PSR: मध्य प्रदेश के रीवा के जिले के बिछिया थाना क्षेत्र में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है।जहां सड़क हादसे में पति की मौत के बाद पत्नी ने अपनी मृत पति के शव से स्पर्म प्रिजर्व करने यानी मरणोपरांत शुक्राणु पुनर्प्राप्ति (Posthumous sperm retrieval) की डिमांड कर डाली।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिछिया थाना निवासी जितेंद्र सिंह गहरवार की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जिसके चलते मृतक गहरवार की पत्नी ने अपने मृत पति से संतान उत्त्पत्ति के लिए स्पर्म प्रिजर्व करने की मांग कर डाली। दोनों को शादी 4 महीने पहले ही हुई थी लेकिन अचानक पति की एक्सीडेंट में मौत हो गई। जितेंद्र की पत्नी चाहती थी कि उसके होने वाली संतान उसके पति की हो ताकि उनकी आनुवंशिक विरासत कायम रह सकें। लिहाजा, उसने अपने मृत पति के शव से स्पर्म प्रिजर्व करने की मांग कर दी।

इस मामले में जब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजा तो पत्नी ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। उसने डॉक्टरों से अपने पति का स्पर्म प्रिजर्व करने की मांग की। महिला को चिकित्सकों ने समझाया कि 24 घंटे के भीतर मृतक के शरीर से स्पर्म को प्रिजर्व करना जरूरी होता है, लेकिन 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका था और अस्पताल में इसकी कोई सुविधा भी नहीं थी। इसके बाद डॉक्टरों ने इसे असंभव बताते हुए पति का स्पर्म प्रिजर्व करने से इनकार कर दिया। इस पर मृतक की पत्नी ने हंगामा कर दिया।

हालांकि, अस्पताल प्रबंधक डेड बॉडी से स्पर्म प्रिजर्व करने के कानूनी अधिकार के बारे में मना करता रहा। फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. रजनीश कुमार पांडे ने बताया कि ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं हैं कि वह डेड बॉडी से स्पर्म निकालकर स्पर्म प्रिजर्व कर सकें। पांडे ने बताया कि डेड बॉडी से 24 घंटे के अंदर स्पर्म निकाला जा सकता है। लेकिन डेड बॉडी से स्पर्म प्रिजर्व करने की कोई गाइड लाइन नहीं हैं। बहरहाल, पुलिस और डॉक्टरों की समझाइश के बाद महिला ने शांति बनाई और शव का पोस्टमार्टम कराया। बाद में शव परिजनों को सौंप दिया गया।
क्या कहता हैं कानून?
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में भी शुक्राणु पुनर्प्राप्ति (पीएसआर) का कानून हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, सहायक प्रजनन तकनीक नियम-2022 में “मरणोपरांत शुक्राणु की पुनर्प्राप्ति” की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। यह संभव केवल उन मामलों में हैं जिसमें मृतक विवाहित है और उसके स्पर्म (शुक्राणु) की डिमांड करने वाला उसका लाइफ पार्टनर है।
इन देशों भी कानून
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उरुग्वे, बेल्जियम समेत कई देशों में शुक्राणु पुनर्प्राप्ति (पीएसआर) का कानून हैं। उरुग्वे में लिखित सहमति के बाद एक साल तक के लिए प्रजनन की अनुमति है। बेल्जियम भी मौत के छह महीने के अंदर इसकी अनुमति प्रदान करता है। वहीं, इजराइल में तो वहां का स्वास्थ्य मंत्रालय पीएसआर प्रोग्राम आयोजित करके मृत युवा पुरुषों (विशेष तौर पर सैनिक) का स्पर्म प्रिजर्व करता हैं, ताकि मृतक की आनुवंशिक विरासत कायम रह सकें।

स्पर्म को कब तक फ्रीज किया जा सकता है?
इजराइली स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मृत्यु के 24 घंटे के अंदर शुक्राणु को एकत्रित किया जाना चाहिए। ताकि स्पर्म को फ्रीज कर अंडे को निषेचित करने लिए प्रयोग किया जा सकें। वहीं, इस मामले एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि पीएसआर मृत्यु के कई दिनों बाद भी किया जा सकता है। लेकिन तब तक स्पर्म मूवेबल नहीं रहता। लेकिन, कपलान मेडिकल सेंटर में आईवीएफ यूनिट के प्रमुख डॉ. युवल का कहना हैं कि अनमूवेबल स्पर्म जीवित रहता हैं और हमारे पास ऐसी तकनीक है जिससे हम इसे फ्रीज कर जमने के बाद मूवेबल बना सकते हैं।