Adani Case in America: अमेरिका में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) समेत 8 लोगों पर रिश्वत देने के आरोप में अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया है। अडानी के खिलाफ यह अरेस्ट वॉरंट अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने जारी किया है। उनके खिलाफ न्यूयॉर्क की कोर्ट में चार्जशीट की तरह एक इन्डाइटमेंट दाखिल किया गया है।

इस इन्डाइटमेंट में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 8 लोगों को एक्यूज्ड बनाया गया है। अडानी और इन 8 आरोपियों पर भारत में सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए सरकारी अफसरों को घूस ऑफर करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कॉन्ट्रैक्ट को पाने के लिए इन्होंने सरकारी अफसरों को 26.5 करोड़ डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की घूस ऑफर की थी।

उन पर यह आरोप अमेरिका के एसईसी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने लगाया है। ख़बरों के मुताबिक, अडानी और उनके सहयोगियों पर कथित आरोप है कि उन्हें इस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अगले 20 सालों में करीब दो अरब डॉलर (17 हजार करोड़ रुपये) का मुनाफा होने वाला था। बता दें कि अमेरिकी इन्वेस्टर्स से रिश्वत की बात छिपाने की वजह से यह केस अमेरिका में हुआ है, जबकि यह प्रोजेक्ट भारत का था और रिश्वत भी भारतीय अफसरों को ऑफर की गई थी

आखिर क्या है पूरा मामला?

साल 2024 के अक्टूबर महीने में अडानी की ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर के खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। दरअसल, इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत भारत की सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरशन ऑफ इंडिया को 12 गीगावॉट सोलर एनर्जी अडानी ग्रीन एनर्जी को मुहैया करवानी थी।

जबकि सरकारी कंपनी को ये बिजली देश की विभिन्न पावर कंपनियों को बेचना थी। लेकिन इसके खरीददार नहीं मिल पा रहे थे। यही वजह है कि सरकारी कंपनी से बिजली खरीदने के लिए अडानी और उनके सहयोगियों ने सरकारी अफसरों को यह रिश्वत दी। इसके लिए जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की कंपनियों से डील की गई।

दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक आंध्र प्रदेश 2,000 मेगावॉट,तमिलनाडु 1,000 मेगावॉट,ओडिशा 500 मेगावॉट, छत्तीसगढ़ 300 मेगावॉट और जम्मू-कश्मीर 100 मेगावॉट की बिजली खरीदने के समझौते किए गए। इस केस में गौतम अडानी के अलावा सागर अडानी, रंजीत गुप्ता, विनित जैन, सौरभ अग्रवाल, सिरिल कैबानिस,दीपक मल्होत्रा,रूपेश अग्रवाल और रंजीत गुप्ता आरोपी है।

इन 8 लोगों पर अमेरिका में कथित रिश्वत के दो मामले हैं। जिसमें एक मामले की जांच अमेरिका की एफबीआई कर रही है, वहीं दूसरा मामला सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन की ओर से चलाया जा रहा है।

इन दो भारतीयों की अहम भूमिका?

1. संजय वाधवाः

भारत की सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की इन्फोर्समेंट डिविजन के एक्टिंग डायरेक्टर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक संजय वाधवा ही है। सरकारी कंपनी का यह डिविजन नुकसान उठाने वाले इन्वेस्टर्स को उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करता है तथा अपराध से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करता है। बता दें कि इस वाधवा ने 11 अक्टूबर, 2024 को ही यह जिम्मेदारी संभाली थी।

2. तेजल डी. शाहः

जबकि तेजल शाह अमेरिका के न्यूयॉर्क ऑफिस में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की इन्फोर्समेंट डिवीजन की एसोसिएट रीजनल डायरेक्टर हैं। अडानी और उनके सहयोगियों पर कथित रिश्वत की जांच तेजल शाह की निगरानी में ही हो रही है। वैसे तो तेजल 2014 से ही सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ी है लेकिन एसोसिएट डायरेक्टर उन्होंने पिछले साल ही संभाला है।

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Ek Hai Toh Safe Hai: महाराष्ट्र में अंतिम दौर का चुनाव प्रचार चल रहा है। बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां अंतिम दिन अपने प्रचार प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने धारावी परियोजना के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी पर बड़ा हमला बोला है।

बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। इस दौरान राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे के बहाने पीएम मोदी और गौतम अडानी को घेरा है। राहुल गांधी प्रेसवार्ता में एक तिजोरी लेकर आए। इस तिजोरी से उन्होंने मीडिया के सामने दो पोस्टर निकाले। इन पोस्टर्स में पीएम मोदी और गौतम अडानी और धारावी परियोजना की तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री का दिया नारा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ लिखा था। उन्होंने कहा कि यही पीएम के नारे का असली मतलब है।

राहुल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इनमें एक कौन हैं-नरेंद्र मोदी जी हैं, अमित शाह जी हैं और अडानी जी हैं। और सेफ कौन हैं-अडानी जी सेफ हैं। राहुल गांधी ने कहा कि तकलीफ में धारावी की आम जनता है। धारावी देश के छोटे और मध्यम उद्योग का प्रतीक है। लेकिन महज एक व्यक्ति के लिए इसे ख़त्म किया जा रहा है।

अरबपतियों नहीं गरीबों को मिलें फायदा

राहुल गांधी ने इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को गरीबों और एक दो अरबपतियों के बीच का चुनाव करार दिया। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में एक अरबपति को एक लाख करोड़ रुपये देने की योजना है। वहीं यह अरबपति चाहते हैं कि मुंबई की सारी जमीन उनके कब्जे में आ जाए। आज राज्य में गरीबों, किसानों, बेरोजगारों और युवाओं की मदद करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम महिलाओं और किसानों को फ्री बस यात्रा की सुविधा देंगे। साथ ही महिलाओं को हर महीने 3 हजार रुपये, किसानों का तीन लाख का कर्जा माफ़ और 7000 हजार रुपये क्विंटल के भाव से सोयाबीन खरीदी जाएगी।

इसके अलावा राहुल ने और क्या कहा?

-महाराष्ट्र से ‘एयरबस’, ‘फॉक्सकॉन’ जैसी परियोजनाएं गुजरात स्थानांतरित हो गई। करीब सात लाख करोड़ की इन परियोजनाओं से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार प्राप्त होता।
-यह चुनाव महाराष्ट्र के गरीबों और चंद अरबपतियों की विचारधारा के बीच की लड़ाई है।
-राहुल ने जाति जनगणना का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर लगी 50 फीसदी की सीमा हम हटा कर रहेंगे।
-धारावी का असली अधिकार वहां रहने वाले लोगों की है। लेकिन पूरी मशीनरी एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने में लगी है।