INDORE NEWS: मध्यप्रदेश के इंदौर में भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल के दौरान एक महिला भिखारी के पास से 75,748 रुपये कैश मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना प्रशासन और आम जनता के लिए चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि महिला ने बताया कि यह उसकी महज एक हफ्ते की भीख मांगने से हुई कमाई है।

कैसे हुआ खुलासा

रेस्क्यू अभियान इंदौर जिला प्रशासन द्वारा भिखारी मुक्त शहर अभियान के तहत महिला का रेस्क्यू किया गया। जब अधिकारियों ने महिला की तलाशी ली, तो उसकी साड़ी के पल्लू में 500, 200, और 100 रुपये के कई नोट मिले जिसमे छोटे नोट और सिक्के भी शामिल थे।

महिला का दावा

महिला ने अधिकारियों को बताया कि वह इंदौर के बड़ा गणपति के पास स्थित शनि मंदिर के बाहर भीख मांगती है और आमतौर पर हर 10-15 दिनों में इतनी रकम इकट्ठा कर लेती है। उसने कहा कि यह उसके एक हफ्ते की कमाई है। महिला को रेस्क्यू के बाद सेवाधाम आश्रम भेज दिया गया है, जहां उसकी देखरेख की जाएगी।

भिखारी मुक्त अभियान

फरवरी 2024 से चल रहे इस अभियान के तहत सात विभागों की संयुक्त टीम ने इंदौर के भिखारियों को पुनर्वास का विकल्प दिया है। उन्हें आश्रमों में भेजा जा रहा है और भिक्षावृत्ति छोड़ने के लिए समझाइश दी जा रही है। प्रशासन का लक्ष्य शहर को भिक्षावृत्ति से पूरी तरह मुक्त करना है।

यह भी पढ़ें:

Allu Arjun Arrested: पुष्पा 2 फेम अल्लू अर्जुन की धाराओं में हुई गिरफ्तारी, जानिए पूरा मामला

सवाल जो उठते हैं

1. भीख मांगने की व्यवस्था : महिला के दावों से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक स्थलों पर भीख मांगना एक संगठित गतिविधि हो सकती है।
2. पुनर्वास का प्रभाव: प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि इस तरह के भिक्षुकों को बेहतर रोजगार या जीवनयापन के साधन मुहैया कराए जाएं।
3. आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण: यह घटना समाज में भिक्षावृत्ति के पीछे की जटिलताओं और इसके आर्थिक पहलुओं की ओर ध्यान दिलाती है।

महिला के पास से इतनी बड़ी रकम मिलना और उसकी नियमित आय का दावा इस बात को उजागर करता है कि भीख मांगने की प्रथा,खासकर धार्मिक स्थलों के पास,एक गंभीर मुद्दा है। प्रशासन की भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल सराहनीय है, लेकिन इसे प्रभावी बनाने के लिए भिक्षुकों के लिए दीर्घकालिक समाधान और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है।

Polytechnic College: विश्व मानव अधिकार दिवस पर अशोकनगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic College) से बेहद शर्मनाक तस्वीरें सामने आ रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल,बीते दिनों विश्व मानव अधिकार दिवस पर अशोकनगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के छात्र मानव अधिकार के दिन द्विअर्थी फिल्मी गानों पर ठुमके लगाते नजर आए। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है।

‘दबंग-2’ के फूहड़ गाने पर डांस

इस वीडियो में सलमान खान स्टारर दबंग 2 के फूहड़ आइटम सांग, ”अंगडाईआं लेती हूँ मैं जब ज़ोर ज़ोर से, उफ़ अंगडाईआं लेती हूँ मैं जब ज़ोर ज़ोर से….. पर डांस करते हुए नज़र आ रहे हैं।

 क्यों मनाते हैं मानव अधिकार दिवस?

गौरतलब हैं कि प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को दुनिया भर में मानव अधिकार दिवस (Human Rights Day) के रूप में मनाते हैं। दरअसल, 10 दिसंबर 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly ने मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाकर इसके अधिकारों की रक्षा के लिए एक आधारशिला रखी थीं। यह घोषणा दुनिया के हर इंसान के लिए समान अधिकार और गरिमा का अधिकार प्रदान करती हैं।

 

 

https://www.youtube.com/watch?v=wnlUVPXhC40

DIGITAL ARREST NEWS: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है, जिसमें 16 साल की मृणाल करड़ेकर ने शातिर ठगों की चालाकी को समझते हुए अपने पिता को ‘डिजिटल अरेस्ट’ से बचा लिया। यह घटना डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता का एक बेहतरीन उदाहरण है।

क्या है डिजिटल अरेस्ट की कहानी

ग्वालियर के तारागंज क्षेत्र के निवासी प्रकाश करड़ेकर, जो दवा कारोबारी हैं, को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनका मोबाइल नंबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और अवांछित मैसेजिंग में शामिल है।

– कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और बाद में सीबीआई अधिकारी बताया।
– ठगों ने प्रकाश को धमकी दी कि मुंबई क्राइम ब्रांच उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम भेज रही है।
– उनके पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें एक वर्दीधारी व्यक्ति उन्हें नोटिस दिखाते हुए धमकाने लगा।
– प्रकाश घबरा गए और डेढ़ घंटे तक ठगों के ‘डिजिटल अरेस्ट’ में फंसे रहे।

यह भी पढ़ें-

Digital Arrest: नर्स को बंद कमरे में 21 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, आरोपियों ने…

कैसे किया बेटी मृणाल ने ठगों का सामना

जब मृणाल स्कूल से घर पहुंची, तो उसने अपने पिता को परेशान और सहमे हुए देखा।
– पहले तो उन्होंने पिता से बात करने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ बताने को तैयार नहीं थे।
– मृणाल ने तुरंत मोबाइल फोन अपने हाथ में लिया और कॉल काट दिया।
– ठगों के दोबारा कॉल करने पर मृणाल ने खुद उनसे बात की और उनके हर सवाल का जवाब दिया।
– मृणाल ने ठगों से उल्टा सवाल करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें समझ आ गया कि उनकी चाल अब काम नहीं करेगी।

कैसे समझें ‘डिजिटल अरेस्ट’ की चाल

मुंबई पुलिस का यह फेक डॉक्यूमेंट दिखाकर डराने की कोशिश की गई। चित्र:सोशल मीडिया

– ठग पहले डराते हैं कि आपका मोबाइल आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है।
– वे सरकारी अधिकारी, जैसे CBI या पुलिस बनकर गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
– वीडियो कॉल में फर्जी वर्दीधारी अधिकारी दिखाकर विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं।
– ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर आपको घेरने और डराने का प्रयास करते हैं।

इस घटना से सबक

सतर्क रहें किसी भी अनजान कॉलर की बातों पर तुरंत भरोसा न करें। जानकारी जांचें किसी भी सरकारी कार्यवाही की पुष्टि संबंधित विभाग से करें। डिजिटल सुरक्षा फर्जी कॉल और मैसेजिंग के जाल से बचने के लिए जागरूक रहें । मृणाल करड़ेकर की सतर्कता और साहस ने न केवल उनके पिता को ठगों से बचाया,बल्कि पूरे देश को डिजिटल ठगी से बचने का एक बेहतरीन उदाहरण भी दिया है।

यह भी पढ़ें-

इंदौर में महिला कारोबारी से 1.60 करोड़ की साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट के नाम पर…

नकली पुलिस ने एडिशनल DCP को, डिजिटल अरेस्ट के लिए किया कॉल | ACN Bharat

https://www.youtube.com/watch?v=qdGQnPTb1UQ

Damoh News: दमोह में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठाने को लेकर कुछ लोगों ने बग्गी मालिक और उसके कर्मचारियों की पिटाई कर दी।

घटना जबलपुर नाका पुलिस चौकी के तहत आने वाले चोरई गांव में घटी। यहां एक दलित समाज के लड़के की शादी थी और बारात में दूल्हे को घोड़ी और बग्गी पर बैठाने का इंतजाम किया गया था। दूल्हे के परिवार ने दमोह से बग्गी का इंतजाम किया, लेकिन गांव के कुछ दबंगों को यह नागवार गुजरा। उन्होंने बग्गी मालिक से यह कहकर घोड़ी बग्गी पर दूल्हे को न बैठाने की मांग की।

हालांकि, बग्गी मालिक ने इस बात को दूल्हे और उनके परिवार को बताया, लेकिन बाद में गांव के कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि कोई समस्या नहीं होगी। बारात पूरे धूमधाम से निकली और नाचते-गाते लोग शामिल हुए। लेकिन, बारात के बाद जब बग्गी मालिक राहुल रजक और जयकिशन रजक दमोह लौट रहे थे, तो कुछ दबंगों ने उन्हें रोक लिया और उनकी बुरी तरह पिटाई कर दी।

इसके बाद बग्गी मालिक और उसके दो साथी किसी तरह अपनी जान बचाकर जबलपुर नाका पुलिस चौकी पहुंचे, जहां उनकी चोटों का इलाज जिला अस्पताल में कराया गया। थाना प्रभारी आंनद अहिरवाल के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश जारी है।

Jitu Patwari: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने झोतेश्वर से लौटते समय राजमार्ग पर पूर्व विधायक संजय शर्मा के निवास पर स्नेह भोज में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से सजन्य भेंट की और आगामी 16 तारीख को भोपाल में होने वाले विधानसभा घेराव में सभी कांग्रेसजनों को शामिल होने की अपील की।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि वे पिछले 14 हफ्तों से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री ने अब तक मुलाकात के लिए समय नहीं दिया।

जीतू पटवारी ने चेतावनी दी कि यदि शिवराज सिंह चौहान उनसे मुलाकात नहीं करते हैं, तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में अन्नदाता यात्रा निकालने का निर्णय लेगी।

यह भी पढ़ें: Bageshwar Dham: आज जान लीजिए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितना कमाते हैं, एक कथा का करते हैं इतना चार्ज

कॉमेडियन सुनील पाल के बाद अब अभिनेता मुश्ताक खान का हुआ अपहरण, जबरन वसूली का मामला दर्ज

”तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है”

PM Awas Yojana: अदम गोंडवी के इस शेर को कहे दशकों बीत चुके हैं। लेकिन आज भी ग्रामीण अंचलों के हाल ज्यों के त्यों बने हुए हैं। गरीबों की फाइलें सरकारी अफसरों की टेबल पर आकर ऐसे रुक जाती हैं कि साल दर साल बीतते जाते हैं लेकिन ये फाइलें न हिलती हैं और नहीं आगे बढ़ती हैं। और इन फाइलों को न सांसद, न विधायक और न बड़े ओहदे पर बैठे सरकारी अफसर हिला सकते हैं, और न ही मुफ़लिसों की नेताओं के सामने जी हुजूरी हिला सकती हैं। इन फाइलों को सिर्फ ‘घूस’ नाम का ‘जिन्न’ ही हिला और आगे बढ़ा सकता हैं।

लेकिन दो वक्त की रोटी के लिए लकड़ियां बेचकर अपना घर परिवार चला रही ये महिलाएं इतनी लाचार और बेबस है कि वे इन सरकारी अफसरों और नेताओं को अपनी फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत नहीं दे सकती है। नतीजतन, सालों साल ये फाइलें सरकारी टेबलों पर ही सड़ जाती है। लेकिन इन फाइलों की सीलन गंध सूंघकर भी इन्हें उस बरसात के पानी की याद नहीं आती हैं, जो इन गरीबों के कच्चे घरों में रिश्ता है।

मासूम बच्चों के साथ सरकारी अफसरों का इंतज़ार करती महिलाएं। चित्र: एसीएन भारत

दरअसल, मामला हीरों की खान कहे जाने वाले पन्ना जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम द्वारी, मजरा, नयापुरा और टेढ़ी का हैं। यहां कि आदिवासी और पिछड़ा वर्ग की 40 से अधिक महिलाएं आए दिन एक अदने से मकान के लिए कभी नेताओं के सामने गिड़गिड़ा रही हैं, तो कभी सरकारी अफसरों कि खाक छान रही हैं ताकि अपने मासूम बच्चों को सर्दी, बारिश के कहर से बचा सकें। लेकिन इनकी किस्मत में सिर्फ और सिर्फ ये कच्चे घर (घरोंदे) ही नसीब हैं।

मंगलवार को 40 से अधिक महिलाएं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिलने आवास के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। अपने मासूम बच्चों को गोद में लेकर तपती में ये सरकारी कार्यालय के बाहर जनसुनवाई के लिए घंटों बैठी रही।

ग्राम नयापुरा निवासी गुड्डी बाई। चित्र: एसीएन भारत

ग्राम नयापुरा निवासी गुड्डी बाई आदिवासी का कहना हैं कि ”पीएम आवास योजना में उनका नाम आ जाता हैं लेकिन सचिवऔर सरपंच लिस्ट से नाम काट देते हैं। आवास योजना का लाभ देने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग करते हैं।”

लरजते स्वर में गुड्डी बाई आगे कहती हैं कि ‘गरीब लोगों कि कोई सुनता ही नहीं है। बड़े आदमियों की हर कोई सुनवाई कर देता है, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं करता। हम लकड़ियां बेचकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और अपना पेट भरते हैं। चार पांच सालों से परेशान है। लेकिन, अभी तक उन्हें पीएम आवास योजना का फायदा नहीं मिल पाया है। हमारे परिवार में न हमारी सास, न हमारी जेठानी और न ही हमें पीएम मोदी की इस योजना का लाभ मिल पाया है। जबकि हमारी सास तो बुजुर्ग हैं और सरकारी अफसरों के चक्कर नहीं लगा सकती हैं। लेकिन उनका भी मकान नहीं बन पाया है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि उन्हें पक्का घर मिल जाएगा। लेकिन पता नहीं कब मिलेगा, सालों तो बीत गए हैं।”

ग्राम पंचायत द्वारी निवासी ओम प्रकाश शर्मा। चित्र: सोशल मीडिया

ग्राम पंचायत द्वारी निवासी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि ”ये आदिवासी बूढ़ी महिलाएं हैं, लेकिन इन्हें सालों बाद भी पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को इनकी समस्या से अवगत कराया हैं। पिछली बार भी ये गरीब महिलायें जनसुनवाई में आई थी। इन्होंने सांसद और विधायकों को भी अपना दर्द बयां किया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच किसी ने सुनवाई नहीं की।”

योजना को 9 साल बीत चुके हैं

पीएम मोदी की इस योजना को अब तक 9 वर्ष से अधिक समय बीत चुका हैं। इस योजना का पहला चरण अप्रैल 2015 से मार्च 2017, दूसरा चरण अप्रैल 2017 से मार्च 2019, तीसरा चरण अप्रैल 2019 से मार्च 2022 तक चला। साथ ही PMAY-U 2.0 योजना के तहत 31 दिसंबर 2024 तक ग्रामीण और शहरी गरीबों को घर मुहैया कराना हैं।

Vijaya Raje Scindia: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया का कभी कांग्रेस से नाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। दरअसल, साल 1957 में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद वे गुना से सांसद चुनी गई। लेकिन, कांग्रेस में दस साल बिताने के बाद साल 1967 में उनका मोहभंग हो गया और उन्होंने इसी वर्ष जनसंघ से नाता जोड़ लिया।

बचपन में बरमान घाट की दीवानी थी

यहां बचपन में लाव-लश्कर के साथ आती थीं महारानी। चित्र: सोशल मीडिया

राजमाता के बारे में कहा जाता हैं कि जबलपुर से तक़रीबन 125 किलोमीटर दूर करेली-सागर मार्ग पर बसे बरमान घाट (ब्रह्मांड घाट) की वे बचपन में मुरीद थीं। दरअसल, ब्रह्मांड घाट का अपभ्रंश ही बरमान घाट है। यहां के कुदरती नजारों के मोह में महारानी विजयराजे सिंधियां बचपन में पूरे लाव-लश्कर के साथ महीनों बिताती थीं। बरमान घाट से सिंधिया घराने का विशेष मोह था, इसीलिए यहां रानी कोठी बनवाई गई थीं।

यह भी पढ़ें: Bageshwar Dham: आज जान लीजिए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितना कमाते हैं, एक कथा का करते हैं इतना चार्ज

इंदिरा लहर में भी चला जादू

ग्वालियर क्षेत्र में 3 सीटें जिताई। चित्र: सोशल मीडिया

राजमाता विजया राजे सिंधिया महाराजा जिवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में ही नहीं, बल्कि अपनी एक अलग शख़्सियत की वजह से भी वे जानी जाती थीं। वे ऐसी राजनीतिक शख़्सियत थीं, जो कई दफा संसद के दोनों सदनों में चुनी गई। साल 1967 में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ने के बाद वे जनसंघ की सदस्य बन गई। इसके बाद वे बीजेपी के संस्थापकों में से एक बनीं। वे राजनीतिक क्षेत्र की कितनी बड़ी शख़्सियत थीं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता हैं कि साल 1971 में इंदिरा गांधी की लहर के बावजूद उन्होंने जनसंघ को ग्वालियर क्षेत्र की तीन सीटों पर जीत दिलाई। उस साल विजयाराजे सिंधिया, उनके पुत्र माधवराव सिंधिया और अटल बिहारी वाजपेयी क्रमशः भिंड, गुना और ग्वालियर से सांसद चुने गए।

कभी बेटे माधवराव सिंधिया से थे प्रगाढ़ संबंध

नामचीन पॉलिटिकल एनालिटिक्स रशीद किदवई ने अपनी प्रसिद्ध किताब द हाउस ऑफ़ सिंधियाज-ए सागा ऑफ़ पावर, पॉलिटिक्स एंड इन्ट्रीग (The House of Scindias: A Saga of Power, Politics and Intrigue) में बताया कि एक समय राजमाता विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया में बेहद प्रगाढ़ संबंध थे। वे बताते हैं कि एक समय माधवराव, अपनी महिला मित्रों के बारे में अपनी मां विजयाराजे सिंधिया को ही बताया करते थे। राजमाता सिंधिया खुद अपनी बायोग्राफी प्रिंसेज़ में लिखती हैं कि भैया (माधवराव सिंधिया) और मैं फ्रेंड्स की तरह थे। एक मर्तबा वे (माधवराव) मेरे होटल में आए और मुझसे रात दो बजे तक खुलकर बातें करते रहे। मुझे अपनी महिला मित्रों के बारे में बताते रहे।

बाद में माँ-बेटे में बढ़ गई तल्ख़िया

बाद में माँ बेटे में बढ़ गई दूरियां। चित्र सोशल मीडिया

इतने प्रगाढ़ संबंध होने के बाद भी महारानी और माधवराव के संबंध कैसे बिगड़ गए इस बारे में 30 सिंतबर 1991 के इंडिया टुडे के अंक में फेमस जर्नलिस्ट एनके सिंह का एक आर्टिकल डॉमेस्टिक बैटल बिटवीन विजयराजे एंड माधवराव सिंधिया छपा था। जिसमें वे लिखते हैं कि माधवराव ने मुझे एक दफा बताया था कि उनके और मां के संबंध में कड़वाहट साल 1972 में आना शुरू हो गई थीं। उनका कहना था कि जब मैंने जनसंघ का साथ छोड़कर कांग्रेस में जाने की बात कही तो यह बात उन्हें नागवार गुजरी। साथ ही माधवराव ने यह भी माना कि ऑक्सफ़र्ड जैसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके भारत आकर जनसंघ का मेंबर बनना उनकी सबसे बड़ी भूल थीं। इसी लेख में सिंह आगे लिखते हैं कि ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के दिवंगत सरदार संभाजी राव आंग्रे का इस बारे में अलग मत था। उनका मानना था कि साल 1972 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनसंघ हार गई थी, लिहाजा माधवराव ने जनसंघ का साथ छोड़ दिया था।

 

https://www.youtube.com/watch?v=Z3WIjYcBEXk&t=5s

Ujjain News: पंजाबी गायक, अभिनेता और निर्माता दलजीत सिंह दोसांझ इंदौर में अपने सफल कॉन्सर्ट के महाकाल की शरण में पहुंचे। बता दें कि रविवार को दिल लुमिनाटी टूर के तहत वे इंदौर में मौजूद थे। यहां उन्होंने बजरंग दल के विरोध के बीच अपना सफल कॉन्सर्ट किया। दरअसल, बजरंग दल का कहना था कि इंदौर में यह पहला मौका है जब किसी संगीत कार्यक्रम खुलेआम शराब और मांस परोसा जा रहा है। इसके चलते बजरंग दल विरोध करता रहा।

बहरहाल, दिलजीत सिंह दोसांझ ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्मारती में हिस्सा लिया और अपने लिए आशीर्वाद मांगा। ख़बरों के मुताबिक, दिलजीत अलसुबह 4 बजे महाकाल मंदिर पहुंच गए। इस दौरान वे तकरीबन दो घंटों तक बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए। इस दौरान अभिनेता ने नंदी हाल में बैठकर पंचामृत अभिषेक करते हुए भस्मारती ली।

इसके बाद दलजीत सिंह ने गर्भगृह की चौखट पर मत्था टेककर बाबा महाकाल का पूजन किया और आशीर्वाद लिया। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें पूजा और आरती करवाई। इस दौरान मन्दिर समिति की ओर से दलजीत सिंह दोसांझ का सम्मान भी किया गया। उन्हें बाबा महाकाल की तस्वीर और प्रसाद के साथ दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया।

दलजीत सिंह के साथ उनके फैंस भी थे, जिन्होंने उनसे सेल्फी लेने की होड़ मचाई। इस मौके पर गायक ने कहा कि मैं बाबा महाकाल के दर्शन करके कितना अभिभूत हूँ, इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूँ। उनका आशीर्वाद लेना मेरे लिए सौभाग्य हैं।

पोताला तिब्बती शरणार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया

उज्जैन: यहां के आगर रोड स्थित पोताला तिब्बती शरणार्थी वुलन मार्केट में व्यापारियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर व्यापारियों ने अपना व्यापार दोपहर 1 बजे तक बंद रखा और दिन की शुरुआत में शांति के लिए पूजा अर्चना की।

पूजा के बाद सभी ने अपने धर्मगुरु की लंबी उम्र की प्रार्थना की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं।

बता दें कि इस दिन को तिब्बती समुदाय के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि 1989 में दलाई लामा को विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। तिब्बती समुदाय प्रतिवर्ष इस दिन को उत्सव के रूप में मनाता है। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के बाद से 1948 से यह दिन दुनियाभर में मनाया जाता है।

तिब्बती मार्केट के अध्यक्ष डोलकर ने इस मौके पर सभी व्यापारियों का आभार व्यक्त किया और इस दिन के महत्व को बताया।

https://www.youtube.com/watch?v=8d9fmL_cqVo

Hindu communities in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कहीं प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं बांग्लादेशी नेताओं के पुतले फूंके जा रहे हैं। देशभर में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले में भारत सरकार कड़े कदम उठाए।

वहीं, अब मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का मुस्लिम समुदाय भी बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध उतर आया है। अपनी गंगा-जमुनी तहज़ीब के लिए विख्यात इंदौर में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के द्वारा इस मुद्दे को लेकर बांग्लादेश का विरोध किया गया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के नाम डिप्टी कमिश्नर सपना लोवंशी को ज्ञापन देकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।


पिछले महीने ढाका में सरकार के पक्ष और विरोधियों में झड़प हो गई थी। चित्र: सोशल मीडिया

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील खान ने बताया कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही है। इसको लेकर देशवासियों के मन में आक्रोश हैं। वर्तमान समय में देखने में आ रहा है कि समूचे विश्व में क़त्ल-ए-‘आम मचा हुआ है। भारत के पड़ोसी मुल्को में भी राजनीतिक अफरा-तफरी का माहौल है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का दमन कर उन पर अत्याचार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: Bageshwar Dham: आज जान लीजिए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितना कमाते हैं, एक कथा का करते हैं इतना चार्ज

कभी बांग्लादेश, भारत से अच्छे संबंधों के लिए जाना जाता था। लेकिन तख्ता पलट के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई हैं। जिससे वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को दबाया और कुचला जा रहा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इन सभी घटनाओ का विरोध करता है। अकील खान ने बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा है।

विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ता भी कर रहे हैं देशभर में प्रदर्शन। चित्र: सोशल मीडिया

साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत से एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल बांग्लादेश पहुंचाया जाए और बांग्लादेश सरकार से बात करके वहां शांति सेना पहुंचाई जाए। वहां हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को खत्म कर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से जीवन गुज़ारने का रास्ता प्रदान किया जाए।

यह भी पढ़ें: Pushpa 2: ‘पुष्पा’ से पंगा लेने वाले ‘SP भंवरसिंह शेखावत’ कौन हैं? जानिए

https://www.youtube.com/watch?v=9jL7Wv8OvdQ

INDORE NEWS:  इंदौर में सर्दी ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 24 घंटे में रात के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जिससे ठंड का असर और बढ़ गया है। सोमवार सुबह से तेज ठंडी हवाओं ने शहरवासियों को कंपकंपा दिया। मौसम विभाग के अनुसार, ठंड का यह असर आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है।

रविवार को रात का तापमान गिरकर 11.4 डिग्री

रविवार को दिन का तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम था। रात में ठंड बढ़ने से तापमान लुढ़ककर 11.4 डिग्री पर आ गया। पिछले एक हफ्ते से रात के तापमान में गिरावट जारी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 10 दिसंबर से बर्फीली हवाओं के कारण ठंड और तेज हो सकती है।

सोमवार को दिन का पारा 22 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चित्र: सोशल मीडिया

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से ठंड बढ़ेगी

मध्य प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण बर्फीली हवाओं का असर दिखने लगेगा। मौसम वैज्ञानिक अभिजित चक्रवर्ती ने बताया कि प्रदेश के कुछ पूर्वी जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई। इंदौर में हालांकि बूंदाबांदी नहीं हुई, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण मौसम ठंडा बना रहा।

कड़ाके की ठंड 20 दिसंबर के बाद

उत्तर-पश्चिम दिशा में तेज गति से बह रही *जेट स्ट्रीम्स* और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होगी। बर्फ पिघलने के बाद बर्फीली हवाएं मध्य प्रदेश पहुंचेंगी। इसका सबसे ज्यादा असर *20 दिसंबर के बाद* देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 20 से 22 दिन तक कोल्ड वेव की स्थिति रह सकती है। यह ठंड का दौर जनवरी तक जारी रहेगा, जिसमें कड़ाके की सर्दी और शीतलहरें लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

यह भी पढ़ें: Bageshwar Dham: आज जान लीजिए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितना कमाते हैं, एक कथा का करते हैं इतना चार्ज

सावधानियां जरूरी

मौसम विशेषज्ञों ने ठंड बढ़ने के साथ ही सतर्कता बरतने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए गर्म कपड़ों का विशेष ध्यान रखें। ठंडी हवाओं से बचने के लिए घरों में गर्माहट बनाए रखने के उपाय करें।

यह भी पढ़ें: Pushpa 2: ‘पुष्पा’ से पंगा लेने वाले ‘SP भंवरसिंह शेखावत’ कौन हैं? जानिए