Tropic of Cancer: मध्य प्रदेश में अब तक 14 जिलों में से कर्क रेखा गुजरने की पुष्टि पहले ही की जा चुकी हैं। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ब्यूरो ने प्रदेश के और जिले का चुनाव किया है, जहां से कर्क रेखा के गुजरने की पुष्टि हो चुकी हैं।
जी हां, मध्य प्रदेश में अब कर्क रेखा वाले जिलों की संख्या बढ़ने वाली है, क्योंकि प्रदेश के एक और जिले में कर्क रेखा गुजरने की पुष्टि हो गई है। यहां नया जिला है दमोह। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ब्यूरो की टीम ने दमोह जिले से कर्क रेखा के गुजरने की पुष्टि की। अब जिले के दो स्थानों को कर्क रेखा स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
गौरतलब हैं कि यह लंबे समय से चर्चा में था कि कर्क रेखा दमोह जिले से होकर गुजरती है। इस जानकारी के बाद जिला प्रशासन ने एएसआई को सर्वे के लिए पत्र लिखा था। एएसआई के सर्वे दल ने दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा इलाके के पिंडरई और बगदरी गांव में सर्वे किया। इस दौरान टीम को इन दोनों जगहों से कर्क रेखा के गुजरने के स्पष्ट प्रमाण मिले।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ब्यूरो सर्वेयर जय प्रकाश पाटीदार और कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना हैं कि अब इन दोनों स्थानों को कर्क रेखा के प्वॉइंट के रूप में विकसित किया जाएगा। दमोह जिला प्रशासन और एएसआई मिलकर इन जगहों को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। इस कदम से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटक दूर-दूर से इन जगहों पर आकर कर्क रेखा के महत्व को देख सकेंगे
इससे पहले इन 14 जिलों से गुजरती है कर्क रेखा
बता दें कि एएसआई ने दमोह में कर्क रेखा के गुजरने की पुष्टि की है। जिले के पिंडरई और बगदरी गांवों को कर्क रेखा स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। एएसआई और प्रशासन मिलकर इन स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। लिहाजा कर्क रेखा स्थल को देखने के लिए यहां पर्यटकों की भारी भीड़ होने की आशंका हैं। बता दें कि इससे पहले प्रदेश के 14 जिलों से कर्क रेखा गुजरकर जाती हैं, इनमें उज्जैन, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, कटनी, जबलपुर, रतलाम, उज्जैन, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, उमरिया और शहडोल जैसे जिलों के नाम शामिल हैं। अब इस फेहरिस्त में दमोह का नाम भी जुड़ गया हैं।