Friday, April 18, 2025

Ujjain News: बाबा महाकाल की शरण में अभिनेता दिलजीत दोसांझ, भस्म आरती में लिया हिस्सा

दिलजीत सिंह दोसांझ ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्मारती में हिस्सा लिया और अपने लिए आशीर्वाद मांगा। ख़बरों के मुताबिक, दिलजीत अलसुबह 4 बजे महाकाल मंदिर पहुंच गए।

Ujjain News: पंजाबी गायक, अभिनेता और निर्माता दलजीत सिंह दोसांझ इंदौर में अपने सफल कॉन्सर्ट के महाकाल की शरण में पहुंचे। बता दें कि रविवार को दिल लुमिनाटी टूर के तहत वे इंदौर में मौजूद थे। यहां उन्होंने बजरंग दल के विरोध के बीच अपना सफल कॉन्सर्ट किया। दरअसल, बजरंग दल का कहना था कि इंदौर में यह पहला मौका है जब किसी संगीत कार्यक्रम खुलेआम शराब और मांस परोसा जा रहा है। इसके चलते बजरंग दल विरोध करता रहा।

बहरहाल, दिलजीत सिंह दोसांझ ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्मारती में हिस्सा लिया और अपने लिए आशीर्वाद मांगा। ख़बरों के मुताबिक, दिलजीत अलसुबह 4 बजे महाकाल मंदिर पहुंच गए। इस दौरान वे तकरीबन दो घंटों तक बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए। इस दौरान अभिनेता ने नंदी हाल में बैठकर पंचामृत अभिषेक करते हुए भस्मारती ली।

इसके बाद दलजीत सिंह ने गर्भगृह की चौखट पर मत्था टेककर बाबा महाकाल का पूजन किया और आशीर्वाद लिया। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें पूजा और आरती करवाई। इस दौरान मन्दिर समिति की ओर से दलजीत सिंह दोसांझ का सम्मान भी किया गया। उन्हें बाबा महाकाल की तस्वीर और प्रसाद के साथ दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया।

दलजीत सिंह के साथ उनके फैंस भी थे, जिन्होंने उनसे सेल्फी लेने की होड़ मचाई। इस मौके पर गायक ने कहा कि मैं बाबा महाकाल के दर्शन करके कितना अभिभूत हूँ, इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूँ। उनका आशीर्वाद लेना मेरे लिए सौभाग्य हैं।

पोताला तिब्बती शरणार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया

उज्जैन: यहां के आगर रोड स्थित पोताला तिब्बती शरणार्थी वुलन मार्केट में व्यापारियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर व्यापारियों ने अपना व्यापार दोपहर 1 बजे तक बंद रखा और दिन की शुरुआत में शांति के लिए पूजा अर्चना की।

पूजा के बाद सभी ने अपने धर्मगुरु की लंबी उम्र की प्रार्थना की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं।

बता दें कि इस दिन को तिब्बती समुदाय के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि 1989 में दलाई लामा को विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। तिब्बती समुदाय प्रतिवर्ष इस दिन को उत्सव के रूप में मनाता है। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के बाद से 1948 से यह दिन दुनियाभर में मनाया जाता है।

तिब्बती मार्केट के अध्यक्ष डोलकर ने इस मौके पर सभी व्यापारियों का आभार व्यक्त किया और इस दिन के महत्व को बताया।

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