशल मीडिया

यहां के बेतिया में छरदवाली तिवारी टोला के रहने वाले सचिन कुमार (15) पिता मोहन यादव और प्रिंस कुमार (16) पिता जयप्रकाश सिंह नदी में छलांग लगाकर रील बना रहे थे। तभी दोनों कि डूबने से मौत हो गई।

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Pushpa 2: ‘पुष्पा’ से पंगा लेने वाले ‘SP भंवरसिंह शेखावत’ कौन हैं? जानिए

UP Police New Vacancy 2024: उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की 60,244 पदों पर भर्ती के लिए यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा हो चुकी है। जिसका रिजल्ट भी आ चुका है। अब इस भर्ती के लिए डीवी (DV Round) और पीएसटी राउंड (PST) होना बाकी है। इसके लिए लिखित परीक्षा में पास कुल 1,74,316 अभ्यर्थियों को अगले राउंड के बुलाया जाएगा। इन दोनों राउंड में उत्तीर्ण अभ्यर्थी यूपी पुलिस भर्ती के अंतिम राउंड पीईटी में पहुंच जाएंगे। तो आइए जानते हैं कि UP पुलिस भर्ती में पीएसटी, पीईटी और डीवी राउंड क्या होता है और इसके लिए किन डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।

इसी महीने होगा डीवी राउंड

UP पुलिस भर्ती में डीवी राउंड बहुत अहम होता है। डीवी राउंड का फुल फॉर्म डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन राउंड होता है। बता दें कि डीवी राउंड के बाद ही चयनित उम्मीदवारों की आगे की प्रक्रिया शुरू होती है। डीवी राउंड के बाद शारीरिक मानक परीक्षा (PST) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) होता है। यूपी कांस्टेबल भर्ती के लिए PST राउंड इस महीने (दिसंबर) के तीसरे सप्ताह में होना है। इसमें सफल अभ्यर्थियों का अंतिम राउंड शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) का होगा।

डीवी राउंड के लिए के जरूरी दस्तावेज

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन राउंड यानी डीवी राउंड में आवश्यक दस्तावेज न होने पर उम्मीदवारों का चयन रद्द कर दिया जा सकता है। इसलिए इन दस्तावेजों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।

  1. फोटो युक्त दस्तावेज-आधार,
    फोटो युक्त आईडी कार्ड: जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड आदि।
  2. अटेस्टेड फोटो आईडी की एक कॉपी। किसी ए ग्रेड अफसर से वेरिफाइड।
  3. कास्ट सर्टिफिकेट-ओबीसी, एस, एसटी के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अपने कास्ट सर्टिफिकेट। 
  4. निवास प्रमाण पत्र: UP का निवास प्रमाण पत्र। 
  5. जाति प्रमाण पत्र: आरक्षित वर्ग (OBC, SC, ST) के उम्मीदवारों के लिए जाति प्रमाण पत्र और उसकी सत्यापित प्रति
  6. इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र और मार्कशीट: ऑरिजनल और सत्यापित प्रति की फोटो कॉपी।

इनके अलावा

  • अगर टेरिटोरियल आर्मी में हैं तो दो वर्षों की सेवा का सर्टिफिकेट।
  • अगर एनसीसी पास हो तो उसका सर्टिफिकेट।

सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार करके रखें। अटेस्टेशन फार्म भर लें ताकि वेरिफिकेशन किसी तरह की प्रॉब्लम न हो।

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Pushpa 2: ‘पुष्पा’ से पंगा लेने वाले ‘SP भंवरसिंह शेखावत’ कौन हैं? जानिए

Pushpa 2: पुष्पा और पुष्पा-2 में पुष्पा (अल्लू अर्जुन) से पंगा लेने वाले SP भंवरसिंह शेखावत (फहाद फाजिल) एक बार फिर चर्चा में हैं। पुष्पा-2 में एक बार फिर SP भंवरसिंह शेखावत की भूमिका निभाने वाले अभिनेता फहाद फाजिल साउथ सिनेमा के एक मंझे हुए कलाकार हैं। पुष्पा सीरीज ने उन्हें न सिर्फ अलग पहचान दी, बल्कि हिंदी सिनेमा में भी उनके नाम का डंका बजने लगा हैं।

अब वे महज मलयालम दर्शकों के चहेते नहीं रहे, बल्कि हिंदी दर्शकों ने भी उन्हें सर आंखों पर बैठा लिया हैं। मलयालम सिनेमा में फहाद फाज़िल की पहचान एक प्रभावशाली और बहुमुखी अभिनेता के तौर पर हैं। अल्लू अर्जुन स्टारर पुष्पा ने एक अलग ही पहचान दी हैं। हालांकि, इससे पहले भी फहाद ने शानदार फ़िल्में दी हैं, लेकिन पुष्पा सीरीज से उन्हें एक अलग स्टारडम मिला हैं। इस सीरीज से वे हिंदी दर्शकों में भी पैठ जमाने में सफल हुए हैं। वे अपनी हर फिल्म में अपने किरदार से दर्शकों को चौंका देते हैं।

कौन हैं फहाद फाजिल? (Who is Fahad Fazil?)

फहाद फाजिल एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

अलाप्पुझा में 8 अगस्त 1982 को जन्में फहाद फाजिल एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता फाज़िल मलयालम फिल्मों के जाने-माने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर रहे हैं। उनकी मां राहिला फाजिल हॉउसवाइफ हैं। फहाद फाजिल ने अपने पिता से प्रेरित होकर अपने नाम के पीछे फाजिल लगा लिया।

न्यूयॉर्क में सीखा अभिनय

वे न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी चले गए। चित्र: सोशल मीडिया

उनकी प्राथमिक शिक्षा अलाप्पुझा में हुई। इसके बाद उन्होंने कर्नाटका के सेंट्रल लॉ कॉलेज से स्नातक किया। फिल्म निर्माण और अभिनय की शिक्षा के लिए वे न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी चले गए। कहा जाता हैं कि यहीं फाजिल का झुकाव अभिनय की तरफ बढ़ा जिसने उनके करियर में अहम भूमिका निभाई।

‘नरवी’ ने बना दिया स्टार

फिल्म ‘नरवी’ ने उन्हें एक अलग पहचान दी। चित्र: सोशल मीडिया

फहाद फाजिल ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत 2002 में फिल्म ‘ईज़्जत’ से की थी, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल रही। इसके बाद उन्होंने 2010 में रिलीज हुई फिल्म ‘विवाह’ से अपनी पहचान बनाई। हालांकि, 2013 में रिलीज हुई फिल्म ‘नरवी’ ने उन्हें एक अलग पहचान दी और इस फिल्म ने उन्हें स्टार बना दिया। ‘नरवी’ के रिलीज के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी फिल्मों में गहरे और इंटेंस किरदार निभाने के लिए मशहूर फहाद की खासियत उनकी विविधता है। उन्होंने सस्पेंस, ड्रामा, रोमांस और थ्रिलर हर तरह की फिल्म में खुद को साबित किया हैं।

नज़रिया नज़ीम से शादी


फहाद फाजिल ने नज़रिया नज़ीम (Nazriya Nazim) से विवाह कर लिया। चित्र: सोशल मीडिया

फहाद फाजिल ने नज़रिया नज़ीम (Nazriya Nazim) से विवाह कर लिया। वे मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री हैं। अपनी निजी ज़िंदगी में फहाद बेहद शांत स्वभाव के हैं। उनकी हिट फिल्मों में चालो, कुम्बलंगी नाइट्स, तुम्बाड, राजी, पुष्पा 1 और 5 दिसंबर को रिलीज होने वाली पुष्पा 2 हैं।

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  • हाइलाइट्स

  1. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों पर असर।
  2. एसबीआई क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव।
  3. मोबाइल के कॉलिंग और डेटा प्लान चेंज।
  4. बैंकों की 17 दिनों की छुट्टियां।

New Rules: आज नवंबर महीने का आखिरी दिन हैं और कल से दिसंबर का महीना शुरू हो जाएगा। हर महीने कुछ बदलाव होते हैं, लिहाजा दिसंबर में भी कई अहम बदलाव होने वाले हैं। जो सीधे आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। इस माह क्रेडिट कार्ड से लेकर गैस सिलेंडर की कीमतों में फेरबदल होने की संभावना हैं। तो आइए जानते हैं कि दिसंबर माह के इन बदलावों का असर आपकी रसोई, महीने की बचत पर कितना पड़ता है।

1. एलपीजी सिलेंडर पर असर

रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट हो सकती है। चित्र: सोशल मीडिया

आम आदमी के महीने की बचत का बहुत कुछ असर रसोई गैस के दामों से पड़ता है। दिसंबर के महीने में भी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट हो सकती है। दरअसल, हाल के महीनों में गैस सिलेंडर की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों का सीधा असर एलपीजी सिलेंडर के दामों पर पड़ता है।

2. एसबीआई क्रेडिट कार्ड में बदलाव

SBI के क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव की संभावना। चित्र: सोशल मीडिया

साल के इस अंतिम महीने में भारतीय स्टेट बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कुछ बदलाव होने वाले हैं। एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के नियमों में कुछ बदलाव की संभावना हैं। माना जा रहा हैं कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों में वृद्धि, शुल्कों में परिवर्तन या फिर नए ऑफर्स का ऐलान कर सकती हैं।

3. मोबाइल डेटा और कॉलिंग पर असर


दिसंबर से ट्राई के भी नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं। चित्र: सोशल मीडिया

दिसंबर से ट्राई के भी नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं। अब टेलीफोन और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को अपने ग्राहकों से ट्राई के नए नियमों के अनुसार शुल्क वसूलने होंगे। इसका असर टेलिकॉम सेक्टर में आने वाले प्लान्स और डेटा पैक्स पर भी पड़ेगा। कस्टमर्स अब नए नियमों के अनुसार अपने मोबाइल या इंटरनेट पैक का चुनाव कर सकते हैं। यह बदलाव यूज़र्स के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आपके कॉलिंग प्लान्स और डेटा पैक्स की कीमतों इसका असर पड़ सकता है।

4. आधार अपडेट मुफ्त में होगा


आधार कार्ड की जानकारी को मुफ्त में अपडेट करवा सकते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

दिसंबर माह उन लोगों के लिए राहत भरा होगा, जिन्हें अपने आधार कार्ड में कुछ बदलाव करवाना है। इस महीने की 14 तारीख तक आप अपने आधार कार्ड की जानकारी को मुफ्त में अपडेट करवा सकते हैं। आपके आधार में अगर नाम, पता, जन्मतिथि या अन्य जानकारी में कोई गलती है तो आप इसे मुफ्त में ठीक करवा सकते हैं।

5. बैंकों के काम जल्दी निपटा लें


भारतीय बैंकों के लिए कुल 17 दिन हॉलिडे की घोषणा की गई है। चित्र: सोशल मीडिया

इस माह भारतीय बैंकों के लिए कुल 17 दिन हॉलिडे की घोषणा की गई है। इसमें कुछ दिन साप्ताहिक छुट्टियां (संडे और शनिवार) और कुछ दिन बैंक की सार्वजनिक छुट्टियां शामिल हैं। इस दौरान बैंक की शाखाएं बंद रह सकती हैं, जिससे आपकी बैंकिंग सेवाओं में देरी हो सकती है। ऐसे में यदि बैंक संबंधित कोई जरूरी काम पेंडिंग हो तो उसे प्राथमिकता से निपटा लें।

ऐसे में आधार कार्ड में सुधार का काम 14 दिसंबर तक और बैंकों से जुड़े जरूरी काम छुट्टियों को छोड़ शेष बचें 14 दिनों में निपटा लें, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ें।

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Dhar News: धार पुलिस ने 10 हजार के इनामी बदमाश और उसके एक साथी का शॉर्ट एनकाउंटर किया। यह कार्रवाई धार पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच ने अंजाम दी। दरअसल, बदमाश अन्ना उर्फ आनंद बडतिया और उसका साथी राहुल लबरावदा ने इसी महीने की 24 तारीख को भाजपा नेता श्याम नायक के भाई राम नायक पर उस समय हमला कर दिया था, जब वे घोड़ा चौपाटी के पास सब्जी खरीद रहे थे।

दोनों हमलावरों बाइक पर आए और धारदार हथियार और गोली से उन पर हमला कर दिया था। इस घटना में 45 वर्षीय राम नायक को पैर गोली लगी और हाथ में चोट। इसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया गया था।


एनकाउंटर के बाद धार पुलिस टीम। चित्र: सोशल मीडिया
मौके से बंदूक बरामद की। चित्र: एसीएन भारत

पुलिस के मुताबिक, बाइक से भाग रहे आरोपी अन्ना और उसके साथी ने धार पुलिस की टीम पर फायरिंग की। इसके जवाब पुलिस ने भी गोलियां चलाई, जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी। इसके बाद दोनों बदमाशों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। दोनों आरोपियों पर शहर के कोतवाली थाने में मामला दर्ज था।

अन्ना निकला लिस्टेड बदमाश

हमले के बाद पुलिस ने दोनों बदमाशों की कुंडल निकाली गई। जिसमें आरोपी अन्ना कोतवाली थाने का लिस्टेड गुंडा निकला। वह हत्या के मामले में जेल से सजा काट कर बाहर आया था। पुलिस ने बदमाश अन्ना के खिलाफ तुरंत एसआईटी गठित करके 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। शुक्रवार को कोतवाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अन्ना अपने साथी राहुल के छोटा नागदा की ओर धार जा रहे हैं।

सूचना पाते ही धार पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों का पीछा करना शुरू कर दिया। पुलिस के जाल को देखकर अन्ना ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। गोली पुलिस की गाड़ी के बोनट पर जा लगी। इसके बाद पुलिस कप्तान ने अन्ना और उसके साथी पर गोली चलाने का आदेश दिया।

इस घटना में बदमाश अन्ना के पैर में दो गोली और उसके साथी राहुल के पैर में एक गोली लगी। पुलिस की गोली लगते ही दोनों बदमाश वहीं गिर गए। इसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। फिलहाल दोनों बदमाशों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

बता दें कि बदमाश अन्ना पर हत्या का प्रयास, हत्या डकैती, लूट समेत 7 अपराध दर्ज है।

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  • हाइलाइट्स

  1. धार में बदमाशों का शॉर्ट एनकाउंटर।
  2. पहले पुलिस टीम पर बदमाशों ने की फायरिंग।
  3. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पैरों में मारी गोली।
  4. दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा।

 

 

 

 

 

Rewa Latest News: रीवा लोकायुक्त पुलिस ने मऊगंज जिले के नईगढ़ी में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

जानकारी के मुताबिक नईगढ़ी तहसील के ग्राम पंचायत हकरिया के सरपंच तरुण शुक्ला द्वारा ग्राम पंचायत में कार्य कराया गया था और इन कार्यों का बिल जारी करने के लिए गांव के उपयंत्री भोला प्रसाद पांडेय और गांव के ही सचिव टीकम प्रसाद पाण्डेय द्वारा सरपंच से 20 हजार रिश्वत की मांग लगातार की जा रही थी।

पीड़ित सरपंच तरुण शुक्ला। चित्र: एसीएन

उन्हें काफी समय से परेशान किया जा रहा था और बिल पास नहीं किया जा रहा था। जिसकी शिकायत सरपंच द्वारा लोकायुक्त में की गई थी। जिसके बाद रीवा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह द्वारा मामले की जांच कराई गई तो मामला सही पाया गया।

जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने जाल बिछाया गया और शुक्रवार को पीड़ित तरुण शुक्ला 20 हजार रुपए लेकर नईगढ़ी तहसील के सामने जैसे ही दिया वैसे ही वहां मौजूद लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और आगे की कार्यवाही के लिए रीवा लोकायुक्त कार्यालय ले आई।


लोकायुक्त निरीक्षक जियाउल हक। चित्र: एसीएन भारत

शिकायतकर्ता सरपंच तरुण शुक्ला का कहना हैं कि वह सरकारी कर्मचारियों के इस बर्ताव से काफी समय से परेशान था। सरकारी कर्मचारी उनसे लंबे समय से रिश्वत की मांग कर रहे थे।

लोकायुक्त निरीक्षक जियाउल हक का कहना हैं कि 27 नवंबर को उनके पास शिकायत आई थी कि ग्राम सचिव और यंत्री उनसे सरपंच तरुण शुक्ला से पेंडिंग बिल का पैसा जारी करने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

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  • हाइलाइट्स

  1. रीवा लोकायुक्त ने रिश्वत लेते दो को पकड़ा।
  2. ग्राम पंचायत सचिव और उपयंत्री पर कार्रवाई।
  3. 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।
  4. बिल जारी करने के बदले रिश्वत मांगने पर एक्शन।

Maharashtra CM: बीजेपी आलाकमान मध्य प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में भी एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलने की तैयारी में हैं। सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी दिल्ली हाईकमान का ‘एम फैक्टर’ देखने को मिल सकता हैं।

अंदर खानों से जो ख़बर निकलकर सामने आ रही हैं, वह बेहद चौंकाने वाली है। महाराष्ट्र में इस बार न एकनाथ शिंदे और न ही देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी होगी, बल्कि किसी तीसरे चेहरे को बैठाने की योजना हैं।

गौरतलब हैं कि इससे पहले बीजेपी हाईकमान ने मध्य प्रदेश में बीजेपी के कद्दावर नेता और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाकर डॉ मोहन यादव को सीएम बना दिया था।

सूत्रों की माने तो इस बार महाराष्ट्र में भी एमपी की तरह ‘एम फैक्टर’ ही काम करने वाला हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि एमपी की तरह महाराष्ट्र में भी ‘एम फैक्टर’ काम करेगा। एमपी में डॉ मोहन यादव की तरह महाराष्ट्र में मुरलीधर मोहोल को सीएम बनाया जा सकता हैं। सोशल मीडिया पर भी इसकी जमकर चर्चा हो रही है।

कौन हैं मुरलीधर मोहोल?

मुरलीधर मोहोल पहली बार पुणे लोकसभा सीट से सांसद बने हैं। चित्र: सोशल मीडिया

बता दें कि मुरलीधर मोहोल पहली बार पुणे लोकसभा सीट से भारी मतों से जीतकर सांसद बने हैं और केंद्र में राज्य मंत्री हैं। लोकसभा चुनाव के समय उनके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा की थी।

इसके अलावा महाराष्ट्र के अगले सीएम के लिए चंद्रशेखर बावनकुले, पंकजा मुंडे,राधाकृष्ण विखे पाटिल और सुधीर मुनगंटीवार जैसे बड़े नामों की भी चर्चा हैं।

चंद्रशेखर बावनकुले


ओबीसी समुदाय के एक बड़े नेता। चित्र: सोशल मीडिया

महाराष्ट्र में ओबीसी समुदाय के एक बड़े नेता और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

पंकजा मुंडे

वे दिवगंत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। चित्र: सोशल मीडिया

महाराष्ट्र की राजनीति के प्रभावशाली नेता दिवगंत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं।

राधाकृष्ण विखे पाटिल


महाराष्ट्र में बीजेपी के सीनियर लीडर हैं। चित्र: सोशल मीडिया

महाराष्ट्र में बीजेपी के सीनियर लीडर हैं और अपनी प्रशासनिक क्षमताओं के लिए चर्चित हैं। साथ उनकी केंद्रीय राजनीति में गहरी पकड़ हैं।

सुधीर मुनगंटीवार


अनुभवी नेता सुधीर मुनगंटीवार का नाम भी सामने आ रहा हैं। चित्र: सोशल मीडिया

इसके अलावा इस रेस में वित्त और प्रशासन का लंबा अनुभव रखने वाले और बीजेपी के अनुभवी नेता सुधीर मुनगंटीवार का नाम भी सामने आ रहा हैं।

बहरहाल, इस रेस में कौन जीतेगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन यह तय माना जा रहा कि इस बार महाराष्ट्र में सीएम पद पर किसी नए चेहरे की ताजपोशी हो सकती हैं।

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      https://www.youtube.com/watch?v=FTAxXqABDwo

Social Media Ban: सोशल मीडिया आज हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन इसके उपयोग का सबसे ज्यादा असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। वहीं, बच्चों में इसका असर वयस्कों की तुलना में ज्यादा ही पड़ता है।

लिहाजा, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने देश के 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है।

गौरतलब हैं कि अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सोशल मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल के बारे में चेतावनी जारी कर चुका हैं। इसी तरह दिल्ली एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश सागर का मानना हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम हैं।

2025 से लागू होगा कानून

16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके यूजर्स नहीं बनेंगे। चित्र: सोशल मीडिया

ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह नया कानून अगले साल यानी 2025 के शुरुआती महीनों से लागू किया जाएगा। इस नए कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके उपयोगकर्ता नहीं बनेंगे। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की यह जिम्मेदारी होगी कि वे 16 साल के बच्चों को इससे दूर रखने के लिए अपने यूजर्स की उम्र की पुष्टि करना अनिवार्य होगी।

इन कारणों से उठाना पड़ा बड़ा कदम?

सोशल मीडिया के दुष्परिणाम किसी से छिपे नहीं है। भले सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को सुगम कर दिया हो, लेकिन इसके दुष्परिणामों को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है। वहीं, छोटे बच्चों पर तो इसका असर काफी ज्यादा होता है। नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया सरकार को यह कदम सोशल मीडिया के कारण बच्चों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट को देखते उठाया गया है। सरकार का मानना हैं कि सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरा बच्चों में बढ़ता जा रहा है, इस वजह इसे कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाना होंगे। यही वजह है कि सरकार 16 साल के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर बैन लगा दिया।

अंडरएज यूजर्स नहीं बना सकेंगे अकाउंट

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कड़े निर्देश दिए हैं कि उनके प्लेटफॉर्म्स पर अंडरएज यूजर्स अकाउंट नहीं बना सकें। इसके लिए इन प्लेटफॉर्म्स को एडवांस वेरिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्लेटफॉर्म्स को इस नए कानून को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया गया है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम ने फैसले का स्वागत किया

मेटा ने इस फैसले का स्वागत किया है। चित्र सोशल मीडिया

फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वे नए नियमों का पूरी सख्ती से पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उम्र संबंधी वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुचारू रूप से लागू हो।

ऑस्ट्रेलिया बना पहला देश

ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पूरी तरह से बैन करने कानून लागू करने वाला पहला देश है। इससे यह संदेश स्पष्ट है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे में यह फैसला अन्य देशों को भी इसी दिशा में सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया की तरह दूसरे देशों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक जिम्मेदार बनना होगा। बता दें कि इस कदम का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया की लत और हानिकारक प्रभावों से बचाना है। हालांकि, प्लेटफॉर्म्स के लिए यह नई चुनौती होगी, क्योंकि एडवांस वेरिफिकेशन सिस्टम को लागू करने में समय और अधिक संसाधन लगेंगे।

भारत में क्या स्थिति है?

भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। चित्र: सोशल मीडिया

सोशल मीडिया की लत ऑस्ट्रेलिया या भारत की समस्या नहीं हैं। यह एक तरह से ग्लोबल प्रॉब्लम हैं और इससे निपटने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। इस कानून के तहत 18 साल तक के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सख्त नियम लागू होंगे। इस कानून के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को 18 साल तक बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए उनके पैरेंट्स या गार्जियन की स्वीकृति लेना आवश्यक होगी। साथ ही बच्चों के डेटा पर शर्तें लागू होंगी। साथ ही सोशल मीडिया बच्चों को टारगेट करके एडवरटाइजिंग नहीं कर सकेंगे।

  • इन देशों में पहले से बैन

  1. दक्षिण कोरिया गेमिंग रेगुलेशन समाप्त।

  2. चीन में एज के हिसाब से नेट का इस्तेमाल।

  3. फ्रांस में 15 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

  4. यूएसए में 13 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

  5. यूरोपिन देशों में 16 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

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Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इनदिनों अपनी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Ekta Padyatra) के लिए चर्चा में हैं। देश-विदेश तक चर्चाओं में रहने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री न सिर्फ अपनी कथा बल्कि बयानों की वजह से भी सुर्ख़ियों में रहते हैं। आज हम आपको पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी वो अनसुनी बातें बताएंगे, जो आप शायद नहीं जानते होंगे।

आख़िर कौन हैं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( who is Pandit Dhirendra Krishna Shastri?)


उनका जन्म गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश के गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि उनका बचपन बेहद अभावों में गुजरा। एक समय वे मिट्टी के कच्चे घर में रहा करते थे, जिसमें बारिश के दिनों अक्सर पानी टपकता था। वहीं, घर में खाने तक का अभाव था। उनके इसी गांव में बागेश्वर धाम का अति प्राचीन मंदिर है। गढ़ागंज गांव में ही उनका पैतृक घर है, जिसमें उनके दादा पंडित भगवान दास गर्ग (सेतु लाल) रहा करते थे।

क्यों इतने पॉपुलर हैं बागेश्वर धाम? (Why is Bageshwar Dham so popular?)

उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान पर्ची के माध्यम से करते हैं। भक्त बागेश्वर सरकार के दरबार में अपने दुखों की अर्जी लगाते हैं और वे एक कागज में लिखकर उनकी सारी तकलीफों का समाधान बता देते हैं। उनके दरबार में न सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि वीवीआईपी, नेता, अभिनेता और बड़े उद्योगपति तक हाजरी लगाते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि देश की सबसे अमीर शख़्सियत मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) और राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) की शादी में उन्हें ऑस्ट्रेलिया से ख़ास विमान के जरिए बुलाया गया था।

इस शख़्स की वजह से हो गए थे लोकप्रिय?


श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली थी। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र के दो कानूनों की वजह से चर्चा में आ गए थे। दरअसल, महाराष्ट्र में औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और दूसरा कानून मानव बलिदान और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथा व काला जादू रोकथान और उन्मूलन ऐक्ट, 2013 लागू हैं। इन्हीं कानूनों के चलते बागेश्वर सरकार को मुसीबत का सामना भी करना पड़ा। दूसरी और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई। दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री कुछ साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम में गए थे। उस समय वे लोगों का दिमाग़ रीड करने का दावा करते थे। यही वजह हैं कि महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली। समिति ने बागेश्वर सरकार को चुनौती दी कि अगर वे लोगों के दिमाग को पढ़ लेने के दावे को साबित करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये का ईनाम भी दिया जाएगा। लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया और वे नागपुर का प्रोग्राम छोड़कर आ गए। इसके बाद अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव को जान से मारने की धमकियां भी मिली।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता थे नशे के आदि

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पुरानी फोटो। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महज 12 साल की उम्र से प्रवचन देना शुरू कर दिया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव गढ़ा के एक सरकारी स्कूल में हुई। कुछ लोगों का दावा हैं कि बागेश्वर सरकार ने बीए की डिग्री हासिल की हैं, वहीं कुछ लोग दावा करते हैं कि वे केवल 8वीं तक पढ़े हैं। उनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग, माता का नाम सरोज गर्ग और छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग हैं। कहा जाता कि उनके पिता रामकृपाल गर्ग नशे के बेहद आदि थे। इस वजह से वे बागेश्वर धाम का कामकाज नहीं देखते थे। ऐसा कहा जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने दादाजी भगवान दास गर्ग के सानिध्य में बागेशर धाम में कथा करते थे। इसी वजह से उन्हें बालाजी हनुमान की कृपा से कई सिद्धियां प्राप्त हुई।

करोड़ों में है धीरेंद्र शास्त्री की नेट वर्थ (Dhirendra Shastri’s net worth is in crore)

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बागेश्वर सरकार एक कथा के लिए करीब 11 लाख रुपये चार्ज करते हैं। हालांकि, उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते उनकी फीस में भी इजाफा हो गया होगा। वे महीने में करीब तीन कथाएं करते हैं और एक कथा में 10-15 दिन का समय लगाते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागेश्वर सरकार की नेट वर्थ करीब 20 करोड़ के आसपास हैं। दरअसल, कथा के दौरान भक्तों से दान के तौर पर खूब पैसा मिलता है। बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर दावा किया गया कि वे कथा और चढ़ावे के पैसों से चैरिटी के काम करते हैं। उनका ज्यादातर पैसा भूखों को भोजन कराने, गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह करवाने, गौ रक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैदिक गुरुकुल संचालन करने में खर्च होता है।


https://www.youtube.com/watch?v=ClVK95KAico

  • हाइलाइट्स-

  1. धीरेंद्र शास्त्री सनातन हिंदू एकता पदयात्रा से चर्चा में हैं।
  2. उनका बचपन काफी अभावों में बीता।
  3. उनकी नेटवर्थ करोड़ों में आंकी गई हैं।
  4. उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं।
  • हाइलाइट्स-

  1. टोल प्लाजा पर चार्टर्ड बस से निकला धुआं।
  2. बस से कूदकर भागे यात्रियों में मची भगदड़।
  3. ब्रेक लाइनर जलने से बस में धुआं।
  4. यात्री सुरक्षित, अन्य बसों से इंदौर रवाना।

Chartered Bus Fire: धार जिले के धामनोद थाना क्षेत्र में खलघाट टोल प्लाजा के पास एक चार्टर्ड बस में अचानक धुआं निकलने से यात्रियों में अफरातफरी मच गई। बताया जा रहा है कि बस के ब्रेक लाइनर जलने की वजह से धुआं निकलने लगा। यह देख यात्रियों ने बस ड्राइवर से बस रोकने की गुजारिश की, लेकिन ड्राइवर ने बस को नहीं रोका।

बस खलघाट टोल टैक्स के पास पहुंचते ही ऐसा महसूस हुआ जैसे बस में आग लग गई हो। इस पर यात्रियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने जान बचाने के लिए बस से कूदकर भागना शुरू कर दिया। खलघाट टोल टैक्स के कर्मचारी भी तुरंत हरकत में आए और यात्रियों का सामान बाहर निकालने में मदद की।

ब्रेक लाइनर जलने से बस में धुआं। चित्र: एसीएन भारत

इसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई।

धुआं देखकर यातायात पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंचे और यात्रियों को सुरक्षित रूप से अन्य बसों में बैठाकर इंदौर रवाना किया। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी यात्री को चोट नहीं आई।

हालांकि, बस में कोई भी अग्निशमन उपकरण नहीं था, जो इस तरह की आपातकालीन स्थिति में मदद कर सके।

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