छतरपुर। छतरपुर के बागेश्वर धाम के पास अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली है। सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया कि शव दो-तीन दिन पुराना है। एडीशनल एसपी विक्रम सिंह का कहना कि नग्न अवस्था मे पाए गए शव के मुंह में कपड़ा था। संदेह है कि उसके साथ किसी ने अप्राकृतिक कृत्य कर उसकी हत्या कर दी है। वहीं, पुलिस को पास के एक खेत से मृतक के कपड़े बरामद हुए है।

इससे पहले 29 अगस्त, 2023 को बागेश्वर धाम से एक बच्ची लापता हो गई है। दरअसल, नालंदा (बिहार) से संतोष पांडेय अपनी पत्नी और बेटी के साथ 27 अगस्त को बागेश्वर धाम पहुंचे थे। बाबा धीरेंद्र शास्त्री के सामने अर्जी लगाने के लिए दरबार हॉल में खड़े हुए थे। इसी दौरान पांडेय की बेटी अचानक लापता हो गई। जिसकी शिकायत करने वे बमीठा पुलिस थाने पहुंचे। पीड़ित दंपत्ति के मुताबिक, पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई FIR दर्ज नहीं की है।

अपनी बेटी के गुमने के क्षोभ में पुरोहित दंपत्ति कुछ नहीं कह पा रहा है। हालांकि, उसके पिता ने बताया कि वे यहां अपनी 12 साल की बेटी की झाड़ फूंक करवाने आए थे। दरअसल, उनकी पुत्री बहुत तनाव में रहती है। इसी समस्या से उसको निजात दिलाने के लिए वे बागेश्वर धाम आये थे।

मध्य प्रदेश। इस साल भी किसानों की सोयाबीन फसल अल्प वर्षा के कारण पूरी तरह खराब हो चुकी है। जिसके चलते किसानों पर आर्थिक संकट आ गया है। यही वजह है कि प्रदेशभर किसान आक्रोशित नजर आ रहे हैं। इसी को लेकर भैरूंदा में यूथ कांग्रेस ने सोयाबीन की फसल खराब होने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा है।

युवा कांग्रेस मंडल के अध्यक्ष राजकुमार पटेल का कहना हैं कि किसानों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा है कि क्षेत्र को सूखा घोषित किया जाए। साथी ही किसानों को उचित बीमा राशि का भुगतान और ऋणों के ब्याज की राशि को माफ किया जाए। ज्ञापन भैरूंदा के एसडीएम एमएस रघुवंशी को दिया गया है।

इसी तरह सागर जिले में किसानों में सोयाबीन की चौपट होती फसल को लेकर आक्रोश है। किसानों का कहना हैं कि सोयाबीन की फसल पीली पड़ चुकी है। वहीं ईल्ली का भी प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। किसानों ने कहा कि बारिश होने के बाद जैसे ही मौसम खुला तो पछेती बोनी की फसल अब खत्म चुकी है। किसानों का कहना है कि उन्होंने दो से तीन बार सोयाबीन फसल पर कीटनाशक दवाओं का स्प्रे किया। लेकिन ईल्ली पर कोई खास असर नहीं हो रहा है और फसल खराब हो चुकी है। किसानों की मांग है कि शिवराज सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से लें और उसका हल निकालें।

बता दें कि जहां देशभर में सोयाबीन की खेती का रकबा व उत्पादन दोनों बढ़ रहा है। वहीं मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों से अलग स्थिति है। राज्य में सोयाबीन की फसल का उत्पादन और उत्पादकता दोनों घट गई है। कृषि विभाग की रिर्पाेट के मुताबिक बीते कुछ सालों से प्रदेश में सोयाबीन की उत्पादकता 500 से 600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है।