ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में मामा अवनीश कुशवाह और भांजी पूजा कुशवाह के प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया, दरअसल दोनों के बीच लम्बे समय से अफेयर चल रहा था माता पिता ने बहुत समझाया लेकिन दोनों ने एक नहीं सुनी और प्रयागराज भाग गए,
घर वालो ने दोनों के गायब होने की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में करवाई, पुलिस ने दोनों को बरामद किया, और घर लौटने के बाद दोनों की शादी करवा दी गई,
हनुमान मंदिर में एक दूसरे को वरमाला पहना कर बन गए पति पत्नी|
ग्वालियर| ग्वालियर में किसी बहाने से घरों में जाकर चोरी करने वाली गैंग सक्रिय है, एक मामला सामने आया जहां चाबी बनाने के बहाने सरदार की वेशभूषा में घूम रहे बदमाश गली-गली में अलमारी का लॉक ठीक करने की आवाज लगाकर घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं,
मामला ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर से सामने आया है, जहां पर बदमाशों ने एक किसान के घर में लॉक ठीक करने के नाम पर अलमारी से लगभग 10 तोला सोना चुरा लिया,
दरअसल कुछ दिनों पहले किसान राम प्रकाश के अलमारी की चाबी खो गई थी तो उन्होंने अपनी गली में सरदार की वेशभूषा में दो युवकों को चाबी बनाने की आवाज लगाते हुए सुना. चाबी की आवश्यकता होने के कारण राम प्रकाश ने उन दोनों युवकों को अपने घर पर अलमारी की चाबी बनवाने के लिए बुला लिया, दोनों युवकों ने तुरंत चाबी बनाने का काम शुरू कर दिया. इनमें से एक सरदार चाबी बना रहा था, दूसरा व्यक्ति अलमारी के लॉक को बार-बार चेक कर रहा था. कुछ देर बाद, चाबी बना रहे सरदार ने राम प्रकाश को एक चाबी दी और उसे गरम करके लाने के लिए कहा. राम प्रकाश जैसे ही चाबी गरम करने के लिए रसोई की ओर गए, तभी दूसरे शातिर युवक ने मौका पाकर अलमारी के लॉकर में रखे सोने के गहने चोरी कर लिए|
ग्वालियर: मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2006 में बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर व स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की नींव रखने के उद्देश्य से शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है जहां सरकार ने कई जिलों की पात्र बालिकाओं के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना की पिछली वित्तीय वर्ष की राशि अभी तक आवंटित नहीं की है। इसके पीछे सरकार के पास बजट की कमी बताई जा रही है। शासन स्तर पर इसका एक पूल बना हुआ है, जिसमें जिलों को राशि का आवंटन हर वर्ष शासन के द्वारा किया जाता है।
प्रतिवर्ष 20 से 31 मार्च के बीच इसका बजट शासन द्वारा जारी कर दिया जाता रहा है लेकिन अप्रैल माह का प्रथम सप्ताह आ जाने के बावजूद ग्वालियर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, झाबुआ सहित कई जिले बजट अभी तक सामने नहीं आया और ना ही कोई किश्त पात्र बालिकाओ के अकॉउंट में आई।
ग्वालियर: ग्वालियर में एक युवती को उसके बॉयफ्रेंड ने धोखे और ब्लैकमेलिंग का सहारा लेकर उसका शोषण किया। युवक ने शादी का झांसा देकर युवती को अपने पति से तलाक लेने के लिए मजबूर किया और जब उसने विरोध किया तो उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो उसके पति को भेज दिए। इससे युवती का तलाक हो गया। अब जब पीड़िता अपने बॉयफ्रेंड से शादी की मांग करी तो वो मुकर गया, और किसी अन्य लड़की से शादी करने जा रहा है। मजबूर होकर युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया|
ग्वालियर की रहने युवती की दोस्ती वर्ष 2017 में रिंकू परिहार से हुई थी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं लेकिन 2019 में युवती की शादी चिनोर निवासी एक युवक से कर दी गई। शादी के बाद भी रिंकू ने युवती से संपर्क बनाए रखा और उसे अपने पति को तलाक देने के लिए मजबूर करता रहा। उसने युवती को यह विश्वास दिलाने के लिए अपने दोनों हाथों पर उसका नाम गुदवा लिया और उसे शादी का भरोसा दिया, और साथ अश्लील कार्य करता रहा,
अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ युवती ने थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपित के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
Gwalior News: ग्वालियर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। दरअसल, यहां एसपी ऑफिस के पीछे पटेल नगर में द हीलिंग हैंड मसाज थैरेपी स्पा पार्लर संचालित किया जा रहा था। जहाँ स्पा के नाम पर सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था। ग्वालियर पुलिस ने इसी स्पा सेंटर पर दबिश दी और वहां से 5 कॉल गर्ल समेत 9 आरोपियों को पकड़ा है।
ख़बरों के मुताबिक, इनमें दो ग्राहक भी शामिल थे, जो आपत्तिजनक अवस्था में पाए गए। पुलिस की पूछताछ में यह जानकारी मिली कि कॉल गर्ल्स को मैनेजर दिल्ली से लाकर ग्वालियर में एक महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर काम पर लगाता था। प्रत्येक कॉल गर्ल्स को एक कस्टमर से 1 हजार रुपए मिलते थे और एक महीने के बाद इन्हें चेंज कर दिया जाता था। मैनेजर ग्राहकों से पुलिस ‘सेटिंग’ का दावा करके कहता था कि वह महीना देते हैं, इसलिए आप पूरी तरह सुरक्षित हैं।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि ग्वालियर में 4 महीने से यह सेक्स रैकेट चल रहा था। पकड़े गए मैनेजर ने कुछ ही दिनों में यह अड्डा बदलने वाला था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने रेड कर दी। इस रैकेट में दिल्ली, बंगाल, यूपी के आगरा और मथुरा, साथ ही ग्वालियर की लड़कियां भी शामिल थीं। वहीं पुलिस ने आरोपी लड़कियों, लड़कों को लेकर वापस स्पा सेंटर पहुंची है। इधर, पुलिस को दोबारा से अपनी जांच पड़ताल में काफी बड़ी संख्या में अपत्तिजनक चीजें मिली है। यह जानकारी एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने दी है।
DIGITAL ARREST NEWS: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है, जिसमें 16 साल की मृणाल करड़ेकर ने शातिर ठगों की चालाकी को समझते हुए अपने पिता को ‘डिजिटल अरेस्ट’ से बचा लिया। यह घटना डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
ग्वालियर के तारागंज क्षेत्र के निवासी प्रकाश करड़ेकर, जो दवा कारोबारी हैं, को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनका मोबाइल नंबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और अवांछित मैसेजिंग में शामिल है।
– कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और बाद में सीबीआई अधिकारी बताया। – ठगों ने प्रकाश को धमकी दी कि मुंबई क्राइम ब्रांच उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम भेज रही है। – उनके पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें एक वर्दीधारी व्यक्ति उन्हें नोटिस दिखाते हुए धमकाने लगा। – प्रकाश घबरा गए और डेढ़ घंटे तक ठगों के ‘डिजिटल अरेस्ट’ में फंसे रहे।
जब मृणाल स्कूल से घर पहुंची, तो उसने अपने पिता को परेशान और सहमे हुए देखा। – पहले तो उन्होंने पिता से बात करने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ बताने को तैयार नहीं थे। – मृणाल ने तुरंत मोबाइल फोन अपने हाथ में लिया और कॉल काट दिया। – ठगों के दोबारा कॉल करने पर मृणाल ने खुद उनसे बात की और उनके हर सवाल का जवाब दिया। – मृणाल ने ठगों से उल्टा सवाल करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें समझ आ गया कि उनकी चाल अब काम नहीं करेगी।
मुंबई पुलिस का यह फेक डॉक्यूमेंट दिखाकर डराने की कोशिश की गई। चित्र:सोशल मीडिया
– ठग पहले डराते हैं कि आपका मोबाइल आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। – वे सरकारी अधिकारी, जैसे CBI या पुलिस बनकर गिरफ्तारी की धमकी देते हैं। – वीडियो कॉल में फर्जी वर्दीधारी अधिकारी दिखाकर विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं। – ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर आपको घेरने और डराने का प्रयास करते हैं।
सतर्क रहें किसी भी अनजान कॉलर की बातों पर तुरंत भरोसा न करें। जानकारी जांचें किसी भी सरकारी कार्यवाही की पुष्टि संबंधित विभाग से करें। डिजिटल सुरक्षा फर्जी कॉल और मैसेजिंग के जाल से बचने के लिए जागरूक रहें । मृणाल करड़ेकर की सतर्कता और साहस ने न केवल उनके पिता को ठगों से बचाया,बल्कि पूरे देश को डिजिटल ठगी से बचने का एक बेहतरीन उदाहरण भी दिया है।
Vijaya Raje Scindia: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया का कभी कांग्रेस से नाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। दरअसल, साल 1957 में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद वे गुना से सांसद चुनी गई। लेकिन, कांग्रेस में दस साल बिताने के बाद साल 1967 में उनका मोहभंग हो गया और उन्होंने इसी वर्ष जनसंघ से नाता जोड़ लिया।
बचपन में बरमान घाट की दीवानी थी
यहां बचपन में लाव-लश्कर के साथ आती थीं महारानी। चित्र: सोशल मीडिया
राजमाता के बारे में कहा जाता हैं कि जबलपुर से तक़रीबन 125 किलोमीटर दूर करेली-सागर मार्ग पर बसे बरमान घाट (ब्रह्मांड घाट) की वे बचपन में मुरीद थीं। दरअसल, ब्रह्मांड घाट का अपभ्रंश ही बरमान घाट है। यहां के कुदरती नजारों के मोह में महारानी विजयराजे सिंधियां बचपन में पूरे लाव-लश्कर के साथ महीनों बिताती थीं। बरमान घाट से सिंधिया घराने का विशेष मोह था, इसीलिए यहां रानी कोठी बनवाई गई थीं।
ग्वालियर क्षेत्र में 3 सीटें जिताई। चित्र: सोशल मीडिया
राजमाता विजया राजे सिंधिया महाराजा जिवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में ही नहीं, बल्कि अपनी एक अलग शख़्सियत की वजह से भी वे जानी जाती थीं। वे ऐसी राजनीतिक शख़्सियत थीं, जो कई दफा संसद के दोनों सदनों में चुनी गई। साल 1967 में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ने के बाद वे जनसंघ की सदस्य बन गई। इसके बाद वे बीजेपी के संस्थापकों में से एक बनीं। वे राजनीतिक क्षेत्र की कितनी बड़ी शख़्सियत थीं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता हैं कि साल 1971 में इंदिरा गांधी की लहर के बावजूद उन्होंने जनसंघ को ग्वालियर क्षेत्र की तीन सीटों पर जीत दिलाई। उस साल विजयाराजे सिंधिया, उनके पुत्र माधवराव सिंधिया और अटल बिहारी वाजपेयी क्रमशः भिंड, गुना और ग्वालियर से सांसद चुने गए।
कभी बेटे माधवराव सिंधिया से थे प्रगाढ़ संबंध
नामचीन पॉलिटिकल एनालिटिक्स रशीद किदवई ने अपनी प्रसिद्ध किताब द हाउस ऑफ़ सिंधियाज-ए सागा ऑफ़ पावर, पॉलिटिक्स एंड इन्ट्रीग (The House of Scindias: A Saga of Power, Politics and Intrigue) में बताया कि एक समय राजमाता विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया में बेहद प्रगाढ़ संबंध थे। वे बताते हैं कि एक समय माधवराव, अपनी महिला मित्रों के बारे में अपनी मां विजयाराजे सिंधिया को ही बताया करते थे। राजमाता सिंधिया खुद अपनी बायोग्राफी प्रिंसेज़ में लिखती हैं कि भैया (माधवराव सिंधिया) और मैं फ्रेंड्स की तरह थे। एक मर्तबा वे (माधवराव) मेरे होटल में आए और मुझसे रात दो बजे तक खुलकर बातें करते रहे। मुझे अपनी महिला मित्रों के बारे में बताते रहे।
बाद में माँ-बेटे में बढ़ गई तल्ख़िया
बाद में माँ बेटे में बढ़ गई दूरियां। चित्र सोशल मीडिया
इतने प्रगाढ़ संबंध होने के बाद भी महारानी और माधवराव के संबंध कैसे बिगड़ गए इस बारे में 30 सिंतबर 1991 के इंडिया टुडे के अंक में फेमस जर्नलिस्ट एनके सिंह का एक आर्टिकल डॉमेस्टिक बैटल बिटवीन विजयराजे एंड माधवराव सिंधिया छपा था। जिसमें वे लिखते हैं कि माधवराव ने मुझे एक दफा बताया था कि उनके और मां के संबंध में कड़वाहट साल 1972 में आना शुरू हो गई थीं। उनका कहना था कि जब मैंने जनसंघ का साथ छोड़कर कांग्रेस में जाने की बात कही तो यह बात उन्हें नागवार गुजरी। साथ ही माधवराव ने यह भी माना कि ऑक्सफ़र्ड जैसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके भारत आकर जनसंघ का मेंबर बनना उनकी सबसे बड़ी भूल थीं। इसी लेख में सिंह आगे लिखते हैं कि ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के दिवंगत सरदार संभाजी राव आंग्रे का इस बारे में अलग मत था। उनका मानना था कि साल 1972 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनसंघ हार गई थी, लिहाजा माधवराव ने जनसंघ का साथ छोड़ दिया था।
Jholachhap Doctor News: मध्य प्रदेश ग्वालियर के ग्वालियर से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर लापरवाही की वजह से एक नाबालिग की जान चली गई। मामला यहां के सिरोल थाना क्षेत्र स्थित फूटी कॉलोनी का है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फूटी कॉलोनी निवासी संतोष जाटव अपने 13 साल के बेटे रोहित जाटव एक निजी क्लीनिक में बुखार के इलाज के लिए ले गए थे। इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर धीरज गुर्जर की लापरवाही की वजह से नाबालिग रोहित की जान चली गई। घटना की वजह क्षेत्र में लोग छोटे क्लीनिक जाने की वजह से भी डर रहे हैं। वहीं, मृतक रोहित के परिजनों ने आरोपित डॉक्टर के प्रति कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
हुरावली रोड स्थित गुर्जर क्लीनिक जिसे सील कर दिया गया। चित्र: एसीएन भारत
इंजेक्शन लगवाते ही निकलने लगे मुंह से झाग
बुखार के उपचार के लिए संतोष जाटव अपने 13 वर्षीय बेटे रोहित जाटव को यहां के हुरावली रोड स्थित गुर्जर क्लीनिक लेकर गए थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि क्लीनिक संचालक डॉक्टर धीरज गुर्जर ने रोहित की कोई जांच किए ही बिना उसे इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन लगाने के कुछ समय बाद ही रोहित की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे और देखते ही देखते मुंह से झाग निकलने लगे। रोहित की बिगड़ती तबीयत को देखकर परिजन घबरा गए। वह उसे दोबारा जीएच हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन तब तक रोहित दम तोड़ चुका था।
परिजनों ने किया चक्काजाम
इस अफसोसनाक घटना से मृतक रोहित के परिजनों में गहरा आक्रोश है। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने हुरावली चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। बड़ी संख्या में परिजनों ने प्रदर्शन करते हुए दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उनके मासूम बेटे की जान चली गई। हम प्रशासन और पुलिस से मांग करते है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई कर उन्हें न्याय दिलाया जाए। परिजनों ने दुःखी स्वर में कहा कि अगर उन्हें पता होता कि डॉक्टर इतनी बड़ी लापरवाही करेगा तो वह उसे उस क्लीनिक पर लेकर कभी नहीं जाते। लिहाजा उनका बच्चा आज जीवित रहता।
प्रशासन ने सील किया क्लीनिक
इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। सबसे पहले दोषी डॉक्टर के क्लीनिक को प्रशासन ने सील किया। इसके बाद परिजनों को शांतिपूर्वक समझाते हुए दोषी डॉक्टर पर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई। सीएसपी हिना खान ने बताया कि एक 13 वर्षीय बालक की मौत के बाद परिजनों ने बॉडी रखकर चक्काजाम किया था। परिजनों का कहना था कि क्लीनिक संचालक ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती है। इस वजह से उनके बच्चे की जान चली गई। खान ने बताया कि मेडिकल टीम और परिजनों ने आपस में चर्चा की है।
Gwalior News: सोमवार को ग्वालियर के हजीरा स्थित जेसी मिल का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दौरा किया। जेसी मिल इंदौर की हुकुमचंद मिल की तरह कई सालों से बंद है। मुख्यमंत्री के साथ क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर भी जेसी मिल पहुंचे।
इससे पूर्व सीएम ने मिल के मजदूरों और यूनियन के नेताओं से भेंट करते हुए मिल के ड्राइंग के माध्यम से मिल के ढाँचे को समझा। वहीं, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने मुख्यमंत्री को मिल मजदूरों की देनदारी और मिल की खाली पड़ी जमीन की नीलामी की जानकारी दी। वहीं, मुख्यमंत्री की इस पहल से मजदूरों के चेहरे पर ख़ुशी लौट आई। उन्होंने मुख्यमंत्री की जमकर प्रशंसा की। मजदूर नेताओं ने मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वह प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री है, जिन्होंने मिल मजदूरों के दर्द को समझा है।
जेसी मील मजदूर यूनियन के इंद्रपाल सिंह ने कहा कि उन्हें सीएम के इस कदम से राहत है। इससे पहले वे हुकुमचंद मिल के मजदूरों को भी न्याय दिला चुके हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है जेसी मिल के मजदूरों को भी न्याय मिलेगा। सालों से इंतज़ार कर रहे मजदूरों को उनका पैसा मिलेगा। इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा उनकी सरकार महिलाओं, किसानों, मजदूरों की बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हम मजदूरों को उनका पैसा जरूर दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबध्द है। जेसी मिल के 8 हजार से अधिक मजदूरों को जल्द ही न्याय मिलेगा। वहीं, जो मजदूर अपनी लड़ाई में काल कलवित हो गए हैं। उनके परिवारों को जल्द न्याय मिलेगा।
सीएम आगे कहा कि मजदूरों को उनका पैसा मिलें इसके लिए हम अदालत के सामने मजबूती से अपना पक्ष पेश करेंगे। वहीं, उन्होंने कहा कि आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए बैंकों से बात करेंगे। ताकि कम से कम समय में मजदूरों को न्याय मिल सकें। इधर, मजदूर यूनियन ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।
गौरतलब है कि ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में करोड़ों के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल प्राप्त हुए है। सीएम कहा कि हम सालों से बंद पड़ी जेसी मिल में आईटी सेक्टर लाने के लिए प्रयासरत है। इससे ग्वालियर चंबल अंचल के युवाओं को आसानी से रोजगार मिलेगा।