Mahakumbh: महाकुंभ 2025 से एक बड़ी खबर सामने आई है। किन्नर अखाड़े ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। यह निर्णय किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने लिया है। उनके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया और अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।
वहीं, अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और नए महामंडलेश्वर का चयन किया जाएगा। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सन्यास ग्रहण किया था। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनका पट्टाभिषेक (सन्यास दीक्षा) किया गया। इसके बाद, उन्हें नया आध्यात्मिक नाम “यमाई ममतानंद गिरी” दिया गया।
ममता कुलकर्णी लगभग 25 वर्षों के बाद भारत लौटीं थीं और सीधे महाकुंभ में शामिल हुईं। बताया जाता है कि उन्होंने 12 वर्षों की कठोर तपस्या की थी और पहले 2012 के कुंभ मेले में भी भाग लिया था। महामंडलेश्वर बनने के दौरान, उन्होंने अपना पिंडदान भी किया था, जो सन्यास प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होता है।
साधु-संतों में विरोध और विवाद
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही अखाड़े के भीतर और अन्य साधु-संतों में नाराजगी देखने को मिली। वैष्णव किन्नर अखाड़े ने इस पट्टाभिषेक को फर्जी और अवैध करार दिया। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया। अखाड़े के कई अन्य संतों ने भी इस नियुक्ति का विरोध किया और इसे अखाड़े की परंपरा के खिलाफ बताया। लगातार बढ़ते विवाद और बगावत के कारण किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने यह कड़ा फैसला लिया और ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया। अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा, जिसमें नए महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर का चयन होगा।