Budhani News: बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का लंबे समेत तक विधानसभा क्षेत्र रहा है। लेकिन अब बुधनी में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश की बेटियों में मामा के नाम से प्रसिद्ध शिवराज सिंह भांजियां उनके ही क्षेत्र में असुरक्षित महसूस कर रही है।

हाल ही में बुधनी के शाहगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक युवती से सरेराह छेड़छाड़ की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गाँव के नितेश और कल्लू नमक दो युवकों ने ने बुरी नियत से अपने पड़ोस में रहने वाली 27 वर्षीय युवती से सरेराह छेड़छाड़ की।

युवती और उसका घायल पिता। चित्र : एसीएन भारत

जब युवती ने इसका विरोध किया और मदद के लिए अपने माता पिता को बुलाया तो युवकों मारपीट की। इस हमले में युवती सहित माता पिता घायल हो गए। फिलहाल युवती और उसके माता पिता का इलाज बुधनी अस्पताल में चल रहा है।

इधर युवती की शिकायत पर शाहगंज पुलिस ने दोनों आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

इंदौर। सनातन और हिन्दुत्व की बात करने वाली बीजेपी सरकार हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है। यह कहना हैं कि इंदौर के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी का। उनका कहना हैं कि देश भर में जहां-जहां बीजेपी सरकार है, वहां मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है।

द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद विकास और अतिक्रमण के नाम पर कई बार मठ मंदिरों और आश्रमों पर तोड़फोड़ की गई है। इस मामले में उन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। द्विवेदी ने बताया कि इंदौर में कंप्यूटर बाबा का आश्रम, गौशाला और यज्ञ शाला जमींदोज कर दिए गए। वहीं सुपर कॉरिडोर, जनशक्ति नगर, सूर्यदेव नगर और बावड़ी हादसे वाले बेलेश्वर महादेव मन्दिर को भी निशाना बनाया गया। भाजपा के राज में हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया जा रहा है। हिंदुत्व और सनातन धर्म की बात करने वाले हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बीजेपी की गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकार ने सैकड़ों मंदिर तोड़े है। साथ ही कम्प्युटर बाबा जब बीजेपी सरकार में होते हैं तो उनके आश्रम अतिक्रमण नहीं होते हैं। लेकिन वे वृक्षों के मामले उठाते हैं, रेत खनन के मामले उठाते हैं, तो अतिक्रमणकारी होते हैं। मंदिर तोड़े जाते हैं लेकिन बीजेपी नेताओं के करीबियों द्वारा कब्ज़ा की गई जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है।