MP News: मध्यप्रदेश में बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द हो सकती है। नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सियासी हलचलें तेज़ होती दिख रही है। प्रदेश के सभी ज़िलाध्यक्षों की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि अब बीजेपी अपने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आयोजित करेगी।
बीजेपी के चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) के जल्द ही मध्यप्रदेश दौरे में आने की अटकलें लगाई जा रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ दावेदार नेता पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चयन में 2003 से एक ही फॉर्म्युला चला आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पुराने फॉर्म्युले से पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है।

गौरतलब हैं कि मध्यप्रदेश की सत्ता में बीजेपी 2003 में आई थी। उसके बाद से यहां बीजेपी की सरकार है। दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कांग्रेस की सरकार बनीं थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के कारण यह सरकार गिर गई थी। 2003 से बीजेपी ओबीसी चेहरे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाती आ रही है, वहीं सर्वण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी यही फॉर्म्युला लागू हो सकता है।
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2003 में बीजेपी ने ये फार्मूला अपनाया था
2003 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी ने एक फॉर्मूला मध्यप्रदेश में अपनाया है। 2003 के बाद से उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव राज्य के मुख्यमंत्री बनें। यह चारों नेता ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, इन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में बीजेपी के संगठन की ज़िम्मेदारी सवर्ण नेताओं को सौंपी है। 2003 के बाद बीजेपी ने कैलाश जोशी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह और अभी वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। यह सभी नेता सवर्ण से आते हैं।
ज़िलाध्यक्षों के चयन में भी जातिगत समीकरण
बीजेपी ने मध्यप्रदेश के 62 ज़िलाध्यक्षों के चयन में भी जातिगत समीकरण देखने को मिला है। बीजेपी ने ज़िला अध्यक्षों की घोषणा में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। 62 में से 29 ज़िला अध्यक्ष सवर्ण वर्ग के हैं। इसके बाद ओबीसी, एससी और एसटी और महिलाओं को भी पद दिए गए हैं।
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ये 3 नाम हैं सबसे आगे

अगर बीजेपी 2003 के चले आ रहे फॉर्म्युले के हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करती है तो सबसे आगे नाम है, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का। इसके अलावा पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया का भी नाम रेस में है। ऐसे में देखना होगा कि इस बार पार्टी किसको प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंपती है।
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