मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी रॉयल एनफील्ड की मार्च में कुल बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 1,01,021 इकाई हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 75,551 इकाई रही थी। रॉयल एनफील्ड ने मंगलवार को बयान में कहा कि घरेलू बिक्री पिछले महीने 88,050 इकाई रही, जो मार्च 2024 की 66,044 इकाई से 33 प्रतिशत अधिक है। निर्यात भी 36 प्रतिशत बढ़कर 12,971 इकाई हो गया, जबकि मार्च 2024 में यह 9,507 इकाई रहा था।

कंपनी के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में उसने 10 लाख इकाई का आंकड़ा पार करते हुए अपनी अब तक की सबसे अधिक वार्षिक बिक्री दर्ज की। वित्त वर्ष 2024-25 में उसकी कुल बिक्री 10,09,900 इकाई रही जो वित्त वर्ष 2023-24 की 9,12,732 इकाई से 11 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में घरेलू बिक्री 9,02,757 इकाई रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 की 8,34,795 इकाई से आठ प्रतिशत अधिक है। निर्यात भी सालाना आधार पर 37 प्रतिशत बढ़कर 1,07,143 इकाई हो गया।

जौनपुर: आधुनिकता के इस दौर में रिश्तों की मर्यादा तेजी से खत्म होते जा रही है। लोग करीबी रिश्तों में भी संबंध बनाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। देखा जाए तो बीते कुछ ही दिनों में भारत में एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के मामले तेजी से बढ़े हैं। लेकिन इस बीच भाई बहन की शादी का मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है। मामले का खुलासा तब हुआ जब युवक-युवती की चाची ने प्रशासन को इस बात की जानकारी दी।

मिली जानकारी के अनुसा हाल ही में जौनपुर में 1001 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम संपन्न कराया गया। इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की थी और जोड़ों को आशीर्वाद दिया था। लेकिन इस दौरान प्रशासन की टीम की लापरवाही के चलते भाई-बहन की शादी हो गई।

इस मामले को लेकर जब परिवार से पूछा गया तो भाई ने बताया कि वह शौक के चलते साफा पहनकर दीदी के साथ सामूहिक विवाह समारोह में बैठ गया था, हालांकि, समाज कल्याण विभाग की स्थिति भी इस मामले में ठीक नहीं है. समाज कल्याण विभाग से कई बार सामूहिक विवाह की लिस्ट मांगी गई लेकिन विभाग द्वारा इसकी लिस्ट सार्वजनिक नहीं की गई। जौनपुर के प्रभारी मंत्री एके शर्मा के सामने जब सामूहिक विवाह में धांधली को लेकर सवाल किया गया तो जिला प्रशासन की नींद टूट गई है। बीच में रोकते हुए जिलाधिकारी दिनेश सिंह ने बताया कि सामूहिक विवाह में धांधली का मामला उनके संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद उन्हें मिलने वाली सहायता धनराशि रोक दी जाएगी।

 

भारतीय कानून के तहत भाई-बहन के बीच विवाह पूरी तरह अवैध और अमान्य है।

युवक-युवती की चाची ने प्रशासन को इस मामले की सूचना दी, जिसके बाद हड़कंप मच गया।
यह सरकार द्वारा प्रायोजित एक योजना होती है, जिसमें गरीब परिवारों की बेटियों की शादी करवाई जाती है और आर्थिक सहायता दी जाती है।
जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग की लापरवाही के चलते यह मामला हुआ।
डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता राशि रोक दी जाएगी