अमेरिका ने चीन पर 104% टैरिफ लगा दिया, ये नया टैरिफ 9 अप्रैल यानी आज से लागू हो गया है, अब अमेरिका पहुंचने वाले चीनी सामान दोगुने दाम से भी ज्यादा कीमत पर बिकेंगे। ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कहा कि टैरिफ की जो कोई भी आलोचना कर रहा है, वह बदमाश और धोखेबाज है। उन्होंने तब नहीं सोचा था जब अमेरिका ने 90 हजार कारखाने खो दिए थे, ट्रम्प ने कहा कि हम टैरिफ से बहुत सारा पैसा कमा रहे हैं। अमेरिका को हर दिन 2 बिलियन डॉलर (17.2 हजार करोड़ रुपए) ज्यादा मिल रहा है। कई देशों ने हमें हर तरह से लूटा है, अब लूटने की बारी हमारी है।
ट्रम्प ने फरवरी में चीन पर 10% टैरिफ लगाया मार्च में फिर से 10% टैरिफ लगा दिया इस महीने की शुरुआत में ट्रम्प ने चीन पर 34% और टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर भी 34% टैरिफ लगा दिया था।
ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लिया तो उसे मार्च में लगाए 20% और 2 अप्रैल को लगाए गए 34% टैरिफ के साथ बुधवार से 50% एक्स्ट्रा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद ट्रम्प ने चीन पर 50% ज्यादा टैरिफ लगा दिया, जो बढ़कर कुल 104% हो गया है।
वाशिंगटन। अमेरिका के शुल्क पर चीन ने तगड़ा पलटवार किया। चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। ट्रंप ने बुधवार देर रात 60 से अधिक देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। वहीं, अब ट्रंप ने चीन को धमकी देते हुए कहा कि चीन ने टैरिफ लगाकर गलत किया है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि चीन ने गलत कदम उठाया लिया है, हम इसको बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने पोस्ट किया कि “मेरी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी।” उन्होंने लिखा कि यह अमीर बनने का एक शानदार समय है|
अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि किस देश से कितना टैरिफ वसूलेंगे। भारत से 26% टैरिफ वसूला जाएगा। अपने पहले ही ऐलान में ट्रंप ने ऑटो सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ लागू करने की घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसी ‘आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा का दिन’ बताया है।
ट्रम्प ने कहा- संयुक्त राज्य अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिलों पर 2.4% टैरिफ वसूलता है। जबकि थाईलैंड और अन्य देश बहुत अधिक कीमत वसूल रहे हैं, जैसे- भारत 70%, वियतनाम 75% और अन्य उससे भी अधिक टैरिफ वसूल रहे हैं। मैं इसके लिए दूसरे देशों को बिल्कुल भी दोषी नहीं मानता हूं। मैं उन पूर्व राष्ट्रपतियों और पिछले नेताओं को दोषी मानता हूं जो अपना काम नहीं कर रहे थे।
ट्रंप ने भारत को लेकर कहा कि भारत बहुत सख्त है। भारत के प्रधानमंत्री अभी-अभी अमेरिका का दौरा करके गए हैं और मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। वे हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं और हम इसके मुकाबले उनसे कुछ भी नहीं लेते हैं।
काठमांडू| नेपाल लंबे समय तक दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र रहा, लेकिन लोकतंत्र आने के बाद इसे सेकुलर घोषित कर दिया था, अब देश में राजशाही समर्थक आवाजें उठा रहे हैं और उनका कहना है कि लोकतंत्र की व्यवस्था को खत्म करके शाही परिवार को फिर से सत्ता सौंप दी जाए।
वही दूसरी तरफ नेपाल में धर्म को लेकर भी एक बड़ा विवाद बना हुआ है। 2021 के सेंसस के मुताबिक नेपाल में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग 81 प्रतिशत से ज्यादा हैं। इसके बाद बौद्ध धर्म इस्लाम और ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। क्रिश्चियन कम्युनिटी के सर्वे के मुताबिक नेपाल में हाल के कुछ वर्षों में लगभग 7758 चर्च बन गए,
हाल ही में काठमांडू की सड़कों पर राजशाही समर्थकों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस आओ, देश बचाओ” जैसे नारे लगाए। उनका आरोप है कि नेपाल के राजनीतिक दल पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुके हैं और वे दूसरे धर्मों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके कारण नेपाल की पहचान खत्म हो सकती है। उनका कहना है कि जब शाही परिवार सत्ता में था, तब देश खुशहाल हुआ करता था
म्यांमार में बेहद ही विनाशकारी भूकंप ने मचाई तबाही । इसका असर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी देखने को मिला। भूकंप का केंद्र म्यांमार में जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गई। बैंकॉक में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत भूकंप के झटकों से ढह गई। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत धूल के गुबार के बीच ढहती नजर आई और वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। इमारत के मलबे में 40 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। बैंकॉक में राहत एवं बचाव कार्य जारी
म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा है कि मरने वालों का आंकड़ा एक हजार को पार कर गया है, जबकि 2300 से ज्यादा लोग घायल हैं। उधर, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिर गई है। 10 लोगों की मौत हुई है।
भारत ने मदद भेजी
म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने मदद भेजी है। 15 टन वाली राहत सामग्री की पहली खेप वहां पहुंच गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया।
Israel attacks: इज़राइल ने गाजा के दो अस्पतालों पर हमला कर दिया है, जिसमें 26 लोगों के घायल होने की ख़बर हैं। अल जजीरा की ख़बर के मुताबिक, इजरायल ने नार्थ गाजा के घिरे जबालिया रिफ्यूजी कैंप में अल-अवदा हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर गोलाबारी की है। साथ ही इजरायली सेना ने नार्थ बेइत लाहिया के कमल अदवान हॉस्पिटल में रिमोट-नियंत्रित विस्फोटकों से विस्फोट किया है।
ख़बरों के मुताबिक, इस हमले में 20 मरीज और डॉक्टर घायल हो गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के का कहना हैं कि बेत लाहिया में भी इजरायली सैनिक घायल और बीमार लोगों को इंडोनेशियाई अस्पताल छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मध्य दीर अल-बलाह में इजरायली बलों ने भूखे फिलिस्तीनियों को सहायता पहुंचाने जा रहे वाहनों के काफिले पर ड्रोन से हमला कर दिया। जिसमें चार सुरक्षा गार्ड मारे गए और बीते दिन मरने वालों की संख्या 26 हो गई।
गौरतलब हैं कि 7 अक्टूबर, 2023 से गाजा पर इजरायल के युद्ध में कम से कम 45,317 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। साथ ही 107,713 अधिक लोग घायल हो गए। जबकि हमास के नेतृत्व वाले हमलों के दौरान इजरायल में कम से कम 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक को बंदी बना लिया गया था।
Social Media Ban: सोशल मीडिया आज हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन इसके उपयोग का सबसे ज्यादा असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। वहीं, बच्चों में इसका असर वयस्कों की तुलना में ज्यादा ही पड़ता है।
लिहाजा, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने देश के 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है।
गौरतलब हैं कि अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सोशल मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल के बारे में चेतावनी जारी कर चुका हैं। इसी तरह दिल्ली एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश सागर का मानना हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम हैं।
2025 से लागू होगा कानून
16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके यूजर्स नहीं बनेंगे। चित्र: सोशल मीडिया
ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह नया कानून अगले साल यानी 2025 के शुरुआती महीनों से लागू किया जाएगा। इस नए कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे इनके उपयोगकर्ता नहीं बनेंगे। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की यह जिम्मेदारी होगी कि वे 16 साल के बच्चों को इससे दूर रखने के लिए अपने यूजर्स की उम्र की पुष्टि करना अनिवार्य होगी।
इन कारणों से उठाना पड़ा बड़ा कदम?
सोशल मीडिया के दुष्परिणाम किसी से छिपे नहीं है। भले सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को सुगम कर दिया हो, लेकिन इसके दुष्परिणामों को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है। वहीं, छोटे बच्चों पर तो इसका असर काफी ज्यादा होता है। नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया सरकार को यह कदम सोशल मीडिया के कारण बच्चों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट को देखते उठाया गया है। सरकार का मानना हैं कि सोशल मीडिया की लत, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट जैसे खतरा बच्चों में बढ़ता जा रहा है, इस वजह इसे कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाना होंगे। यही वजह है कि सरकार 16 साल के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर बैन लगा दिया।
अंडरएज यूजर्स नहीं बना सकेंगे अकाउंट
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कड़े निर्देश दिए हैं कि उनके प्लेटफॉर्म्स पर अंडरएज यूजर्स अकाउंट नहीं बना सकें। इसके लिए इन प्लेटफॉर्म्स को एडवांस वेरिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्लेटफॉर्म्स को इस नए कानून को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया गया है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम ने फैसले का स्वागत किया
मेटा ने इस फैसले का स्वागत किया है। चित्र सोशल मीडिया
फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वे नए नियमों का पूरी सख्ती से पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उम्र संबंधी वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुचारू रूप से लागू हो।
ऑस्ट्रेलिया बना पहला देश
ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पूरी तरह से बैन करने कानून लागू करने वाला पहला देश है। इससे यह संदेश स्पष्ट है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे में यह फैसला अन्य देशों को भी इसी दिशा में सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया की तरह दूसरे देशों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक जिम्मेदार बनना होगा। बता दें कि इस कदम का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया की लत और हानिकारक प्रभावों से बचाना है। हालांकि, प्लेटफॉर्म्स के लिए यह नई चुनौती होगी, क्योंकि एडवांस वेरिफिकेशन सिस्टम को लागू करने में समय और अधिक संसाधन लगेंगे।
भारत में क्या स्थिति है?
भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। चित्र: सोशल मीडिया
सोशल मीडिया की लत ऑस्ट्रेलिया या भारत की समस्या नहीं हैं। यह एक तरह से ग्लोबल प्रॉब्लम हैं और इससे निपटने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। भारत में भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून लागू होना है। इस कानून के तहत 18 साल तक के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सख्त नियम लागू होंगे। इस कानून के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को 18 साल तक बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए उनके पैरेंट्स या गार्जियन की स्वीकृति लेना आवश्यक होगी। साथ ही बच्चों के डेटा पर शर्तें लागू होंगी। साथ ही सोशल मीडिया बच्चों को टारगेट करके एडवरटाइजिंग नहीं कर सकेंगे।
NEW DELHI: सऊदी अरब के जेद्दा में IPL 2024 के मेगा ऑक्शन के पहले दिन कुल 467.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें 72 खिलाड़ियों को खरीदा गया। इस दौरान गेंदबाजों पर विशेष खर्च हुआ, खासकर युजवेंद्र चहल पर, जिन्हें सबसे ज्यादा रकम दी गई। वहीं, कप्तानों को खरीदने पर भी जमकर पैसे बरसे, 4 प्रमुख कप्तानों पर 83.50 करोड़ रुपये खर्च हुए।
ऑक्शन के पहले दिन 10 फ्रेंचाइजी ने 467.95 करोड़ रुपये खर्च कर कुल 72 खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल किया। अब इन टीमों के पास 173.55 करोड़ रुपये बचते हैं, जिनसे उन्हें आगामी ऑक्शन में 132 और खिलाड़ियों को खरीदना है। गेंदबाजों पर कुल खर्च का 44 फीसदी हिस्सा गया, जिसमें चहल को सबसे ज्यादा 6.5 करोड़ रुपये मिले। खास बात यह रही कि 11 में से 7 स्पिनर्स ने करोड़पति बनने का सपना पूरा किया। वहीं, पेस गेंदबाजों को स्पिनर्स से भी ज्यादा तवज्जो मिली, और सभी 20 तेज गेंदबाजों को टीमों ने करोड़पति बना दिया।
विदेशी खिलाड़ियों पर खास मेहरबानी
ऑक्शन के पहले दिन खरीदी गई 72 खिलाड़ियों में से 24 विदेशी थे। भारतीय खिलाड़ियों पर 284.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका औसत 5.92 करोड़ रुपये प्रति खिलाड़ी रहा। वहीं, विदेशी खिलाड़ियों पर कुल 183.75 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो कि 7.66 करोड़ रुपये प्रति खिलाड़ी के औसत से अधिक थे, यानी भारतीय खिलाड़ियों से 1.74 करोड़ रुपये ज्यादा।
कप्तानों पर हुआ भारी खर्च
ऑक्शन के पहले दिन कप्तानों का दबदबा रहा । ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और जोस बटलर पर कुल 83.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए । इन सबमे सबसे महंगे कप्तान ऋषभ पंत रहे,जिनके बाद श्रेयस अय्यर, जोस बटलर और केएल राहुल का नाम आता है। दिल्ली ने राहुल को 14 करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि पंत ने दिल्ली, श्रेयस ने कोलकाता, राहुल ने लखनऊ और बटलर ने इंग्लैंड टेस्ट टीम की कप्तानी की हुई है।
NEW DELHI: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy 2024) के पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया। पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए इस टेस्ट मैच को जीतकर भारत ने इस टेस्ट सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है। अगला टेस्ट मैच 6 दिसंबर से होगा जो एडिलेड में खेला जाएगा।
पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन 534 रनो को चेज कर रही ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी दूसरी पारी में 238 रनो पर ही सिमट गई। जबकि भारत ने 487 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित कर दी थी। अपनी पहली पारी में भारतीय टीम ने 150 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 104 रनो पर सिमट गई थी।
ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया की पहली हार
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 5 मैच खेले है। जिसमे से 4 मैचों में जीत हासिल भी की है लेकिन यह ऐसा पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया टीम को इस मैदान पर हार का सामना करना पड़ा हो।
भारत की ऑस्ट्रेलिया में अब तक की सबसे बड़ी जीत
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पर्थ टेस्ट में हराकर जीत हासिल कर ली है। इसी के साथ यह भारत की ऑस्ट्रेलिया में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 295 रनो से हरा दिया। इससे पहले भारतीय टीम ने 1977 में ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में 222 रनो से हराकर जीत हासिल की थी।
भारतीय टीम ने की शानदार गेंदबाजी
पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम की शानदार गेंदबाजी देखने को मिली है। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह दोनों ने 3-3 विकेट लिए। बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
NEW DELHI: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पर्थ टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम 150 रनो पर ऑलआउट हो गई लेकिन बेहतरीन गेंदबाजी करके टीम ने वापसी की है और फिलहाल मजबूत स्तिथि में पंहुचा दिया है । पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया टीम ने 7 विकेट खोकर 67 रन बना लिए थे । जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए ।
ऑप्टस स्टेडियम में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया लेकिन कोई भी 50 रन का आकड़ा भी पार नहीं कर पाया और नजीता यह हुआ की पूरी टीम 150 रनो पर सिमट गई ।
नीतीश रेड्डी ने बनाए सर्वाधिक रन
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही भारतीय टीम की शुरुवात बेहद खराब रही । विराट कोहली भी सिर्फ 5 रन ही बना पाए ध्रुव जुरेल 11 रन और वाशिंगटन सुंदर भी मात्र 4 रन बनाकर आउट हो गए । यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पडीक्कल अपना खाता भी नही खोल पाए ।
इस मैच डेब्यू कर रहे नीतीश रेडडी ने 59 बॉल पर 41 रन बनाए और टीम को मजबूत स्तिथि में पहुंचाया ।
भारतीय टीम ने शानदार गेंदबाजी कर वापसी की
भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जो स्कोर खड़ा किया था उससे प्रशंसक निराश थे लेकिन फिर बेहतर गेंदबाजी करके टीम ने निराशा को आशा में बदल दिया । जसप्रीत बुमराह ने 4 विकेट लिए तो मोहम्मद सिराज ने भी 2 विकेट हासिल किए । हर्षित राणा को भी 1 विकेट मिला ।