मणिपुर : वक्फ संशोधन कानून को लेकर हंगामा जारी है विपक्षी पार्टियां और कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं और वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.वहीं नए वक्फ कानून का समर्थन करने पर मणिपुर के थोउबल जिले में रविवार 6 अप्रैल को भीड़ ने बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असगर अली मकाकमयुम के घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.घटना के बाद असगर अली ने माफी मांगी और केंद्र सरकार से नए वक्फ कानून को वापस लेने की अपील की|

मणिपुर: हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर पर पहली बार सरकार ने सच स्वीकार किया है। दरअसल संसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को शुक्रवार 4 बजे पारित कर दिया। हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुरूप दो महीने के अंदर राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए एक सांविधिक संकल्प केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया। उच्च सदन ने शुक्रवार चार बजे इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि मणिपुर में 260 लोग जातीय हिंसा में मारे गए। हालांकि ये भी सच्चाई है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में इससे ज्यादा लोग मारे गए।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि मणिपुर में 260 लोग जातीय हिंसा में मारे गए। हालांकि ये भी सच्चाई है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में इससे ज्यादा लोग मारे गए।

MANIPUR : मणिपुर में 6 शव मिलने के बाद हालात और भी गंभीर हो गए हैं । गुस्साई भीड़ ने मंत्री और विधायकों के घरों में आग लगा दी। केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का निर्णय लिया है। इसी बीच, एनपीपी ने राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा,गृहमंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। पिछले हफ्ते जिरीबाम जिले में 6 लोगों की लाश नदी में मिलने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई। इस घटना ने हिंसा की चिंगारी को और भड़काया, जिसके चलते गुस्साई भीड़ ने मंत्री और विधायकों के घरों में आग लगा दी। हालात को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियाँ रद्द कर दीं और दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हुए

मणिपुर में शांति लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, 5000 जवान भेजे जाएंगे

उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती जरूरी है। इसके तहत 5,000 से अधिक कर्मियों वाली अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को मणिपुर भेजने का फैसला किया गया। फिलहाल, गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां राज्य में भेजी हैं, जिनमें सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से 5 कंपनियां शामिल हैं ।