01Jan

Farming: गेहूं उत्पादन में चीन, भारत से आगे, फिर भी क्यों निर्यात करना पड़ता है

Farming: आबादी के हिसाब से भारत, चीन से आगे निकल चुका हैं लेकिन अनाज उत्पादन में भारत चीन के आगे कहीं नहीं ठहरता है। भारत में जहां एक तरफ उर्वरकों को प्रचुर मात्रा में उपयोग किया जा रहा हैं, वहींचीन अपनी फसलों में उर्वरकों का उपयोग कम कर दिया है। इसके बावजूद उसका अनाज उत्पादन हर वर्ष लगातार बढ़ रहा हैं। तो आइए जानते हैं भारत और चीन में फसल उत्पादन में कितना अंतर हैं।

बीते वर्ष चीन ने 7065 लाख टन उत्पादन किया

बीते वर्ष यानी साल 2024 में चीन अनाज का 7065 लाख टन उत्पादन किया। वहीं, 2023 में यह आंकड़ा 695.41 मिलियन टन का था। वहां के कृषि मंत्री के मुताबिक, बीजों की बेहतर क्वालिटी, खेती की आधुनिक तकनीक और कृषि निवेश को बढ़ाने से उनका उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। इस वर्ष चीन में धान का भी काफी उत्पादन हुआ है। इस साल चावल का उत्पादन 2075 लाख टन रहा है। 2024 में वहां चावल उत्पादन में 0.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ। जबकि गेहूं में 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। गेहूं का कुल उत्पादन 1401 लाख टन रहा। मक्का बीते साल वहां 2949.2 लाख टन का रहा।

भारत ने 3288.52 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया

भारत में साल 2023-24 में 3288.52 लाख मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हुआ। चीन की तुलना में भारत अनाज उत्पादन में काफी पीछे हैं। 2024 में भारत में 1367 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ। जबकि 1129.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 356.73 लाख मीट्रिक टन मक्का का उत्पादन हुआ। बता दें कि चीन और भारत का गेहूं उत्पादन लगभग करीब है लेकिन अन्य अनाजों में हम काफी पीछे हैं।

यह भी जानिए

1. भारत चीन से फसल उत्पादन में काफी पीछे हैं, इसके बावजूद चीन को अपनी खाद्यान्य पूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। जबकि भारत अपनी घरेलु खाद्यान्न पूर्ति कर लेता है।

2. बता दें कि चीन में शहरीकरण और क्लाइमेट चेंज के कारण फसलें काफी प्रभावित होती है। वहीं, वहां कि कृषि भूमि का एक तिहाई हिस्सा ही उपजाऊ है।

3. चीन में 2014 से 2020 के बीच आधुनिक खेती में ड्रोन का उपयोग 250 फीसदी तक बढ़ गया है। वहीं, भारत में खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

4. आधुनिक खेती के बाद चीन ने भारत को चावल उत्पादन में भी पीछे छोड़ दिया है। साल 2023 में भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश रहा है। जबकि इस सूची में चीन 5वें पायदान पर था।

5. चावल की तरह गेहूं उत्पादन में चीन सबसे बड़ा देश है। इसके बावजूद घरेलू खपत के लिए चीन को भारत समेत दूसरे देशों गेहूं निर्यात करना पड़ता है।

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