• हाइलाइट्स

  1. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों पर असर।
  2. एसबीआई क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव।
  3. मोबाइल के कॉलिंग और डेटा प्लान चेंज।
  4. बैंकों की 17 दिनों की छुट्टियां।

New Rules: आज नवंबर महीने का आखिरी दिन हैं और कल से दिसंबर का महीना शुरू हो जाएगा। हर महीने कुछ बदलाव होते हैं, लिहाजा दिसंबर में भी कई अहम बदलाव होने वाले हैं। जो सीधे आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। इस माह क्रेडिट कार्ड से लेकर गैस सिलेंडर की कीमतों में फेरबदल होने की संभावना हैं। तो आइए जानते हैं कि दिसंबर माह के इन बदलावों का असर आपकी रसोई, महीने की बचत पर कितना पड़ता है।

1. एलपीजी सिलेंडर पर असर

रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट हो सकती है। चित्र: सोशल मीडिया

आम आदमी के महीने की बचत का बहुत कुछ असर रसोई गैस के दामों से पड़ता है। दिसंबर के महीने में भी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट हो सकती है। दरअसल, हाल के महीनों में गैस सिलेंडर की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों का सीधा असर एलपीजी सिलेंडर के दामों पर पड़ता है।

2. एसबीआई क्रेडिट कार्ड में बदलाव

SBI के क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव की संभावना। चित्र: सोशल मीडिया

साल के इस अंतिम महीने में भारतीय स्टेट बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कुछ बदलाव होने वाले हैं। एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के नियमों में कुछ बदलाव की संभावना हैं। माना जा रहा हैं कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों में वृद्धि, शुल्कों में परिवर्तन या फिर नए ऑफर्स का ऐलान कर सकती हैं।

3. मोबाइल डेटा और कॉलिंग पर असर


दिसंबर से ट्राई के भी नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं। चित्र: सोशल मीडिया

दिसंबर से ट्राई के भी नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं। अब टेलीफोन और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को अपने ग्राहकों से ट्राई के नए नियमों के अनुसार शुल्क वसूलने होंगे। इसका असर टेलिकॉम सेक्टर में आने वाले प्लान्स और डेटा पैक्स पर भी पड़ेगा। कस्टमर्स अब नए नियमों के अनुसार अपने मोबाइल या इंटरनेट पैक का चुनाव कर सकते हैं। यह बदलाव यूज़र्स के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आपके कॉलिंग प्लान्स और डेटा पैक्स की कीमतों इसका असर पड़ सकता है।

4. आधार अपडेट मुफ्त में होगा


आधार कार्ड की जानकारी को मुफ्त में अपडेट करवा सकते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

दिसंबर माह उन लोगों के लिए राहत भरा होगा, जिन्हें अपने आधार कार्ड में कुछ बदलाव करवाना है। इस महीने की 14 तारीख तक आप अपने आधार कार्ड की जानकारी को मुफ्त में अपडेट करवा सकते हैं। आपके आधार में अगर नाम, पता, जन्मतिथि या अन्य जानकारी में कोई गलती है तो आप इसे मुफ्त में ठीक करवा सकते हैं।

5. बैंकों के काम जल्दी निपटा लें


भारतीय बैंकों के लिए कुल 17 दिन हॉलिडे की घोषणा की गई है। चित्र: सोशल मीडिया

इस माह भारतीय बैंकों के लिए कुल 17 दिन हॉलिडे की घोषणा की गई है। इसमें कुछ दिन साप्ताहिक छुट्टियां (संडे और शनिवार) और कुछ दिन बैंक की सार्वजनिक छुट्टियां शामिल हैं। इस दौरान बैंक की शाखाएं बंद रह सकती हैं, जिससे आपकी बैंकिंग सेवाओं में देरी हो सकती है। ऐसे में यदि बैंक संबंधित कोई जरूरी काम पेंडिंग हो तो उसे प्राथमिकता से निपटा लें।

ऐसे में आधार कार्ड में सुधार का काम 14 दिसंबर तक और बैंकों से जुड़े जरूरी काम छुट्टियों को छोड़ शेष बचें 14 दिनों में निपटा लें, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ें।

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Social Media Ban: सोशल मीडिया आज हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन इसके उपयोग का सबसे ज्यादा असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। वहीं, बच्चों में इसका असर वयस्कों की तुलना में ज्यादा ही पड़ता है।

लिहाजा, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने देश के 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है।

गौरतलब हैं कि अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सोशल मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल के बारे में चेतावनी जारी कर चुका हैं। इसी तरह दिल्ली एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश सागर का मानना हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम हैं।

2025 से लागू होगा कानून

16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके यूजर्स नहीं बनेंगे। चित्र: सोशल मीडिया

ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह नया कानून अगले साल यानी 2025 के शुरुआती महीनों से लागू किया जाएगा। इस नए कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके उपयोगकर्ता नहीं बनेंगे। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की यह जिम्मेदारी होगी कि वे 16 साल के बच्चों को इससे दूर रखने के लिए अपने यूजर्स की उम्र की पुष्टि करना अनिवार्य होगी।

इन कारणों से उठाना पड़ा बड़ा कदम?

सोशल मीडिया के दुष्परिणाम किसी से छिपे नहीं है। भले सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को सुगम कर दिया हो, लेकिन इसके दुष्परिणामों को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है। वहीं, छोटे बच्चों पर तो इसका असर काफी ज्यादा होता है। नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया सरकार को यह कदम सोशल मीडिया के कारण बच्चों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट को देखते उठाया गया है। सरकार का मानना हैं कि सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरा बच्चों में बढ़ता जा रहा है, इस वजह इसे कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाना होंगे। यही वजह है कि सरकार 16 साल के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर बैन लगा दिया।

अंडरएज यूजर्स नहीं बना सकेंगे अकाउंट

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कड़े निर्देश दिए हैं कि उनके प्लेटफॉर्म्स पर अंडरएज यूजर्स अकाउंट नहीं बना सकें। इसके लिए इन प्लेटफॉर्म्स को एडवांस वेरिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्लेटफॉर्म्स को इस नए कानून को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया गया है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम ने फैसले का स्वागत किया

मेटा ने इस फैसले का स्वागत किया है। चित्र सोशल मीडिया

फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वे नए नियमों का पूरी सख्ती से पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उम्र संबंधी वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुचारू रूप से लागू हो।

ऑस्ट्रेलिया बना पहला देश

ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पूरी तरह से बैन करने कानून लागू करने वाला पहला देश है। इससे यह संदेश स्पष्ट है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे में यह फैसला अन्य देशों को भी इसी दिशा में सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया की तरह दूसरे देशों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक जिम्मेदार बनना होगा। बता दें कि इस कदम का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया की लत और हानिकारक प्रभावों से बचाना है। हालांकि, प्लेटफॉर्म्स के लिए यह नई चुनौती होगी, क्योंकि एडवांस वेरिफिकेशन सिस्टम को लागू करने में समय और अधिक संसाधन लगेंगे।

भारत में क्या स्थिति है?

भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। चित्र: सोशल मीडिया

सोशल मीडिया की लत ऑस्ट्रेलिया या भारत की समस्या नहीं हैं। यह एक तरह से ग्लोबल प्रॉब्लम हैं और इससे निपटने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। इस कानून के तहत 18 साल तक के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सख्त नियम लागू होंगे। इस कानून के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को 18 साल तक बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए उनके पैरेंट्स या गार्जियन की स्वीकृति लेना आवश्यक होगी। साथ ही बच्चों के डेटा पर शर्तें लागू होंगी। साथ ही सोशल मीडिया बच्चों को टारगेट करके एडवरटाइजिंग नहीं कर सकेंगे।

  • इन देशों में पहले से बैन

  1. दक्षिण कोरिया गेमिंग रेगुलेशन समाप्त।

  2. चीन में एज के हिसाब से नेट का इस्तेमाल।

  3. फ्रांस में 15 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

  4. यूएसए में 13 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

  5. यूरोपिन देशों में 16 साल तक पैरेंटल कंट्रोल।

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Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इनदिनों अपनी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Ekta Padyatra) के लिए चर्चा में हैं। देश-विदेश तक चर्चाओं में रहने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री न सिर्फ अपनी कथा बल्कि बयानों की वजह से भी सुर्ख़ियों में रहते हैं। आज हम आपको पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी वो अनसुनी बातें बताएंगे, जो आप शायद नहीं जानते होंगे।

आख़िर कौन हैं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( who is Pandit Dhirendra Krishna Shastri?)


उनका जन्म गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश के गड़ागंज (छतरपुर) गांव में 4 जुलाई 1996 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि उनका बचपन बेहद अभावों में गुजरा। एक समय वे मिट्टी के कच्चे घर में रहा करते थे, जिसमें बारिश के दिनों अक्सर पानी टपकता था। वहीं, घर में खाने तक का अभाव था। उनके इसी गांव में बागेश्वर धाम का अति प्राचीन मंदिर है। गढ़ागंज गांव में ही उनका पैतृक घर है, जिसमें उनके दादा पंडित भगवान दास गर्ग (सेतु लाल) रहा करते थे।

क्यों इतने पॉपुलर हैं बागेश्वर धाम? (Why is Bageshwar Dham so popular?)

उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान पर्ची के माध्यम से करते हैं। भक्त बागेश्वर सरकार के दरबार में अपने दुखों की अर्जी लगाते हैं और वे एक कागज में लिखकर उनकी सारी तकलीफों का समाधान बता देते हैं। उनके दरबार में न सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि वीवीआईपी, नेता, अभिनेता और बड़े उद्योगपति तक हाजरी लगाते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि देश की सबसे अमीर शख़्सियत मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) और राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) की शादी में उन्हें ऑस्ट्रेलिया से ख़ास विमान के जरिए बुलाया गया था।

इस शख़्स की वजह से हो गए थे लोकप्रिय?


श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली थी। चित्र: सोशल मीडिया

बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र के दो कानूनों की वजह से चर्चा में आ गए थे। दरअसल, महाराष्ट्र में औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और दूसरा कानून मानव बलिदान और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथा व काला जादू रोकथान और उन्मूलन ऐक्ट, 2013 लागू हैं। इन्हीं कानूनों के चलते बागेश्वर सरकार को मुसीबत का सामना भी करना पड़ा। दूसरी और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती गई। दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री कुछ साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम में गए थे। उस समय वे लोगों का दिमाग़ रीड करने का दावा करते थे। यही वजह हैं कि महाराष्ट्र में अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री चुनौती दे डाली। समिति ने बागेश्वर सरकार को चुनौती दी कि अगर वे लोगों के दिमाग को पढ़ लेने के दावे को साबित करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये का ईनाम भी दिया जाएगा। लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया और वे नागपुर का प्रोग्राम छोड़कर आ गए। इसके बाद अंधविश्वास उन्मूलन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक श्याम मानव को जान से मारने की धमकियां भी मिली।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता थे नशे के आदि

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पुरानी फोटो। चित्र: सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महज 12 साल की उम्र से प्रवचन देना शुरू कर दिया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव गढ़ा के एक सरकारी स्कूल में हुई। कुछ लोगों का दावा हैं कि बागेश्वर सरकार ने बीए की डिग्री हासिल की हैं, वहीं कुछ लोग दावा करते हैं कि वे केवल 8वीं तक पढ़े हैं। उनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग, माता का नाम सरोज गर्ग और छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग हैं। कहा जाता कि उनके पिता रामकृपाल गर्ग नशे के बेहद आदि थे। इस वजह से वे बागेश्वर धाम का कामकाज नहीं देखते थे। ऐसा कहा जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने दादाजी भगवान दास गर्ग के सानिध्य में बागेशर धाम में कथा करते थे। इसी वजह से उन्हें बालाजी हनुमान की कृपा से कई सिद्धियां प्राप्त हुई।

करोड़ों में है धीरेंद्र शास्त्री की नेट वर्थ (Dhirendra Shastri’s net worth is in crore)

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बागेश्वर सरकार एक कथा के लिए करीब 11 लाख रुपये चार्ज करते हैं। हालांकि, उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते उनकी फीस में भी इजाफा हो गया होगा। वे महीने में करीब तीन कथाएं करते हैं और एक कथा में 10-15 दिन का समय लगाते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागेश्वर सरकार की नेट वर्थ करीब 20 करोड़ के आसपास हैं। दरअसल, कथा के दौरान भक्तों से दान के तौर पर खूब पैसा मिलता है। बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर दावा किया गया कि वे कथा और चढ़ावे के पैसों से चैरिटी के काम करते हैं। उनका ज्यादातर पैसा भूखों को भोजन कराने, गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह करवाने, गौ रक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैदिक गुरुकुल संचालन करने में खर्च होता है।


https://www.youtube.com/watch?v=ClVK95KAico

  • हाइलाइट्स-

  1. धीरेंद्र शास्त्री सनातन हिंदू एकता पदयात्रा से चर्चा में हैं।
  2. उनका बचपन काफी अभावों में बीता।
  3. उनकी नेटवर्थ करोड़ों में आंकी गई हैं।
  4. उनके दरबार में कई वीवीआईपी हाजरी लगाते हैं।

NEW DELHI:  केंद्र सरकार ने पैन कार्ड को अपग्रेड करने के लिए PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। अब पैन कार्ड QR कोड के साथ जारी किए जाएंगे। यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान के तहत पैन कार्ड को अधिक सुरक्षित और उपयोगी बनाने के लिए उठाया गया है।

पुराने पैन कार्ड का क्या होगा?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुराने पैन कार्ड धारकों को QR कोड वाला नया पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए दोबारा आवेदन करना पड़ सकता है। इसके लिए मामूली शुल्क लिया जाएगा। वहीं, जिनके पास अभी तक पैन कार्ड नहीं है, वे इसे आसानी से ऑनलाइन या ऑफलाइन बनवा सकते हैं।

पैन कार्ड का महत्व

पैन (Permanent Account Number) एक 10-अंकों का यूनिक नंबर है, जिसे आयकर विभाग जारी करता है। यह वित्तीय लेन-देन जैसे टैक्स भरने, बैंक खाता खोलने और संपत्ति खरीदने में आवश्यक होता है।

PAN 2.0 क्यों जरूरी है?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि PAN 2.0 प्रोजेक्ट सरकार की ई-गवर्नेंस पहल का हिस्सा है। यह पैन कार्ड को आधुनिक और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएगा। मौजूदा पैन सॉफ्टवेयर 15-20 साल पुराने हैं, जिन्हें अपग्रेड करने की आवश्यकता है।

नए पैन कार्ड की विशेषताएं

नए पैन कार्ड में QR कोड जैसी विशेषताएं होंगी, जो उपयोगकर्ताओं को बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करेंगी। QR कोड के जरिए कार्ड की जानकारी को तुरंत सत्यापित किया जा सकेगा।

कैसे बनवाएं पैन कार्ड?

1. फिजिकल पैन कार्ड:
– नजदीकी PayNearby या अन्य अधिकृत रिटेल स्टोर से आवेदन कर सकते हैं।
– आवेदन शुल्क लगभग 100 रुपये होगा।
2. डिजिटल पैन कार्ड:
– आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर Instant e-PAN के लिए मुफ्त आवेदन किया जा सकता है।
– इसके लिए आधार कार्ड का मोबाइल नंबर से लिंक होना अनिवार्य है।

फ्री पैन कार्ड का लाभ:

फ्री e-PAN का लाभ केवल वही व्यक्ति उठा सकते हैं, जिनके पास पहले से पैन कार्ड नहीं है। यदि कार्ड खो गया है या क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पुनः बनवाने पर शुल्क देना होगा।

निष्कर्ष:

PAN 2.0 प्रोजेक्ट न केवल पैन कार्ड को डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप बनाएगा, बल्कि टैक्सपेयर के लिए प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित भी करेगा।

NEW DELHI: भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और देश के कई प्रमुख नेताओं ने संविधान दिवस पर शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय संविधान को देश की ताकत और जीवनरेखा बताते हुए कहा कि यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की गारंटी देता है।

पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विशेष वीडियो साझा करते हुए लिखा, “सभी देशवासियों को भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।” करीब डेढ़ मिनट के इस वीडियो में उन्होंने संविधान की शक्ति पर जोर देते हुए कहा, “हमारा संविधान हमारी ताकत है। यह हमें एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्गदर्शन देता है।”

खड़गे और अन्य नेताओं ने भी दिया संदेश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी संविधान दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और संविधान निर्माताओं को याद करते हुए कहा कि यह दिवस हमें उनके योगदान का सम्मान करने और उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा देता है।

संविधान दिवस का महत्व

भारत में संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 1949 में भारतीय संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकृत किया था। संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक, गणराज्य और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने की नींव रखी।

कार्यक्रम और आयोजन

इस खास अवसर पर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संसद भवन में विशेष सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में संविधान से जुड़े भाषण, निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।

संविधान दिवस पर संदेश

इस वर्ष का संविधान दिवस विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संविधान की 75वीं वर्षगांठ है। यह अवसर न केवल संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करने का है, बल्कि इस बात पर विचार करने का भी है कि संविधान हमारे राष्ट्रीय जीवन में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

NEW DELHI:  सऊदी अरब के जेद्दा में IPL 2024 के मेगा ऑक्शन के पहले दिन कुल 467.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें 72 खिलाड़ियों को खरीदा गया। इस दौरान गेंदबाजों पर विशेष खर्च हुआ, खासकर युजवेंद्र चहल पर, जिन्हें सबसे ज्यादा रकम दी गई। वहीं, कप्तानों को खरीदने पर भी जमकर पैसे बरसे, 4 प्रमुख कप्तानों पर 83.50 करोड़ रुपये खर्च हुए।

ऑक्शन के पहले दिन 10 फ्रेंचाइजी ने 467.95 करोड़ रुपये खर्च कर कुल 72 खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल किया। अब इन टीमों के पास 173.55 करोड़ रुपये बचते हैं, जिनसे उन्हें आगामी ऑक्शन में 132 और खिलाड़ियों को खरीदना है। गेंदबाजों पर कुल खर्च का 44 फीसदी हिस्सा गया, जिसमें चहल को सबसे ज्यादा 6.5 करोड़ रुपये मिले। खास बात यह रही कि 11 में से 7 स्पिनर्स ने करोड़पति बनने का सपना पूरा किया। वहीं, पेस गेंदबाजों को स्पिनर्स से भी ज्यादा तवज्जो मिली, और सभी 20 तेज गेंदबाजों को टीमों ने करोड़पति बना दिया।

विदेशी खिलाड़ियों पर खास मेहरबानी

ऑक्शन के पहले दिन खरीदी गई 72 खिलाड़ियों में से 24 विदेशी थे। भारतीय खिलाड़ियों पर 284.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका औसत 5.92 करोड़ रुपये प्रति खिलाड़ी रहा। वहीं, विदेशी खिलाड़ियों पर कुल 183.75 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो कि 7.66 करोड़ रुपये प्रति खिलाड़ी के औसत से अधिक थे, यानी भारतीय खिलाड़ियों से 1.74 करोड़ रुपये ज्यादा।

कप्तानों पर हुआ भारी खर्च

ऑक्शन के पहले दिन कप्तानों का दबदबा रहा । ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और जोस बटलर पर कुल 83.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए । इन सबमे सबसे महंगे कप्तान ऋषभ पंत रहे,जिनके बाद श्रेयस अय्यर, जोस बटलर और केएल राहुल का नाम आता है। दिल्ली ने राहुल को 14 करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि पंत ने दिल्ली, श्रेयस ने कोलकाता, राहुल ने लखनऊ और बटलर ने इंग्लैंड टेस्ट टीम की कप्तानी की हुई है।

NEW DELHI: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy 2024) के पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया। पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए इस टेस्ट मैच को जीतकर भारत ने इस टेस्ट सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है। अगला टेस्ट मैच 6 दिसंबर से होगा जो एडिलेड में खेला जाएगा।

पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन 534 रनो को चेज कर रही ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी दूसरी पारी में 238 रनो पर ही सिमट गई। जबकि भारत ने 487 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित कर दी थी। अपनी पहली पारी में भारतीय टीम ने 150 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 104 रनो पर सिमट गई थी।

ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया की पहली हार
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 5 मैच खेले है। जिसमे से 4 मैचों में जीत हासिल भी की है लेकिन यह ऐसा पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया टीम को इस मैदान पर हार का सामना करना पड़ा हो।

भारत की ऑस्ट्रेलिया में अब तक की सबसे बड़ी जीत

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पर्थ टेस्ट में हराकर जीत हासिल कर ली है। इसी के साथ यह भारत की ऑस्ट्रेलिया में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 295 रनो से हरा दिया। इससे पहले भारतीय टीम ने 1977 में ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में 222 रनो से हराकर जीत हासिल की थी।

भारतीय टीम ने की शानदार गेंदबाजी
पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम की शानदार गेंदबाजी देखने को मिली है। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह दोनों ने 3-3 विकेट लिए। बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

 

 

NEW DELHI: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पर्थ टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम 150 रनो पर ऑलआउट हो गई लेकिन बेहतरीन गेंदबाजी करके टीम ने वापसी की है और फिलहाल मजबूत स्तिथि में पंहुचा दिया है । पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया टीम ने 7 विकेट खोकर 67 रन बना लिए थे । जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए ।

ऑप्टस स्टेडियम में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया लेकिन कोई भी 50 रन का आकड़ा भी पार नहीं कर पाया और नजीता यह हुआ की पूरी टीम 150 रनो पर सिमट गई ।

नीतीश रेड्डी ने बनाए सर्वाधिक रन

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही भारतीय टीम की शुरुवात बेहद खराब रही । विराट कोहली भी सिर्फ 5 रन ही बना पाए ध्रुव जुरेल 11 रन और वाशिंगटन सुंदर भी मात्र 4 रन बनाकर आउट हो गए । यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पडीक्कल अपना खाता भी नही खोल पाए ।
इस मैच डेब्यू कर रहे नीतीश रेडडी ने 59 बॉल पर 41 रन बनाए और टीम को मजबूत स्तिथि में पहुंचाया ।

भारतीय टीम ने शानदार गेंदबाजी कर वापसी की

भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जो स्कोर खड़ा किया था उससे प्रशंसक निराश थे लेकिन फिर बेहतर गेंदबाजी करके टीम ने निराशा को आशा में बदल दिया । जसप्रीत बुमराह ने 4 विकेट लिए तो मोहम्मद सिराज ने भी 2 विकेट हासिल किए । हर्षित राणा को भी 1 विकेट मिला ।

 

 

Adani Case in America: अमेरिका में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) समेत 8 लोगों पर रिश्वत देने के आरोप में अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया है। अडानी के खिलाफ यह अरेस्ट वॉरंट अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने जारी किया है। उनके खिलाफ न्यूयॉर्क की कोर्ट में चार्जशीट की तरह एक इन्डाइटमेंट दाखिल किया गया है।

इस इन्डाइटमेंट में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 8 लोगों को एक्यूज्ड बनाया गया है। अडानी और इन 8 आरोपियों पर भारत में सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए सरकारी अफसरों को घूस ऑफर करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कॉन्ट्रैक्ट को पाने के लिए इन्होंने सरकारी अफसरों को 26.5 करोड़ डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की घूस ऑफर की थी।

उन पर यह आरोप अमेरिका के एसईसी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने लगाया है। ख़बरों के मुताबिक, अडानी और उनके सहयोगियों पर कथित आरोप है कि उन्हें इस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अगले 20 सालों में करीब दो अरब डॉलर (17 हजार करोड़ रुपये) का मुनाफा होने वाला था। बता दें कि अमेरिकी इन्वेस्टर्स से रिश्वत की बात छिपाने की वजह से यह केस अमेरिका में हुआ है, जबकि यह प्रोजेक्ट भारत का था और रिश्वत भी भारतीय अफसरों को ऑफर की गई थी

आखिर क्या है पूरा मामला?

साल 2024 के अक्टूबर महीने में अडानी की ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर के खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। दरअसल, इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत भारत की सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरशन ऑफ इंडिया को 12 गीगावॉट सोलर एनर्जी अडानी ग्रीन एनर्जी को मुहैया करवानी थी।

जबकि सरकारी कंपनी को ये बिजली देश की विभिन्न पावर कंपनियों को बेचना थी। लेकिन इसके खरीददार नहीं मिल पा रहे थे। यही वजह है कि सरकारी कंपनी से बिजली खरीदने के लिए अडानी और उनके सहयोगियों ने सरकारी अफसरों को यह रिश्वत दी। इसके लिए जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की कंपनियों से डील की गई।

दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक आंध्र प्रदेश 2,000 मेगावॉट,तमिलनाडु 1,000 मेगावॉट,ओडिशा 500 मेगावॉट, छत्तीसगढ़ 300 मेगावॉट और जम्मू-कश्मीर 100 मेगावॉट की बिजली खरीदने के समझौते किए गए। इस केस में गौतम अडानी के अलावा सागर अडानी, रंजीत गुप्ता, विनित जैन, सौरभ अग्रवाल, सिरिल कैबानिस,दीपक मल्होत्रा,रूपेश अग्रवाल और रंजीत गुप्ता आरोपी है।

इन 8 लोगों पर अमेरिका में कथित रिश्वत के दो मामले हैं। जिसमें एक मामले की जांच अमेरिका की एफबीआई कर रही है, वहीं दूसरा मामला सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन की ओर से चलाया जा रहा है।

इन दो भारतीयों की अहम भूमिका?

1. संजय वाधवाः

भारत की सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की इन्फोर्समेंट डिविजन के एक्टिंग डायरेक्टर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक संजय वाधवा ही है। सरकारी कंपनी का यह डिविजन नुकसान उठाने वाले इन्वेस्टर्स को उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करता है तथा अपराध से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करता है। बता दें कि इस वाधवा ने 11 अक्टूबर, 2024 को ही यह जिम्मेदारी संभाली थी।

2. तेजल डी. शाहः

जबकि तेजल शाह अमेरिका के न्यूयॉर्क ऑफिस में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की इन्फोर्समेंट डिवीजन की एसोसिएट रीजनल डायरेक्टर हैं। अडानी और उनके सहयोगियों पर कथित रिश्वत की जांच तेजल शाह की निगरानी में ही हो रही है। वैसे तो तेजल 2014 से ही सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ी है लेकिन एसोसिएट डायरेक्टर उन्होंने पिछले साल ही संभाला है।

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NEW DELHI: हम जब भी कहीं सड़क से गुजरते हैं, तो अक्सर वहां कुछ भिखारी दिखाई देते हैं, जो आने-जाने वाले लोगों से भीख मांगते रहते हैं। आपने भी कभी न कभी उन पर दया की होगी और पैसे दिए होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ भिखारी कितने अमीर होते हैं? एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

हम जिन भिखारियों पर दया दिखाकर पैसे देते हैं, उनकी असली संपत्ति का अंदाजा भी आपको नहीं होगा। पाकिस्तान के एक भिखारी ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च करके लोगों को शाही दावत दी, तो यह खबर सुनकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर में रहने वाले एक भिखारी के परिवार ने एक भव्य दावत का आयोजन किया था, जिसमें पंजाब भर से हजारों लोग शामिल हुए।

भिखारियों ने दी आलीशान दावत

सोशल मीडिया पर इस वक्त गुजरांवाला के एक भिखारी परिवार का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने 20,000 लोगों के लिए शानदार दावत दी। मेहमानों को दावत स्थल तक पहुंचाने के लिए 2,000 से ज्यादा वाहनों की व्यवस्था भी की गई थी। और यह जानकर आपको हैरानी होगी कि भिखारी परिवार ने इस भव्य आयोजन पर लगभग 1.25 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (जो भारतीय मुद्रा में लगभग 38 लाख रुपये बनते हैं) खर्च कर डाले। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दावत उनकी दादी की मृत्यु के 40वें दिन पर आयोजित की गई थी ।