Budhani News: बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का लंबे समेत तक विधानसभा क्षेत्र रहा है। लेकिन अब बुधनी में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश की बेटियों में मामा के नाम से प्रसिद्ध शिवराज सिंह भांजियां उनके ही क्षेत्र में असुरक्षित महसूस कर रही है।

हाल ही में बुधनी के शाहगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक युवती से सरेराह छेड़छाड़ की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गाँव के नितेश और कल्लू नमक दो युवकों ने ने बुरी नियत से अपने पड़ोस में रहने वाली 27 वर्षीय युवती से सरेराह छेड़छाड़ की।

युवती और उसका घायल पिता। चित्र : एसीएन भारत

जब युवती ने इसका विरोध किया और मदद के लिए अपने माता पिता को बुलाया तो युवकों मारपीट की। इस हमले में युवती सहित माता पिता घायल हो गए। फिलहाल युवती और उसके माता पिता का इलाज बुधनी अस्पताल में चल रहा है।

इधर युवती की शिकायत पर शाहगंज पुलिस ने दोनों आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

Ujjain News: उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र बड़नगर मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग पर बनाए जा रहे एलसी-23 रेलवे ओवरब्रिज के अधूरे निर्माण को पूरा करने का काम ग्वालियर की फर्म ने शुरू कर दिया है । सेतु निगम ने 6 माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब इस पूल के निर्माण का टेंडर दिया गया हो। इससे पूर्व में तीन बार इसके निर्माण के टेंडर दिए जा चुके हैं। पांच माह पहले भी इसके निर्माण का टेंडर दिया गया था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बड़नगर रोड के अधूरे रेलवे ओवर ब्रिज के लिए सेतु निगम ने नया टेंडर जारी किया था। इस टेंडर को ग्वालियर की फर्म श्याम गृह ने 4.86 करोड़ रुपए मैं लिया है। इसमें ठेका कंपनी ब्रिज के बचे हुए काम को 6 माह में पूरा करेगी। दरअसल, निर्माण कार्यों के इतिहास में यह पहला ब्रिज है, जिसका निर्माण 8 साल के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। अब ब्रिज के अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए दुबारा काम शुरू किया गया है। सिंहस्थ को मद्देनजर रखते हुए और बढ़ते ट्रैफिक लोड के चलते सेतु निगम ने वर्ष 2016-17 में अजय इंफोटेक प्रालि गुजरात को करीब 23 करोड़ रुपए में ब्रिज निर्माण का ठेका दिया था, जो कि ब्रिज का निर्माण पूरा किए बगैर ही काम छोड़कर चली गई।

बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 2016 में उस समय शुरू हुआ था जब उज्जैन में सिंहस्थ मेला चल रहा था। लेकिन 9 सालों के बाद भी इस पुल का निर्माण नहीं हो सका। वर्ष 2016-17 में सेतु निगम ने इस ब्रिज का टेंडर निकाला था। उस समय गुजरात की अजय इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड को इसका ठेका 23 करोड़ रुपये में दिया था। सेतु निगम ने कंपनी को बार-बार मौका दिया, इसके बावजूद कंपनी ने काम पूरा नहीं किया।

इसके सेतु निगम ने गुजरात कंपनी के खिलाफ मुकदमा कर दिया। इस वजह से दूसरी कंपनी को इसके निर्माण का जिम्मा सौंपा है। बता दें कि इस ब्रिज से रोजाना 50 से अधिक यात्री ट्रेनें और कई मालगाड़ियां गुजरती है। इसके निर्माण से 70 गाँवों के लोगों को सुविधा होगी।

Mahakumbh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे ने हर किसी का दिल दहला दिया। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे थे। इस दौरान देर रात अमृत स्नान के कुछ घंटे पहले मची भगदड़ में सैकड़ों लोग घायल हुए तो कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। इस पूरी घटना के बाद अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे है।

वहीं, शासन प्रशासन के लिए एक चुनौती भी सामने है जब बसंत पंचमी का पर्व नज़दीक आ चुका है। ऐसे में एक बार फिर यहां करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद होगी। ऐसी स्थिति में आगे इस तरह की घटना ना हो इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल, 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ में प्रतिदिन लाखों करोड़ों श्रद्धालु देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने से पहुंच रहे हैं।

मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में प्रशासनिक आंकड़ों की बात करें तो 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। बात दें कि उस वक्त हुई जब दूसरी अमृत स्नान के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे थे। ऐसे में स्नान के कुछ समय पूर्व क्षेत्र में भगदड़ मच गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं का अभाव और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त प्रयास न किए जाने का आरोप लगे। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या मार्ग दर्शन नहीं दिए गए थे जिससे यह हादसा हुआ।

हादसे के बाद कई तरह के सवाल भी खड़े हुए। कुछ लोगों का मानना है कि इस भगदड़ के लिए मुख्य रूप से प्रशासन ज़िम्मेदार है। आयोजन स्थल पर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे। सुरक्षा इंतज़ामों की कमी के कारण यह दुर्घटना हुई। प्रशासन ने पहले से इस बारे में कोई ठोस योजना नहीं बनाई थी। जिससे लोग एक साथ बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए। वहीं, प्रशासन की तरफ से जारी की गई केवल चेतावनी का भी सही ठंग से पालन नहीं हुआ। ऐसे में भगदड़ के चलते हज़ारो श्रद्धालु तितर बितर हो गए।

इस पूरे हादसे में कुछ ऐसे भी लोग है तो सरकार की नीतियों को इसका दोषी मान रहे हैं। जो इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त संसाधनों और तैयारियों का सही तरीके से प्रबंधन नहीं कर पाए। कुंभ जैसे विशाल आयोजन के लिए राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी होती है कि हर पहलू पर निगरानी रखें और उचित व्यवस्था तैयार करें, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते इस हादसे ने इतना बड़ा रूप लिया।

प्रयागराज में हाल ही में हुए कुंभ मेले के दौरान भगदड़एक दिल दहलाने वाला हादसा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए संगम क्षेत्र में उमड़े थे और इसी दौरान हुई भगदड़ में कई लोग घायल हो गए और कई की जान भी चली गई। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और व्यवस्था की कमी को लेकर सवाल उठाती है। खासतौर पर, जब बसंत पंचमी का पर्व नजदीक है, और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ फिर से उमड़ने की संभावना है, तो प्रशासन और सरकार के सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचें?

Mahakumbh: महाकुंभ 2025 से एक बड़ी खबर सामने आई है। किन्नर अखाड़े ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। यह निर्णय किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने लिया है। उनके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया और अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।

वहीं, अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और नए महामंडलेश्वर का चयन किया जाएगा। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सन्यास ग्रहण किया था। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनका पट्टाभिषेक (सन्यास दीक्षा) किया गया। इसके बाद, उन्हें नया आध्यात्मिक नाम “यमाई ममतानंद गिरी” दिया गया।

ममता कुलकर्णी लगभग 25 वर्षों के बाद भारत लौटीं थीं और सीधे महाकुंभ में शामिल हुईं। बताया जाता है कि उन्होंने 12 वर्षों की कठोर तपस्या की थी और पहले 2012 के कुंभ मेले में भी भाग लिया था। महामंडलेश्वर बनने के दौरान, उन्होंने अपना पिंडदान भी किया था, जो सन्यास प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होता है।

साधु-संतों में विरोध और विवाद

ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से ही अखाड़े के भीतर और अन्य साधु-संतों में नाराजगी देखने को मिली। वैष्णव किन्नर अखाड़े ने इस पट्टाभिषेक को फर्जी और अवैध करार दिया। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया। अखाड़े के कई अन्य संतों ने भी इस नियुक्ति का विरोध किया और इसे अखाड़े की परंपरा के खिलाफ बताया। लगातार बढ़ते विवाद और बगावत के कारण किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने यह कड़ा फैसला लिया और ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया। अब किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा, जिसमें नए महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर का चयन होगा।

Viral Girl Monalisa: प्रयागराज महाकुंभ से लाइमलाइट में आई कजरारे नैनों वाली मोनालिसा की किस्मत अब बदल गई है। वो रातों रात स्टार बन चुकी हैं। मोनालिसा को अब बॉलीवुड मूवी में काम भी मिल चुका है। जी हां, आपने सही सुना। माला बेचकर गुज़ारा करने वाली मोनालिसा का एक्टिंग डेब्यू होने वाला है। आखिर मोनालिसा को कौन सी मूवी मिली है और उन्हें किसने मूवी ऑफर की है? आइए जानते हैं।

निमाड़ की माटी में जन्मी कल-कल बहती मां नर्मदा के जल को पीकर उसके आंचल में खेलकर बड़ी हुई बंजारा समाज की खूबसूरत कजरारी आंखों वाली लड़की मोनालिसा का अब जल्द ही फिल्मी सफर शुरू होने वाला है। प्रयागराज महाकुंभ से वायरल हुई मोनालिसा अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। एक समय में नर्मदा तट स्थित किला घाट पर माला मोती बेचकर अपने परिवार और घर को चलने वाली मोनालिसा का समय अब बदलता नज़र आ रहा है। फिल्मों के लेखक और निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा उन्हें ‘‘द डायरी ऑफ मणिपुर‘‘ के लिए चुना गया है। आपकों बता दें कि सनोज मिश्रा द्वारा कई ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बनाई गई हैं और कई अवार्ड भी जीते हैं। उनके द्वारा मोनालिसा के परिवार से मुलाकात की गई है, लेकिन फिल्म को लेकर किस प्रकार की सहमति बनी है, अभी इस पर से पर्दा नहीं उठा है।

द डायरी ऑफ मणिपुर के डायरेक्टर सनोज मिश्रा। चित्र: सोशल मीडिया

फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा मोनालिसा का इंटरव्यू देखने के बाद उसे तलाशते हुए प्रयागराज महाकुंभ आ पहुंचे। यहां उनकी परिवार के सदस्यों से उनकी मुलाकात हुई। इसी के साथ परिवार के सदस्यों ने मोनालिसा और उनके पिता से डायरेक्टर सनोज मिश्रा की मोबाइल फोन पर बातचीत कराई। फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा के मुताबिक, फिल्म में काम मिलने का ऑफर सुनकर मोनालिसा और उसका परिवार बेहद खुश व उत्साहित हैं। इस फिल्म में काम मिलने के बाद मोनालिसा के परिवार की गरीबी खत्म होगी और आर्थिक स्थिति कुछ बेहतर होगी। मोनालिसा की दादी का कहना है, फिल्मों में काम मिलने से उनकी पोती की वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो जाएगी।

बता दें कि कुछ दूसरे लोग भी उसे जल्द ही अपनी फिल्मों में मौका दे सकते हैं। इस बीच मोनालिसा की सोशल मीडिया आईडी हैक कर ली गई है। किसी ने उनकी आईडी को हैक कर उसे ब्लॉक कर दिया है। फिल्मकार सनोज मिश्रा अब तक एक दर्जन फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके हैं। उनकी फिल्मों में काशी टू कश्मीर, डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल, लफंगे नवाब, गांधीगिरी, शशांक, गजनवी और राम की जन्मभूमि प्रमुख हैं।

प्रयागराज महाकुंभ वायरल गर्ल मोनालिसा की किस्मत को आखिरकार पंख लग ही गए। माला बेचने वाली को बॉलीवुड में एंट्री मिल ही गई। डायरेक्टर सनोज मिश्रा खुद मोनालिसा के परिवार से मिल चुके है और अपनी अपकमिंग मूवी के लिए साइन कर लिया। बहरहाल, देखना होगी कि बड़े पर्दे पर भी कजरारी आंखों वाली मोनालिया का जादू कितना चलता है।

Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के गुबरा गांव में एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक, यहाँ पूरे गांव को जान से मारने की साजिश रची गई। दरअसल, गांव के सरकारी बोरवेल में जहरीला पदार्थ मिलाए जाने के कारण इलाके में हड़कम्प और दहशत का माहौल बन गया है।

जानकारी के अनुसार, सुबह-सुबह जब ग्रामीणों ने बोरवेल के हैंडपम्प से पानी निकाला और उसका इस्तेमाल किया, तो चार लोग अचानक बेहोश हो गए। इस पर गांववालों में दहशत फैल गई और तुरंत ही उन्हें अस्पताल भेजा गया। जब ग्रामीणों ने मौके पर जांच कि तो पाया कि हैंडपम्प के पास एक खाली ज़हर का डिब्बा पड़ा था और पानी से झाग निकल रहा था, जिससे यह साफ हो गया कि बोरवेल में ज़हर मिलाया गया है।

इस घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद मौके पर जांच के लिए पीएचई विभाग के अधिकारियों को भेजा गया। इलाके के एसडीएम के मुताबिक, बोरवेल में ज़हर डालने की शिकायत मिली है और कुछ लोग इसके शिकार भी हुए हैं।

फिलहाल, लोगों को उस पानी का उपयोग करने से मना कर दिया गया है और हर पहलू पर जांच की जा रही है। पुलिस इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार कौन है जो पूरे गांव के लोगों की जिंदगी से खेलना चाहता था?

Indore News : मेगा ब्लॉक के कारण इंदौर से आने और जाने वाली कुछ ट्रेनों को कैंसिल किया गया है। उत्तर रेलवे के फिरोजपुर मंडल में जम्मूतवी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए ब्लॉक प्रस्तावित किया गया है। जिसके कारण 20 जनवरी से अलग-अलग तारीखों में इंदौर-उधमपुर ट्रेनें निरस्त रहेंगी।

एक मार्च से इंदौर से चलने वाली भी कई ट्रेनों को रेलवे ने रद्द कर दिया है। जम्मूतवी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य के चलते रेल प्रशासन ने यह फैसला लिया है। यात्रियों को ट्रेनों के निरस्त होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि रतलाम रेल मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए महू-बांद्रा स्पेशल ट्रेन के फेरे बढ़ाए गए हैं।

साथ ही यात्रियों की मांग को देखते हुए इंदौर-जोधपुर और रणथंभोर एक्सप्रेस में भी अतिरिक्त स्लीपर कोच जोड़े गए हैं। जानकारी के अनुसार 5 मार्च को मालवा एक्सप्रेस निरस्त रहेगी। 3 से 7 मार्च तक श्री वैष्णोदेवी कटरा-महू ट्रेन भी निरस्त रहेगी। इंदौर-उधमपुर एक्सप्रेस 20, 27 जनवरी और 3, 10, 17, 24 फरवरी को निरस्त रहेगी। इसके अलावा उधमपुर – इंदौर एक्सप्रेस 22, 29 जनवरी, 5, 12, 19, 26 फरवरी और 5 मार्च को निरस्त रहेगी।

रतलाम रेल मण्डल के पीआरओ खेमराज मीना ने बताया कि जम्मूतवी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास को लेकर कुछ ट्रेनों को निरस्त किया गया है। हालांकि यात्रीयों की सुविधा को देखते हुए रेलवे मण्डल द्वारा कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई है।

Union Carbide Waste: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड कम्पनी के जहरीले कचरे के निष्पादन का विरोध शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा l शनिवार सुबह करीब 9 बजे तारपुरा गांव में स्थित रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री पर पथराव किया गया। इसमें कुछ वाहनों के कांच टूट गए। इसके बाद पुलिस ने लोगों को रामकी कंपनी के पास से खदेड़ा।

वहीं, पुलिस ने पथराव करने वाले अज्ञात लोगों पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कंपनी के आसपास पुलिस पेट्रोलिंग जारी है, वहीं तारपुरा गांव में पुलिस का फ्लैग मार्च भी निकाला गया। मौके पर तैनात एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर ने बताया कि पथराव की वजह एक अफवाह को बताया जा रहा है। ये अफवाह फैलाई गई थी कि भोपाल से आए कंटेनरों को खोलकर यहां कचरा अनलोड किया जा रहा है। यह भी कहा गया कि अनलोडिंग में एक मजदूर घायल हुआ है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कोई कंटेनर नहीं खोला गया है। मैंने खुद सभी कंटेनरों को चेक किया है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पूरी तरह शांति है और स्थिति हमारे नियंत्रण में है। कंपनी परिसर और इसके 100 मीटर दायरे में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। इसका उल्लंघन करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।

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Manmohan Singh Death: आर्थिक सुधारों के जनक और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। देर शाम तबीयत बिगड़ने के बाद सिंह को दिल्ली एम्स के इमरजेंसी विभाग में एडमिट कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री रहते हुए इंडियन इकोनॉमी की तस्वीर बदल दी। भारत के आर्थिक उदारीकरण में डॉ मनमोहन का अविस्मरणीय योगदान रहा है। बता दें कि 90 के दशक में जब देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था उस समय वित्तमंत्री रहते हुए कई बड़े फैसले लिए।

कई बड़े फैसले लेकर बदल देश की दिशा

देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने में साल 1991 में डॉ मनमोहन सिंह ने कई बड़े फैसले लिए जो मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने लाइसेंस राज को समाप्त कर दिया। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के लिए उन्होंने अर्थव्यवस्था खोल दिया। भारत में उन्होंने ग्लोबलाइजेशन, लिबरलाइज़ेशन और प्राइवेटाइजेशन के नए युग की शुरुआत की। अपनी दूरदर्शिता और सूझ-बूझ से उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ भारत को निकाला।

जब इंडियन इकोनॉमी क्रैश हो गई थी

मनमोहन ने देश को गहरे आर्थिक संकट से निकालने में अहम भूमिका थी। यह ऐसा दौर था जब विदेशी मुद्रा भंडार ख़त्म हो गया था और देश दिवालिया होने की कगार पर था। देश में महंगाई चरम पर थी और इंडियन करेंसी क्रैश हो चुकी थी। केंद्र में नरसिम्हा राव की सरकार थी। उस समय रूपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 फीसदी लुढ़क गया था और देश में फॉरेक्स रिजर्व केवल 6 अरब डॉलर बचा था। जो महज दो हफ्ते के लिए था। देश का राजकोषीय घाटा 8 प्रतिशत और चालू खाता घाटा 2.5 प्रतिशत पहुंच गया था।

मनमोहन सिंह का वो ऐतिहासिक बजट

गहरे आर्थिक संकट के हालातों में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह देश के 22वें फाइनेंस मिनिस्टर बनें। इस दौरान उन्होंने 24 जुलाई 1991 को अपना पहला बजट पेश किया और आर्थिक उदारीकरण के लिए बड़े फैसलों का ऐलान किया। कहा जाता है कि 1991के इस बजट ने इंडियन इकोनॉमी की सूरत बदल दी। डॉ सिंह ने आयात शुल्क को 300 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया और सीमा शुल्क को 220 प्रतिशत से 150 प्रतिशत कर दिया। आयात को सुगम बनाने के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को आसान कर दिया। देश की सूरत बदलने के लिए ग्लोबलाइजेशन, लिबरलाइज़ेशन और प्राइवेटाइजेशन की बात कही गई। विदेशी निवेशकों को बढ़ाकर देश में प्राइवेट कंपनियों को आयात की आजादी दी गई।

60 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई

इस दौरान उन्होंने TDS की शुरुआत करके कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाने का ऐलान कर दिया। साथ ही प्राइवेट सेक्टर की म्यूचुअल फंड में भागीदारी की अनुमति दी। वहीं तक़रीबन ख़त्म हो चुके विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक ऑफ इंग्लैंड समेत अन्य संस्थानों के पास इंडियन गोल्ड को गिरवी रखने का निर्णय लिया। इससे उन्होंने करीब 60 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई।

Israel attacks: इज़राइल ने गाजा के दो अस्पतालों पर हमला कर दिया है, जिसमें 26 लोगों के घायल होने की ख़बर हैं। अल जजीरा की ख़बर के मुताबिक, इजरायल ने नार्थ गाजा के घिरे जबालिया रिफ्यूजी कैंप में अल-अवदा हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर गोलाबारी की है। साथ ही इजरायली सेना ने नार्थ बेइत लाहिया के कमल अदवान हॉस्पिटल में रिमोट-नियंत्रित विस्फोटकों से विस्फोट किया है।

ख़बरों के मुताबिक, इस हमले में 20 मरीज और डॉक्टर घायल हो गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के का कहना हैं कि बेत लाहिया में भी इजरायली सैनिक घायल और बीमार लोगों को इंडोनेशियाई अस्पताल छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मध्य दीर अल-बलाह में इजरायली बलों ने भूखे फिलिस्तीनियों को सहायता पहुंचाने जा रहे वाहनों के काफिले पर ड्रोन से हमला कर दिया। जिसमें चार सुरक्षा गार्ड मारे गए और बीते दिन मरने वालों की संख्या 26 हो गई।

गौरतलब हैं कि 7 अक्टूबर, 2023 से गाजा पर इजरायल के युद्ध में कम से कम 45,317 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। साथ ही 107,713 अधिक लोग घायल हो गए। जबकि हमास के नेतृत्व वाले हमलों के दौरान इजरायल में कम से कम 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक को बंदी बना लिया गया था।