Bank Fraud: भोपाल के कोलार थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी तरीके से बैंक खाता बेचने और खरीदने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों द्वारा तीन महीने के भीतर दो बैंक खातों में 5.56 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन किया गया था।

बहरहाल, पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लाखों रुपये का सामान जैसे 8 लाख रुपये नकद, लैपटॉप, मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट-डेबिट कार्ड, 77 सिम कार्ड और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इस मामले की शुरुआत बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा मंदाकिनी कालोनी कोलार रोड से हुई थी। जब बैंक ने पुलिस को ई-मेल भेजकर जानकारी दी कि एक खाताधारक, राहुल श्रीवास्तव, अपने बैंक खाते को बंद करवाने के लिए आया था।

बैंक के रिकॉर्ड में पिछले तीन महीनों में दोनों खातों में 5.56 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ था, जो साइबर अपराध की ओर इशारा कर रहा था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 8 लाख रुपये नकद, 3 स्वाइप मशीन, 6 मोबाइल फोन, 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 77 सिम कार्ड, चेकबुक और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। इसके साथ ही खाता धारक राहुल श्रीवास्तव की आपराधिक संलिप्तता भी सामने आई और उसे भी गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी एडिशनल डीसीपी मालकीत सिंह ने दी।

Cyber Fraud News: देशभर में देवउठनी एकादशी के बाद से शादियां शुरू हो गई है। शादी के इसी सीजन को साइबर ठगों ने ठगी का एक नया जरिया बना लिया है। इसी के चलते राजस्थान पुलिस आम लोगों को सचेत करते हुए अपील की है कि वॉट्सऐप पर अनजान नंबरों आए शादी के इनविटेशन कार्ड को नहीं खोले। इससे पलक झपकते ही आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।

शादी के इनविटेशन कार्ड के जरिए लूट करने का सायबर ठगों का यह नया पैंतरा है। आप सभी जानते हैं कि आजकल अपने समय को बचाने के लिए लोग शादी की पत्रिका को घर देने या डाक से भिजवाने की बजाय वॉट्सऐप ही कर देते हैं। इसी का फायदा साइबर ठग भी उठाने में पीछे नहीं है। उन्होंने लोगों की इसी कमजोरी को अपनी लूट का जरिया बना लिया है।

राजस्थान पुलिस की अपील

इस संबंध में राजस्थान पुलिस ने लोगों को सचेत किया है। राजस्थान पुलिस ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्टर जारी किया है। पुलिस ने अपील की है कि ”ठगों की ओर से #WhatsApp मैसेज के जरिए शादी कार्ड की फाइल भेजी जा रही है, जिसे डाउनलोड करने पर डिवाइस में अनधिकृत ऐप सक्रिय हो जाता है और सारे डेटा को ठगों तक पहुंचा देता है जिसके माध्यम से ठग ठगी को अंजाम देते हैं। ठगी से बचना है तो किसी भी अज्ञात नंबर से आए अटैचमेंट को डाउनलोड न करें। ऐसे मामले की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या http://cybercrime.gov.in पर दें।’